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UP: 45 मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे बनेंगे 60 मंजिल तक के भवन, शेडबैक भी कम छोड़ना पड़ेगा
मनोज चौरसिया, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 06 Oct 2025 11:36 AM IST
सार
केडीए न्यू कानपुर सिटी, ग्रेटर कानपुर सहित अन्य योजनाओं में 45 मीटर चौड़ी सड़कें बनाएगा। 24 मीटर सड़क पर 60 मंजिल तक के भवन बन सकेंगे।
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केडीए
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
यदि आप शहर में मनमुताबिक ऊंची इमारत में रहने का सपना देख रहे हैं तो यह पूरा हो सकता है। इसके लिए हाल ही में आई भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 में प्रावधान किए गए हैं। केडीए भी कुछ ही महीनों में लांच होने वाली न्यू कानपुर सिटी और उसके बाद विकसित होने वाली उचटी, ग्रेटर कानपुर सहित अन्य योजनाओं में ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए 45 मीटर चौड़ी सड़कें बनाएगा। 24 मीटर चौड़ी सड़क पर भी बड़े भूखंडों में 60 मंजिल तक के टॉवर (बहुमंजिले भवन) बन सकते हैं। शेडबैक भी कम छोड़ना पड़ेगा।
शहरों में आबादी बढ़ने के साथ ही लगातार हो रही जमीन की कमी और बढ़ती जा रही आशियानों, कार्यालयों आदि की मांग के मद्देनजर प्रदेश सरकार हॉरिजेंटल (क्षैतिज) विकास के बजाय वर्टिकल (सीधे या ऊंचे) विकास पर जोर दे रही है। इसकी एक वजह ज्यादा से ज्यादा कृषि योग्य जमीन को पक्के निर्माणों से बचाना और इसका उपयोग खेती के रूप में ही करना है ताकि भविष्य में खाद्यान्न की भी कमी न हो। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 जारी की है। इसमें वर्टिकल निर्माणों को प्रोत्साहित करने के लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) बढ़ाया गया है। इस उपविधि में भी बेस एफएआर ढाई रहेगा पर इससे भी ज्यादा ऊंची इमारत बनाने के लिए सड़क की चौड़ाई, प्लाट के क्षेत्रफल और उसमें होने वाले निर्माण के हिसाब से एफएआर खरीदा जा सकता है।
नई उपविधि में 45 मीटर या इससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर छह एफएआर मिलेगा। 24 मीटर से 44.90 मीटर चौड़ी सड़क पर इससे भी ज्यादा अर्थात अधिकतम 8.75 एफएआर मिल सकता है। ग्रुप हाउसिंग निर्माण के लिए प्लाॅटों का क्षेत्रफल भी घटाकर 1500 वर्गमीटर कर दिया गया है। पहले यह क्षेत्रफल न्यूनतम 2000 वर्गमीटर था। इसी तरह शेडबैक में भी छूट दी गई है। 15 मीटर फ्रंट और 12-12 मीटर शेडबैक छोड़कर ग्रुप हाउसिंग निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृत कराकर निर्माण कराया जा सकता है। जितना बड़ा प्लाॅट होगा, भवन स्वामी या बिल्डर को उतना ही ज्यादा लाभ मिलेगा।
भवन स्वामी यदि अपने भूखंड का एफएआर बढ़ाकर छह कराना चाहता है तो उसे बेसिक ढाई एफएआर मिल जाएगा। शेष साढ़े तीन एफएआर में से 3.5 एफएआर खरीदना पड़ेगा। इस प्रकार खरीदे जाने वाले 3.5 एफएआर में से 1.75 एफएआर पर्चेजिबल होगा और शेष 1.75 एफएआर प्रीमियम पर्चेजिबल होगा।
प्रीमियम पर्चेजिबल एफएआर में दोगुना देना पड़ेगा शुल्क
नई उपविधि के अनुसार केडीए से पर्चेजिबल एफएआर खरीदने के लिए जितना शुल्क देना पड़ेगा, उसकी तुलना में प्रीमियम पर्चेजिबल एफएआर खरीदने के लिए उससे दोगुना शुल्क जमा करना पड़ेगा। नई उपविधि में शर्त है कि विकास प्राधिकरण को पर्चेजिबल और प्रीमियम पर्चेजिबल एफएआर के मद में जितना धन मिलेगा, उसमें से 90 प्रतिशत धन उसी क्षेत्र में सीवेज, ड्रेनेज, सड़कों, पार्किंग व्यवस्था आदि मूलभूत सुविधाओं पर खर्च करना होगा।
