कानपुर से बरौनी को जाने वाली इंडियन ऑयल कारपोरेशन की पाइप लाइन में लीकेज कर तेज चुराने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के पकड़े गए सात सदस्यों के पास से एक टैंकर, स्विफ्ट कार व पाइप लाइन में लीकेज कर तेल चुराने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भारी मात्रा में बरामद किए हैं।
बुधवार को पकड़े गए बदमाशों के खिलाफ लिखापढ़ी करके चालान कर दिया गया है।
बुधवार को पुलिस ऑफिस स्थित दुर्गा भाभी सभागार में एसपी अभिनंदन व एएसपी समर बहादुर ने पूरे मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि इसी साल कोखराज इलाके में इंडियन ऑयल की पाइप लाइन में लीकेज करके भारी मात्रा में तेल चोरी किया गया था।
इस मामले में कंपनी के व्यवस्था अधिकारी नितिन गुप्ता ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ कोखराज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए कोखराज इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राय व एसओजी प्रभारी संजय गुप्ता की टीम को लगाया गया था। इसी बीच चरवा कोतवाली इलाके में फिर पाइप लाइन में लीकेज करके तेल चोरी करने का प्रयास किया गया। मामले में सभी टीमों को सक्रिय कर बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया।
सर्विलांस का भी सहारा लिया गया। मंगलवार को पुलिस ने गिरोह के सरगना कानपुर देहात के अनिल यादव उर्फ रिंकल, औरया के ब्रह्म नगर निवासी अवधेश कुमार दुबे, दिबियापुर के भगवानदीन राजपूत, देवेंद्र सिंह रिंकू, अनिरुद्ध सिंह उर्फ संजू, बृज मोहन यादव उर्फ बिट्टू व उत्तराखंड नैनीताल के भोपाल सिंह को गिरफ्तार किया।
पकड़े गए बदमाशों के कब्जे से तेल चोरी करने में इस्तेमाल किए जाने वाला टैंकर, एक स्विफ्ट कार, एक बर्मा, एक हैंडल वाल्ब, लोहे की मोटी रॉड, नट-बोल्ट, क्लैंप, आठ मोबाइल फोन, पांच आधार कार्ड और चार एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। बुधवार को पकड़े गए सभी लोगों के खिलाफ लिखापढ़ी करके चालान कर दिया गया है।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
इंडियन ऑयल की पाइप लाइन से तेल चोरी करने वाले बदमाश काफी शातिर थे। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए एक व्यवस्थित स्थान का चयन किया जाता था। इसके बाद ग्रुप के सभी सदस्य वारदात वाले स्थान पर एकत्र होते थे। इसके बाद हॉट स्पाट चिन्हित किया जाता था। जहां पर टैंकर आसानी से पहुंच सकें और पास में ही बिजली का ट्रांसफार्मर लगा हो। घटना वाले स्थान के पास पार्यप्त झाड़ियां हों। जिससे गिरोह के सदस्यों को कोई देख ना सके। गिरोह के सदस्य घटनास्थल के चारों तरफ फैले रहकर लोगों पर नजर रखते थे। ग्रुप लीडर सहित ट्रेंड लोग बर्मा की मदद से पाइप लाइन में ड्रिल करके टैंकर में तेल भर लेते थे। बाद में ड्रिल वाले स्थान को नट-बोल्ट से जाम करके भाग निकलते थे।
उत्तर प्रदेश के अलावा कई राज्यों में फैला था जाल
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के सदस्य उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में तेल चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। गिरोह के सदस्यों ने कानपुर नगर में भी चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया था। गिरोह की तलाश कई जनपदों की पुलिस कर रही थी।
तेल निकालने के कारण हो सकता था विस्फोट
एएसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य सरकारी उपक्रम को क्षति पहुंचाने के साथ ही आसपास के इलाके में जान माल के नुकसान का कारण बन सकते थे। जहां से तेल निकाला जा रहा था वहां विस्फोट की भी आशंका थी। गिरोह के सदस्यों ने अब तक काई लाख लीटर तेल चोरी करके राष्ट्र की संपत्ति व अर्थ व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। कोखराज इलाके में तेल चोरी की घटना से पाइप लाइन में रिसाव हुआ था। इसकी वजह से आमजन मानस में भय था। आसपास के किसान अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे थे। पुलिस के काफी समझाने के बाद ग्रामीण खेतों में काम करने के लिए राजी हो सके थे।
दिल्ली से संचालित था रैकेट
तेल चोरी गिरोह का मुख्य केंद्र दिल्ली है। वहां गोपाल चंद्र नाम का व्यक्ति तेल चोरी का मास्टर माइंड हैं। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि एक टैंकर तेल चोरी करने में उन्हें 10 से 15 हजार रुपये मिलते थे। एसपी ने बताया कि एक टैंकर तेल की कीमत करीब 17 लाख होती है। चोरी का यह तेल करीब सात से आठ लाख रुपये में बिकता था। तेल बेचने की जिम्मेदारी गोपाल चंद्र की होती थी।
टीम में शामिल पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित
अंतरराज्यीय तेल चोरी गिरोह का पर्दाफाश करने वाले कोखराज इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राय, चरवा इंस्पेक्टर संत शरण सिंह, एचसीपी अजय सिंह, आरक्षी विक्रम सिंह, अनूप सिंह और एसओजी प्रभारी संजय कुमार गुप्ता, एसआई उमेश सिंह, एचसीपी सुरेंद्र सिंह, कमलेश यादव, आरक्षी मनोज कुमार यादव, विजय कुमार सिंह, सरताज अहमद, धर्मेंद्र कुमार यादव, मनीष कुमार को एसपी अभिनंदन ने पुरस्कृत करने का एलान किया है।
