{"_id":"68ac2ebc49a7f803fa0bdf38","slug":"up-353-investment-proposals-worth-rs-23687-crores-shown-only-on-paper-2025-08-25","type":"story","status":"publish","title_hn":"UP: बस कागजों में दिखा दिए 23687 करोड़ रुपये के 353 निवेश प्रस्ताव, इन्वेस्टर समिट में निवेश के नाम पर छलावा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UP: बस कागजों में दिखा दिए 23687 करोड़ रुपये के 353 निवेश प्रस्ताव, इन्वेस्टर समिट में निवेश के नाम पर छलावा
अमित अवस्थी, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 25 Aug 2025 03:14 PM IST
सार
Kanpur News: स्क्रीनिंग में केवल 36598.58 करोड़ निवेश प्रस्ताव के 475 एमओयू ही बचे, बाकी खारिज हुए।
विज्ञापन
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन
विस्तार
पिछले साल फरवरी में हुए यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रखे गए 353 प्रस्ताव वास्तव में छलावा थे। इनके जरिए शहर में 23687.39 करोड़ का निवेश प्रस्तावित था। वास्तव में ये हकीकत में थे ही नहीं अब शासन की स्क्रनिंग में इनकी पोल भी खुल गई है। स्क्रीनिंग के बाद केवल 36598.58 करोड़ के निवेश के 475 एमओयू ही बचे हैं। पहले अलग अलग विभागों ने 60285.97 करोड़ का निवेश के लिए शहर के उद्यमियों के साथ 828 एमओयू कर डाले थे।
शुरुआत में दिखाए गए 828 एमओयू में 4,18,312 से ज्यादा रोजगार के सृजन का आकलन किया गया था। स्क्रीनिंग के बाद यह अनुमान भी घटकर 1,24,336 रह गया है। 21 अगस्त की इन्वेस्ट यूपी की रिपोर्ट के मुताबिक शहर में अब तक सिर्फ 2655.64 हजार करोड़ के 83 परियोजनाओं में ही व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो पाया है। केवल 5791 लोगों को रोजगार मिला है। इनमें 80 करोड़ की लागत वाली पनकी स्थित दवा इकाई और 50 करोड़ की प्लास्टिक इकाई शामिल है। 410 करोड़ के दो रियल इस्टेट प्रोजेक्टों को रेरा से अनुमति मिल गई है। डिफेंस कॉरीडोर में 45 करोड़ से रक्षा-प्रतिरक्षा उत्पादों का उत्पादन शुरू किया गया है।
दरअसल इंवेस्टर समित के लिए एमओयू के इंटेंट बिना जांचे-परखे ही भरवाए गए। 60 प्रस्तावों का तो दो-दो बार पंजीकरण कर लिया गया। उन्नाव, कानपुर देहात और फर्रुखाबाद के लिए आए प्रस्तावों के भी शहर में दिखाया गया। रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर को इसमें शामिल करा दिया गया। इसमें 6000 करोड़ रुपये से 200 यूनिटों को लगना दिखाया गया। पशुपालन विभाग ने 152 प्रस्तावों में तो गजब घालमेल मिला। बकरी-बकरा पालन के निवेश प्रस्ताव एक करोड़ से ज्यादा के दिखाए गए। ऐसे 33 प्रस्तावों की स्क्रीनिंग की गई तो कहीं पर 15 तो कहीं 20 बकरे या बकरी मिली, जिनमें 10-15 लाख का निवेश ही हुआ था। इन निवेश प्रस्तावों को भी हटा दिया गया है। अब 119 प्रस्ताव इस विभाग के बचे हैं।
नवरात्र, दिवाली में शुरू हो सकते 35 प्रोजेक्ट
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के लिए 6205.84 करोड़ रुपये के 118 निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें से 83 प्रोजेक्टों में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है जबकि अन्य 35 में नवरात्र या दिवाली से उत्पादन शुरू होने की संभावना है। इसमें सर्वोदयनगर में बन रहे रीजेंसी हॉस्टिल पार्ट दो, आरएसपीएल की चौबेपुर में केक और डिटर्जेंट फैक्टरी, नारायणा ग्रुप के दो फार्मेसी कॉलेज और भौंती के पास एक होटल का काम शुरू हो सकता है।
