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मनरेगा में घोटाला : खर्च सीमा दो लाख पर भुगतान किया छह लाख का
सार
कानपुर सहित प्रदेश के 33 जिलों में मनरेगा योजना के तहत वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू हुई है। नियमों के विरुद्ध दो लाख रुपये से अधिक के भुगतान मामलों में ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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विस्तार
कानपुर। प्रदेश में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों रुपये की धांधली का पर्दाफाश हुआ है। 33 जिलों में वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू की गई है। इनमें जिले के बिल्हौर और ककवन ब्लाक की दो ग्राम पंचायतें भी हैं। दोनों ग्राम पंचायतों में मेड़बंदी और चकरोड के नाम पर करीब छह लाख रुपये का भुगतान हुआ जबकि दो लाख रुपये से अधिक के भुगतान पर रोक है। संयुक्त आयुक्त मनरेगा संजय कुमार ने सीडीओ को पत्र जारी कर कराए गए विकास कार्यों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करके एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
मनरेगा योजना के तहत प्रधान और सचिव के पास किसी व्यक्ति का निजी कच्चा काम जैसे मेड़बंदी, खेत समतलीकरण, पौधरोपण, कैटेल शेड, चकरोड निर्माण आदि कार्य कराने का अधिकार है लेकिन इन कामों में भुगतान सिर्फ दो लाख रुपये तक ही करने का नियम है। इसके बाद भी ब्लाॅक में बैठे जिम्मेदार मनमाना भुगतान कर रहे हैं। शासन स्तर से वर्ष 2024-25 में मनरेगा के तहत कराए गए व्यक्तिगत कार्यों में हुए भुगतान की जांच की तो पता चला कि बिल्हौर ब्लाक की देबीपुर सरई ग्राम पंचायत में मुन्ना सिंह के खेत के चारों तरफ मेड़बंदी और जंगल की सफाई का काम दिखाकर 2.23 लाख का भुगतान किया गया।
वहीं, ककवन ब्लाक की रहीमपुर विषधन ग्राम पंचायत में हरिपुरवा में रामौतार के घर से मंगू राठौर के खेत तक चकरोड का का काम दिखाकर 3.62 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। प्रदेश भर की ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत कार्यों को लेकर मॉनीटरिंग की गई तो दो लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने में प्रदेश के 33 जिलों की 238 ग्राम पंचायतों में धांधली पकड़ी गई है। शासन स्तर से जारी रिपोर्ट में ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायकों की भूमिका संदिग्ध मिली है। शासन के निर्देश हैं कि नियमविरुद्ध तरीके से भुगतान करने वालों की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।
इन जिलों में खुला फर्जीवाड़ा
अलीगढ़, अमेठी, बलिया, बस्ती, चंदौली, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फीरोजाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, कानपुर नगर, कासगंज, कौशांबी, खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, संत रविदासनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सुल्तानपुर एवं उन्नाव में धांधली पकड़ी गई है। सभी जिलों में जांच कर शासन ने रिपोर्ट मांगी है।
वर्जन-
अभी शासन से जांच कराने का आदेश आया है। अब टीम गठित कर दोनों ग्राम पंचायतों में जांच कराएंगे। अगर गलत तरीके से भुगतान किया गया है तो दोषियों पर कार्रवाई होगी । दीक्षा जैन, सीडीओ
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वहीं, ककवन ब्लाक की रहीमपुर विषधन ग्राम पंचायत में हरिपुरवा में रामौतार के घर से मंगू राठौर के खेत तक चकरोड का का काम दिखाकर 3.62 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। प्रदेश भर की ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत कार्यों को लेकर मॉनीटरिंग की गई तो दो लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने में प्रदेश के 33 जिलों की 238 ग्राम पंचायतों में धांधली पकड़ी गई है। शासन स्तर से जारी रिपोर्ट में ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायकों की भूमिका संदिग्ध मिली है। शासन के निर्देश हैं कि नियमविरुद्ध तरीके से भुगतान करने वालों की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।
इन जिलों में खुला फर्जीवाड़ा
अलीगढ़, अमेठी, बलिया, बस्ती, चंदौली, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फीरोजाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, कानपुर नगर, कासगंज, कौशांबी, खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, संत रविदासनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सुल्तानपुर एवं उन्नाव में धांधली पकड़ी गई है। सभी जिलों में जांच कर शासन ने रिपोर्ट मांगी है।
वर्जन-
अभी शासन से जांच कराने का आदेश आया है। अब टीम गठित कर दोनों ग्राम पंचायतों में जांच कराएंगे। अगर गलत तरीके से भुगतान किया गया है तो दोषियों पर कार्रवाई होगी । दीक्षा जैन, सीडीओ