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Kanpur News: तीन एनजीओ के बैंक खाते संदिग्ध, डॉ. शाहीन से जुड़ रहे तार
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कानपुर।
फरीदाबाद में भारी विस्फोटक मिलने और दिल्ली धमाके के बाद जांच एजेंसियां लगातार इस घटना से जुड़े तार खंगाल रही हैं। एजेंसियां घटना में हुई फंडिंग की जांच कर रही हैं। इस जांच में एजेंसियों को संवेदनशील इलाकों की घनी बस्तियों में काम करने वाले तीन एनजीओ के बैंक खाते संदिग्ध मिले हैं। इनके तार डॉ. शाहीन से जुड़ रहे हैं।
शहर से डॉ. शाहीन और डॉ. आरिफ के नाम सामने आने के बाद एजेंसियों ने कई संदिग्धों और एनजीओ की गतिविधियों पर नजर रखी। डॉ. शाहीन और इन तीन एनजीओ के खातों की जांच में कई संदिग्ध लेनदेन मिले। इन बैंक खातों में विदेश से भी रकम आने की बात सामने आई। माना जा रहा है कि इन खातों से काफी रकम कुछ युवतियों के बैंक खातों में भेजी गई है। यह रकम उन्हें हनी ट्रैप जैसे मामलों में लोगों को फंसाने के बदले मेहनताना के रूप में दी गई है।
ऐसे में अब जांच में जुटीं एजेंसियां इन एनजीओ के दस्तावेज, बैंक डिटेल्स और इनमें काम करने वालों को पासपोर्ट, आधार आदि जानकारियां जुटा रहीं हैं। इसके अलावा इन एनजीओ का स्थानीय स्तर पर क्या नेटवर्क है और उससे कौन-कौन जुड़ा है इसका भी पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है।
संदिग्ध युवती को पूछताछ के बाद छोड़ा
एनजीओ की जांच में जुटी एजेंसियों ने रायपुरवा एक युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। युवती ने बताया कि उसे एनजीओ के कार्यक्रम में एक बार जाने के बदले 1300 रुपये मिलते थे। उसका बैंक खाता यह कहकर खोला गया था कि दूसरे देशों में रहने वाले संपन्न लोग यहां के जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं। वहीं, इन खातों में रुपये भेजेंगे। बैंक खाते का एटीएम और चेकबुक भी इस युवती ने अपने पास न हाेने का दावा किया। बताया कि उसे 1000 रुपये यह कह कर दिए जाते थे कि बाहर से मदद आई है। हालांकि, जांच में जवाबों पर संतुष्ट होने के बाद युवती को यह कहकर छोड़ दिया गया है कि वह किसी भी हालत में शहर नहीं छोड़ेगी।
संवेदनशील इलाके में अकेले रहने आए 46 किरायेदार गुम
कानपुर। जांच में जुटी एजेंसियां शहर में ऐसे लोगों पर नजर जमाए है जो कुछ माह पहले शहर में रहने आए लेकिन अब गुम हो गए हैं। इनमें से अधिकतर अकेले ही रहने आए थे। अब तक की जांच में 46 लोग ऐसे मिले हैं जो अब घरों पर ताला लगाकर कहीं चले गए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इन्हें किराये का कमरा देेने से पहले मकान मालिकों ने इनका सत्यापन नहीं कराया था। ऐसे में एजेंसियां इनकी जांच में जुट गई हैं। संवाद
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शहर से डॉ. शाहीन और डॉ. आरिफ के नाम सामने आने के बाद एजेंसियों ने कई संदिग्धों और एनजीओ की गतिविधियों पर नजर रखी। डॉ. शाहीन और इन तीन एनजीओ के खातों की जांच में कई संदिग्ध लेनदेन मिले। इन बैंक खातों में विदेश से भी रकम आने की बात सामने आई। माना जा रहा है कि इन खातों से काफी रकम कुछ युवतियों के बैंक खातों में भेजी गई है। यह रकम उन्हें हनी ट्रैप जैसे मामलों में लोगों को फंसाने के बदले मेहनताना के रूप में दी गई है।
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ऐसे में अब जांच में जुटीं एजेंसियां इन एनजीओ के दस्तावेज, बैंक डिटेल्स और इनमें काम करने वालों को पासपोर्ट, आधार आदि जानकारियां जुटा रहीं हैं। इसके अलावा इन एनजीओ का स्थानीय स्तर पर क्या नेटवर्क है और उससे कौन-कौन जुड़ा है इसका भी पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है।
संदिग्ध युवती को पूछताछ के बाद छोड़ा
एनजीओ की जांच में जुटी एजेंसियों ने रायपुरवा एक युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। युवती ने बताया कि उसे एनजीओ के कार्यक्रम में एक बार जाने के बदले 1300 रुपये मिलते थे। उसका बैंक खाता यह कहकर खोला गया था कि दूसरे देशों में रहने वाले संपन्न लोग यहां के जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं। वहीं, इन खातों में रुपये भेजेंगे। बैंक खाते का एटीएम और चेकबुक भी इस युवती ने अपने पास न हाेने का दावा किया। बताया कि उसे 1000 रुपये यह कह कर दिए जाते थे कि बाहर से मदद आई है। हालांकि, जांच में जवाबों पर संतुष्ट होने के बाद युवती को यह कहकर छोड़ दिया गया है कि वह किसी भी हालत में शहर नहीं छोड़ेगी।
संवेदनशील इलाके में अकेले रहने आए 46 किरायेदार गुम
कानपुर। जांच में जुटी एजेंसियां शहर में ऐसे लोगों पर नजर जमाए है जो कुछ माह पहले शहर में रहने आए लेकिन अब गुम हो गए हैं। इनमें से अधिकतर अकेले ही रहने आए थे। अब तक की जांच में 46 लोग ऐसे मिले हैं जो अब घरों पर ताला लगाकर कहीं चले गए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इन्हें किराये का कमरा देेने से पहले मकान मालिकों ने इनका सत्यापन नहीं कराया था। ऐसे में एजेंसियां इनकी जांच में जुट गई हैं। संवाद