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Kaushambi News: डर के साए में इलाज... जर्जर भवन में चल रहा अस्पताल
संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांबी
Updated Sat, 20 Dec 2025 02:16 AM IST
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जर्जर पीएचसी के अंदर छत की बाहर दिखाई देती सरिया- संवाद
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चरवा का जर्जर भवन मरीजों और कर्मचारियों दोनों के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। भवन की छत और दीवारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। कई स्थानों पर प्लास्टर झड़ रहा है और दीवारों पर दरारें आ गई हैं। ऐसे में हमेशा बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। हालात ऐसे हैं कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बैठने तक के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है।
पीएचसी में इन दिनों रोजाना 80 से 100 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं जबकि महिला चिकित्सालय में 50 से अधिक गर्भवती महिलाएं इलाज कराने आती हैं। इसके बावजूद भवन की मरम्मत या नवीनीकरण को लेकर जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं हैं। जानकारी के अनुसार, तीन माह पहले सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल की बाउंड्रीवाल और भवन की मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि, इसके बाद इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
स्थानीय निवासी प्रभात कुमार, अनुज कुमार, मोतीलाल आदि ने बताया कि यदि जल्द मरम्मत या नवीनीकरण नहीं हुआ तो बरसात के मौसम में अस्पताल को बंद करना पड़ सकता है। सेवानिवृत्त शिक्षक बजरंगबली उपाध्याय ने बताया कि भवन की हालत देखकर लगता है कि वर्षों से इसकी रंगाई-पुताई तक नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए तत्काल प्रभाव से भवन की मरम्मत कराई जाए या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
पीएचसी का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसके लिए पूर्व में तैनात चिकित्साधिकारी ने विभाग से पत्राचार किया था। इसके बाद निरीक्षण के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों से भवन की मरम्मत के लिए मांग की गई। उम्मीद है कि जल्द ही जर्जर भवन की मरम्मत का कार्य शुरू हो जाएगा।
- डॉ. मो. अहमर, केंद्र प्रभारी
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पीएचसी में इन दिनों रोजाना 80 से 100 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं जबकि महिला चिकित्सालय में 50 से अधिक गर्भवती महिलाएं इलाज कराने आती हैं। इसके बावजूद भवन की मरम्मत या नवीनीकरण को लेकर जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं हैं। जानकारी के अनुसार, तीन माह पहले सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल की बाउंड्रीवाल और भवन की मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि, इसके बाद इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
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स्थानीय निवासी प्रभात कुमार, अनुज कुमार, मोतीलाल आदि ने बताया कि यदि जल्द मरम्मत या नवीनीकरण नहीं हुआ तो बरसात के मौसम में अस्पताल को बंद करना पड़ सकता है। सेवानिवृत्त शिक्षक बजरंगबली उपाध्याय ने बताया कि भवन की हालत देखकर लगता है कि वर्षों से इसकी रंगाई-पुताई तक नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए तत्काल प्रभाव से भवन की मरम्मत कराई जाए या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
पीएचसी का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसके लिए पूर्व में तैनात चिकित्साधिकारी ने विभाग से पत्राचार किया था। इसके बाद निरीक्षण के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों से भवन की मरम्मत के लिए मांग की गई। उम्मीद है कि जल्द ही जर्जर भवन की मरम्मत का कार्य शुरू हो जाएगा।
- डॉ. मो. अहमर, केंद्र प्रभारी

जर्जर पीएचसी के अंदर छत की बाहर दिखाई देती सरिया- संवाद
