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जुर्माना वसूली के लिए आरसी जारी
अमर उजाला ब्यूरो कौशाम्बी
Updated Sat, 18 Jun 2016 12:34 AM IST
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crime

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भरवारी कस्बे में बंद पड़े मेहता हास्पिटल की प्रापर्टी बेचे जाने में करोड़ाें रुपये का स्टांप चोरी करना क्रेता को काफी महंगा पड़ा गया है। आरोप है कि क्रेता ने प्लॉट एवं निर्मित भवन की मालियत 14 करोड़ दिखा सरकारी खजाने को करोड़ाें की चपत लगा दी। मामले में डीएम ने त्रिस्तरीय जांच के बाद चार करोड़ का जुर्माना लगा वसूली के लिए आरसी जारी करवा दी है।
बता दें कि भरवारी कस्बे में मेहता हॉस्पिटल तकरीबन 18 बीघे में बना हुआ है। अस्पताल बंद होने से इसके भवन खंडहर में तब्दील होने लगे हैं। इस संपत्ति को 14 नवंबर 2013 को कैलाश नाथ मेहता, ट्रस्टी सदस्य बलदेवराम, सालिगराम मेहता निवासी 70 विवेकानंद रोड कोलकाता ने क्रेता कनक बिल्डिकान प्राइवेट लिमिटेड इलाहाबाद के उज्ज्वल कुमार और चंद्रदेव सिंह के नाम बैनामा सिराथू सब रजिस्टार कार्यालय में किया।
कराए गए बैनामे में स्टांप चोरी करने के लिए 47,56,23,700 रुपये के कीमत वाले प्लॉट व निर्मित भवन की मालियत महज 14 करोड़ 96 लाख दिखा दी गई। डीएम अखंड प्रताप सिंह ने मामला संज्ञान में आने के बाद त्रिस्तरीय जांच कराई, जिसमें एसडीएम सिराथू ने अपनी जांच रिपोर्ट में उक्त प्रापर्टी का आकलन 47,56,23,700 रुपये किया। डीएम ने अपने न्यायालय में इस चर्चित मामले का निस्तारण करते हुए 1 करोड़, 9 लाख, 22 हजार, 240 रुपये का स्टांप शुल्क और अर्थदंड के रूप में 27 लाख, 30 हजार 560 रुपये डेढ़ प्रतिशत ब्याज के साथ बैनामा तिथि से हर्जाना लगा दिया है।
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बता दें कि भरवारी कस्बे में मेहता हॉस्पिटल तकरीबन 18 बीघे में बना हुआ है। अस्पताल बंद होने से इसके भवन खंडहर में तब्दील होने लगे हैं। इस संपत्ति को 14 नवंबर 2013 को कैलाश नाथ मेहता, ट्रस्टी सदस्य बलदेवराम, सालिगराम मेहता निवासी 70 विवेकानंद रोड कोलकाता ने क्रेता कनक बिल्डिकान प्राइवेट लिमिटेड इलाहाबाद के उज्ज्वल कुमार और चंद्रदेव सिंह के नाम बैनामा सिराथू सब रजिस्टार कार्यालय में किया।
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कराए गए बैनामे में स्टांप चोरी करने के लिए 47,56,23,700 रुपये के कीमत वाले प्लॉट व निर्मित भवन की मालियत महज 14 करोड़ 96 लाख दिखा दी गई। डीएम अखंड प्रताप सिंह ने मामला संज्ञान में आने के बाद त्रिस्तरीय जांच कराई, जिसमें एसडीएम सिराथू ने अपनी जांच रिपोर्ट में उक्त प्रापर्टी का आकलन 47,56,23,700 रुपये किया। डीएम ने अपने न्यायालय में इस चर्चित मामले का निस्तारण करते हुए 1 करोड़, 9 लाख, 22 हजार, 240 रुपये का स्टांप शुल्क और अर्थदंड के रूप में 27 लाख, 30 हजार 560 रुपये डेढ़ प्रतिशत ब्याज के साथ बैनामा तिथि से हर्जाना लगा दिया है।