{"_id":"5f455ba907d7c96f023ad739","slug":"without-aadhar-card-elderly-women-are-facing-problems","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"आधार कार्ड के बिना कैसे जिए दिव्यांग कल्ली, पहले पेंशन बंद हुई, अब राशन भी नहीं मिल रहा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
आधार कार्ड के बिना कैसे जिए दिव्यांग कल्ली, पहले पेंशन बंद हुई, अब राशन भी नहीं मिल रहा
अवध दीक्षित, अमर उजाला, घाटमपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 26 Aug 2020 12:26 AM IST
विज्ञापन
अपनी झोपड़ी के बाहर बैठी दिव्यांग कल्ली
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
एक ओर सरकार दिव्यांगों और गरीबों को संभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कर रही है। वहीं, आधार कार्ड की अनिवार्यता से तमाम पात्र लोग सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हैं। ऐसा में ही एक मामला तहसील क्षेत्र के तेजपुर गांव निवासी 85 वर्षीय कल्ली देवी का है।
उसके पास आधार कार्ड न होने से पेंशन और राशन (दोनों) से मोहताज है। उसकी दशा देखकर पड़ोसी और गांववाले भी परेशान हैं। गांव निवासी सुबेदार संखवार, आशकरण और शिवबालक संखवार ने बताया कि कल्ली गांव की बेटी हैं और वह जन्म से दृष्टिहीन हैं। उसके दो बेटे हैं।
इनमें बड़ा बेटा बाहर रहता है। जबकि, छोटा बेटा अपने परिवार के साथ अलग रह रहा है। वृद्ध मां से कोई वास्ता भी नहीं रखता है। बताया कि कल्ली के पति रामअधार की मृत्यु कई वर्ष पहले हो चुकी थी। वह झोपड़ी में अकेली रहती है।
Trending Videos
उसके पास आधार कार्ड न होने से पेंशन और राशन (दोनों) से मोहताज है। उसकी दशा देखकर पड़ोसी और गांववाले भी परेशान हैं। गांव निवासी सुबेदार संखवार, आशकरण और शिवबालक संखवार ने बताया कि कल्ली गांव की बेटी हैं और वह जन्म से दृष्टिहीन हैं। उसके दो बेटे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
इनमें बड़ा बेटा बाहर रहता है। जबकि, छोटा बेटा अपने परिवार के साथ अलग रह रहा है। वृद्ध मां से कोई वास्ता भी नहीं रखता है। बताया कि कल्ली के पति रामअधार की मृत्यु कई वर्ष पहले हो चुकी थी। वह झोपड़ी में अकेली रहती है।
अधिक उम्र हो जाने से हाथ-पैर भी कांपते हैं जिसके चलते आधार कार्ड बनवाने के लिए कइ बार कोशिश की गई लेकिन, मशीन में फिंगर प्रिंट न आने से आधार भी नहीं बन पाया है। बैंक खाते में आधार लिंक न होने से उसको पेंशन मिलनी भी बंद हो चुकी है।
जबकि, आधार के चक्कर में राशन कार्ड भी नहीं बन पाया है। कोरोना संकट के चलते बीते दिनों कल्ली का बड़ा बेटा रामऔतार बाहर से अपने गांव लौटकर आया है। बताया कि मां को राशन और पेंशन दिलाने के लिए आधार कार्ड बनवाने के लिए परेशान घूम रहा है। लेकिन, उनका आधार न बन पाने से समस्या है।
वहीं, अधिकारी भी कुछ मदद कर पाने में असमर्थता जता रहे हैं। तहसीलदार विजय यादव ने बताया कि कल्ली बेहद गरीब है। वह चलने-फिरने में भी असमर्थ है। उसको जीवन यापन के लिए पेंशन और राशन मिलना जरूरी है। लेकिन, दोनों में ही आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते उसको कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जबकि, आधार के चक्कर में राशन कार्ड भी नहीं बन पाया है। कोरोना संकट के चलते बीते दिनों कल्ली का बड़ा बेटा रामऔतार बाहर से अपने गांव लौटकर आया है। बताया कि मां को राशन और पेंशन दिलाने के लिए आधार कार्ड बनवाने के लिए परेशान घूम रहा है। लेकिन, उनका आधार न बन पाने से समस्या है।
वहीं, अधिकारी भी कुछ मदद कर पाने में असमर्थता जता रहे हैं। तहसीलदार विजय यादव ने बताया कि कल्ली बेहद गरीब है। वह चलने-फिरने में भी असमर्थ है। उसको जीवन यापन के लिए पेंशन और राशन मिलना जरूरी है। लेकिन, दोनों में ही आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते उसको कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