इसलिए शासन करा रहा एमओयू की स्क्रीनिंग
शासन ने कुछ शहरों के परियोजनाओं की रैंडम जांच कराई थी, जिसमें किए गए एमओयू और उसके आंकड़ों में अंतर मिला था। कुछ में बताई गई जमीन, निवेश और वास्तविक निवेश में अंतर मिला था। रोजगार की संख्या भी बढ़ाकर बताई गई। इसके चलते कई अलग-अलग बिंदुओं को शामिल करके निवेश प्रस्तावों के सत्यापन कराने की प्रक्रिया शुरू की गई।
Trending Videos
शुरुआत में दिखाए गए 828 एमओयू में 4,18,312 से ज्यादा रोजगार के सृजन का आकलन किया गया था। स्क्रीनिंग के बाद यह अनुमान भी घटकर 1,24,336 रह गया है। 21 अगस्त की इन्वेस्ट यूपी की रिपोर्ट के मुताबिक शहर में अब तक सिर्फ 2655.64 हजार करोड़ के 83 परियोजनाओं में ही व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो पाया है। केवल 5791 लोगों को रोजगार मिला है। इनमें 80 करोड़ की लागत वाली पनकी स्थित दवा इकाई और 50 करोड़ की प्लास्टिक इकाई शामिल है। 410 करोड़ के दो रियल इस्टेट प्रोजेक्टों को रेरा से अनुमति मिल गई है। डिफेंस कॉरीडोर में 45 करोड़ से रक्षा-प्रतिरक्षा उत्पादों का उत्पादन शुरू किया गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
दरअसल इंवेस्टर समित के लिए एमओयू के इंटेंट बिना जांचे-परखे ही भरवाए गए। 60 प्रस्तावों का तो दो-दो बार पंजीकरण कर लिया गया। उन्नाव, कानपुर देहात और फर्रुखाबाद के लिए आए प्रस्तावों के भी शहर में दिखाया गया। रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर को इसमें शामिल करा दिया गया। इसमें 6000 करोड़ रुपये से 200 यूनिटों को लगना दिखाया गया। पशुपालन विभाग ने 152 प्रस्तावों में तो गजब घालमेल मिला। बकरी-बकरा पालन के निवेश प्रस्ताव एक करोड़ से ज्यादा के दिखाए गए। ऐसे 33 प्रस्तावों की स्क्रीनिंग की गई तो कहीं पर 15 तो कहीं 20 बकरे या बकरी मिली, जिनमें 10-15 लाख का निवेश ही हुआ था। इन निवेश प्रस्तावों को भी हटा दिया गया है। अब 119 प्रस्ताव इस विभाग के बचे हैं।
नवरात्र, दिवाली में शुरू हो सकते 35 प्रोजेक्ट
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के लिए 6205.84 करोड़ रुपये के 118 निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें से 83 प्रोजेक्टों में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है जबकि अन्य 35 में नवरात्र या दिवाली से उत्पादन शुरू होने की संभावना है। इसमें सर्वोदयनगर में बन रहे रीजेंसी हॉस्टिल पार्ट दो, आरएसपीएल की चौबेपुर में केक और डिटर्जेंट फैक्टरी, नारायणा ग्रुप के दो फार्मेसी कॉलेज और भौंती के पास एक होटल का काम शुरू हो सकता है।
इसलिए शासन करा रहा एमओयू की स्क्रीनिंग
शासन ने कुछ शहरों के परियोजनाओं की रैंडम जांच कराई थी, जिसमें किए गए एमओयू और उसके आंकड़ों में अंतर मिला था। कुछ में बताई गई जमीन, निवेश और वास्तविक निवेश में अंतर मिला था। रोजगार की संख्या भी बढ़ाकर बताई गई। इसके चलते कई अलग-अलग बिंदुओं को शामिल करके निवेश प्रस्तावों के सत्यापन कराने की प्रक्रिया शुरू की गई।
पिछले साल जो भी एमओयू हुए थे उन्हें धरातल पर लाने के लिए सभी विभागों के साथ समन्वय करके इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। शासन और जिला प्रशासन को प्रगति रिपोर्ट भी भेजी जा रही है। शासन के निर्देश पर निवेश प्रस्तावों का सत्यापन कराया जा रहा है। 118 प्रोजेक्ट जीबीसी के लिए तैयार हैं और 83 में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है। - उपायुक्त उद्योग, अंजनीश प्रताप सिंह