कानपुर से बरौनी को जाने वाली इंडियन ऑयल कारपोरेशन की पाइप लाइन में लीकेज कर तेज चुराने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के पकड़े गए सात सदस्यों के पास से एक टैंकर, स्विफ्ट कार व पाइप लाइन में लीकेज कर तेल चुराने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भारी मात्रा में बरामद किए हैं।
बुधवार को पकड़े गए बदमाशों के खिलाफ लिखापढ़ी करके चालान कर दिया गया है।
बुधवार को पुलिस ऑफिस स्थित दुर्गा भाभी सभागार में एसपी अभिनंदन व एएसपी समर बहादुर ने पूरे मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि इसी साल कोखराज इलाके में इंडियन ऑयल की पाइप लाइन में लीकेज करके भारी मात्रा में तेल चोरी किया गया था।
इस मामले में कंपनी के व्यवस्था अधिकारी नितिन गुप्ता ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ कोखराज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए कोखराज इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राय व एसओजी प्रभारी संजय गुप्ता की टीम को लगाया गया था। इसी बीच चरवा कोतवाली इलाके में फिर पाइप लाइन में लीकेज करके तेल चोरी करने का प्रयास किया गया। मामले में सभी टीमों को सक्रिय कर बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया।
सर्विलांस का भी सहारा लिया गया। मंगलवार को पुलिस ने गिरोह के सरगना कानपुर देहात के अनिल यादव उर्फ रिंकल, औरया के ब्रह्म नगर निवासी अवधेश कुमार दुबे, दिबियापुर के भगवानदीन राजपूत, देवेंद्र सिंह रिंकू, अनिरुद्ध सिंह उर्फ संजू, बृज मोहन यादव उर्फ बिट्टू व उत्तराखंड नैनीताल के भोपाल सिंह को गिरफ्तार किया।
पकड़े गए बदमाशों के कब्जे से तेल चोरी करने में इस्तेमाल किए जाने वाला टैंकर, एक स्विफ्ट कार, एक बर्मा, एक हैंडल वाल्ब, लोहे की मोटी रॉड, नट-बोल्ट, क्लैंप, आठ मोबाइल फोन, पांच आधार कार्ड और चार एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। बुधवार को पकड़े गए सभी लोगों के खिलाफ लिखापढ़ी करके चालान कर दिया गया है।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
इंडियन ऑयल की पाइप लाइन से तेल चोरी करने वाले बदमाश काफी शातिर थे। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए एक व्यवस्थित स्थान का चयन किया जाता था। इसके बाद ग्रुप के सभी सदस्य वारदात वाले स्थान पर एकत्र होते थे। इसके बाद हॉट स्पाट चिन्हित किया जाता था। जहां पर टैंकर आसानी से पहुंच सकें और पास में ही बिजली का ट्रांसफार्मर लगा हो। घटना वाले स्थान के पास पार्यप्त झाड़ियां हों। जिससे गिरोह के सदस्यों को कोई देख ना सके। गिरोह के सदस्य घटनास्थल के चारों तरफ फैले रहकर लोगों पर नजर रखते थे। ग्रुप लीडर सहित ट्रेंड लोग बर्मा की मदद से पाइप लाइन में ड्रिल करके टैंकर में तेल भर लेते थे। बाद में ड्रिल वाले स्थान को नट-बोल्ट से जाम करके भाग निकलते थे।
उत्तर प्रदेश के अलावा कई राज्यों में फैला था जाल
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के सदस्य उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में तेल चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। गिरोह के सदस्यों ने कानपुर नगर में भी चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया था। गिरोह की तलाश कई जनपदों की पुलिस कर रही थी।
तेल निकालने के कारण हो सकता था विस्फोट
एएसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य सरकारी उपक्रम को क्षति पहुंचाने के साथ ही आसपास के इलाके में जान माल के नुकसान का कारण बन सकते थे। जहां से तेल निकाला जा रहा था वहां विस्फोट की भी आशंका थी। गिरोह के सदस्यों ने अब तक काई लाख लीटर तेल चोरी करके राष्ट्र की संपत्ति व अर्थ व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। कोखराज इलाके में तेल चोरी की घटना से पाइप लाइन में रिसाव हुआ था। इसकी वजह से आमजन मानस में भय था। आसपास के किसान अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे थे। पुलिस के काफी समझाने के बाद ग्रामीण खेतों में काम करने के लिए राजी हो सके थे।
दिल्ली से संचालित था रैकेट
तेल चोरी गिरोह का मुख्य केंद्र दिल्ली है। वहां गोपाल चंद्र नाम का व्यक्ति तेल चोरी का मास्टर माइंड हैं। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि एक टैंकर तेल चोरी करने में उन्हें 10 से 15 हजार रुपये मिलते थे। एसपी ने बताया कि एक टैंकर तेल की कीमत करीब 17 लाख होती है। चोरी का यह तेल करीब सात से आठ लाख रुपये में बिकता था। तेल बेचने की जिम्मेदारी गोपाल चंद्र की होती थी।
टीम में शामिल पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित
अंतरराज्यीय तेल चोरी गिरोह का पर्दाफाश करने वाले कोखराज इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राय, चरवा इंस्पेक्टर संत शरण सिंह, एचसीपी अजय सिंह, आरक्षी विक्रम सिंह, अनूप सिंह और एसओजी प्रभारी संजय कुमार गुप्ता, एसआई उमेश सिंह, एचसीपी सुरेंद्र सिंह, कमलेश यादव, आरक्षी मनोज कुमार यादव, विजय कुमार सिंह, सरताज अहमद, धर्मेंद्र कुमार यादव, मनीष कुमार को एसपी अभिनंदन ने पुरस्कृत करने का एलान किया है।