रेजांगला शौर्य दिवस पर लक्ष्मी गंज स्थित शहीद स्तंभ पर यादव महासभा के पदाधिकारियों ने मोमबत्ती जला कर शहीदों को श्रंद्धाजलि दी। इस दौरान वीर सैनिकों के अदम्य साहस को याद किया।
यादव महासभा के जिलाध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि रेजांगला शौर्य दिवस भारत-चीन युद्ध 18 नवम्बर 1962 को लद्दाख की रेजांगला चौकी पर चीन ने हमला कर दिया था। उस समय उस चौकी पर कुमाऊ रेजीमेंट की चार्ली कंपनी तैनात थी। उस चौकी पर 120 जवान तैनात थे। उधर चीन के तीन हजार सैनिक थे।
उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों को मुख्यालय से पोस्ट से पीछे हटने का आदेश मिला था लेकिन इन शूरवीर भारतीय जवानों ने अदम्य साहस के साथ दुश्मन का मुकाबला किया। भारतीय जवान अंतिम सांस तक लड़ते रहे और 114 जवान शहीद हो गए।
श्रंद्धाजलि देने वालों में रवीश यादव, सुभाष यादव, सौरभ यादव, रविंद्र यादव, अभिषेक, अमित, मोनू , नीरज, हिमांशु, निशांत, लाल सिंह, दुष्यंत, स्वदेश, अमरकांत, कुलदीप, अनुराग, सोनू, विष्णु, कमल, अरुण प्रताप, शरद कुमार, गौरव, हरिश्चंद्र यादव शामिल रहे।
विस्तार
रेजांगला शौर्य दिवस पर लक्ष्मी गंज स्थित शहीद स्तंभ पर यादव महासभा के पदाधिकारियों ने मोमबत्ती जला कर शहीदों को श्रंद्धाजलि दी। इस दौरान वीर सैनिकों के अदम्य साहस को याद किया।
यादव महासभा के जिलाध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि रेजांगला शौर्य दिवस भारत-चीन युद्ध 18 नवम्बर 1962 को लद्दाख की रेजांगला चौकी पर चीन ने हमला कर दिया था। उस समय उस चौकी पर कुमाऊ रेजीमेंट की चार्ली कंपनी तैनात थी। उस चौकी पर 120 जवान तैनात थे। उधर चीन के तीन हजार सैनिक थे।
उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों को मुख्यालय से पोस्ट से पीछे हटने का आदेश मिला था लेकिन इन शूरवीर भारतीय जवानों ने अदम्य साहस के साथ दुश्मन का मुकाबला किया। भारतीय जवान अंतिम सांस तक लड़ते रहे और 114 जवान शहीद हो गए।
श्रंद्धाजलि देने वालों में रवीश यादव, सुभाष यादव, सौरभ यादव, रविंद्र यादव, अभिषेक, अमित, मोनू , नीरज, हिमांशु, निशांत, लाल सिंह, दुष्यंत, स्वदेश, अमरकांत, कुलदीप, अनुराग, सोनू, विष्णु, कमल, अरुण प्रताप, शरद कुमार, गौरव, हरिश्चंद्र यादव शामिल रहे।