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शहरों में आबादी बढ़ने के साथ ही लगातार हो रही जमीन की कमी और बढ़ती जा रही आशियानों, कार्यालयों आदि की मांग के मद्देनजर प्रदेश सरकार हॉरिजेंटल (क्षैतिज) विकास के बजाय वर्टिकल (सीधे या ऊंचे) विकास पर जोर दे रही है। इसकी एक वजह ज्यादा से ज्यादा कृषि योग्य जमीन को पक्के निर्माणों से बचाना और इसका उपयोग खेती के रूप में ही करना है ताकि भविष्य में खाद्यान्न की भी कमी न हो। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 जारी की है। इसमें वर्टिकल निर्माणों को प्रोत्साहित करने के लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) बढ़ाया गया है। इस उपविधि में भी बेस एफएआर ढाई रहेगा पर इससे भी ज्यादा ऊंची इमारत बनाने के लिए सड़क की चौड़ाई, प्लाट के क्षेत्रफल और उसमें होने वाले निर्माण के हिसाब से एफएआर खरीदा जा सकता है।
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नई उपविधि में 45 मीटर या इससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर छह एफएआर मिलेगा। 24 मीटर से 44.90 मीटर चौड़ी सड़क पर इससे भी ज्यादा अर्थात अधिकतम 8.75 एफएआर मिल सकता है। ग्रुप हाउसिंग निर्माण के लिए प्लाॅटों का क्षेत्रफल भी घटाकर 1500 वर्गमीटर कर दिया गया है। पहले यह क्षेत्रफल न्यूनतम 2000 वर्गमीटर था। इसी तरह शेडबैक में भी छूट दी गई है। 15 मीटर फ्रंट और 12-12 मीटर शेडबैक छोड़कर ग्रुप हाउसिंग निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृत कराकर निर्माण कराया जा सकता है। जितना बड़ा प्लाॅट होगा, भवन स्वामी या बिल्डर को उतना ही ज्यादा लाभ मिलेगा।
भवन निर्माण एवं विकास उप विधि-2025 में 45 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क के किनारे बड़े प्लाटों में बुर्ज खलीफा की तरह ऊंची इमारत का निर्माण संभव हो गया है। शेडबैक में भी छूट बढ़ा दी गई है। हाल ही में इसी उपविधि के आधार पर खलासी लाइन स्कीम (स्वरूपनगर) में जी प्लस 40 मंजिल इमारत का नक्शा स्वीकृत किया गया है। - मनोज कुमार, मुख्य नगर नियोजक, केडीए
ये है नियमनई उपविधि में मकानों को और ऊंचा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए केडीए न्यू कानपुर सिटी और इसके बाद आने वाली एयरो सिटी, ग्रेटर कानपुर सहित अन्य बड़ी योजनाओं में 45 मीटर चौड़ी सड़कें भी बनाएगा।- अभय कुमार पांडेय, सचिव, केडीए
भवन स्वामी यदि अपने भूखंड का एफएआर बढ़ाकर छह कराना चाहता है तो उसे बेसिक ढाई एफएआर मिल जाएगा। शेष साढ़े तीन एफएआर में से 3.5 एफएआर खरीदना पड़ेगा। इस प्रकार खरीदे जाने वाले 3.5 एफएआर में से 1.75 एफएआर पर्चेजिबल होगा और शेष 1.75 एफएआर प्रीमियम पर्चेजिबल होगा।
प्रीमियम पर्चेजिबल एफएआर में दोगुना देना पड़ेगा शुल्क
नई उपविधि के अनुसार केडीए से पर्चेजिबल एफएआर खरीदने के लिए जितना शुल्क देना पड़ेगा, उसकी तुलना में प्रीमियम पर्चेजिबल एफएआर खरीदने के लिए उससे दोगुना शुल्क जमा करना पड़ेगा। नई उपविधि में शर्त है कि विकास प्राधिकरण को पर्चेजिबल और प्रीमियम पर्चेजिबल एफएआर के मद में जितना धन मिलेगा, उसमें से 90 प्रतिशत धन उसी क्षेत्र में सीवेज, ड्रेनेज, सड़कों, पार्किंग व्यवस्था आदि मूलभूत सुविधाओं पर खर्च करना होगा।