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Kaushambi : सीजेआई गवई बोले- भगवान राम और महात्मा बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही आगे बढ़ सकता है देश और समाज

संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांंबी Published by: विनोद सिंह Updated Sat, 01 Nov 2025 02:54 PM IST
सार

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि भगवान राम और महात्मा बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही देश और समाज आगे बढ़ सकता है। कौशाम्बी महात्मा बुद्ध की धरती है। पूरी दुनिया में विजय हासिल करने के बाद सम्राट अशोक ने युद्ध नहीं बुद्ध का मार्ग अपनाया था।

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CJI said country and society can progress only by following the ideals of Lord Ram and Mahatma Buddha.
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई कौशाम्बी पहुंचे। - फोटो : संवाद।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि भगवान राम और महात्मा बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही देश और समाज आगे बढ़ सकता है। कौशाम्बी महात्मा बुद्ध की धरती है। पूरी दुनिया में विजय हासिल करने के बाद सम्राट अशोक ने युद्ध नहीं बुद्ध का मार्ग अपनाया था। जस्टिस गवई शनिवार को कौशाम्बी के आलमचंद में महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के वार्षिकोत्सव समारोह में बतौर अतिथि संबोधित कर रहे थे।

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सीजेआई गवई ने कहा कि कौशाम्बी की धरती महात्मा बुद्ध के कार्य के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है। महात्मा बुद्ध ने पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा का संदेश दिया। कहा कि आदमी कितनी भी बड़ा हो जाए उसे अपनी संस्कृति और परंपरा को नहीं छोड़ना चाहिए। अपनी धरती से जुड़े रहना चाहिए। कहा कि उन्हें यहां आने के लिए कई साल पहले भी मौका मिला था लेकिन उन्होंने कहा था कि सीजेआई बनने के बाद ही यहां आउंगा। आज संकल्प पूरा हो गया है। 
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जस्टिस गवई ने कहा कि वकालत के पेश में अच्छी कमाई कर सकते थे, लेकिन सामाजिक और आर्थिक न्याय देने के लिए जज बनने का मौका मिला वह करोड़ों और अरबों से रुपये से ज्यादा महत्व रखता है। आज लोगों को न्याय देकर जो खुशी मिल रही है वह अमूल्य है। बच्चों से कहा कि आप ही देश के भविष्य हैं। कल का भारत कैसा रहेगा यह आपकी शिक्षा और संस्कार के ऊपर निर्भर करता है। अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे तो देश को आगे ले जाएंगे। विविधता में एकता भारत देश का मूल मंत्र है। बच्चों ने भी अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से देश की एकता और अखंडता के लिए प्रेरित किया जो कि काफी सराहनीय रहा। अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत में बच्चों के भाषण ने काफी प्रभावित किया।

CJI said country and society can progress only by following the ideals of Lord Ram and Mahatma Buddha.
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई कौशाम्बी पहुंचे। - फोटो : संवाद।

विद्यालय में दी जाए गुणवत्ता युक्त शिक्षा

सीजेआई ने कहा कि धरती माता के बारे ने लघु नाटिक के माध्यम से पर्यावरण का जो संदेश बच्चों ने दिया है उससे हम सबको सीख लेनी चाहिए। कहाकि विद्यालय की इमारत कितनी भी अच्छी हो यह मायने नहीं रखता है। विद्यालय में  शिक्षा की गुणवत्ता क्या है और यहां कैसी शिक्षा दी जा रही है यह विशेष महत्व रखता है। कहा कि कुछ ही दिन में सेवानिवृत्त होने वाला हूं। रिटायरमेंट के पहले यहां पहुंच गया बहुत अच्छा लगा। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस विक्रम नाथ, इलाहाबाद विवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव समेत अन्य लोगों के प्रति आभार जताया। इस मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली समेत तमाम न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे। 

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