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Kushinagar News: साइबर ठग लोगों पर फेंक रहे जाल, हर क्लिक पर जोखिम
संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:27 AM IST
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कुशीनगर। जिले में साइबर अपराधियों ने बहरूपियों की तरह-तरह से लोगों को फंसाने में लगे हैं। ऐसे-ऐसे जाल फेंक रहे हैं, जिसमें कहीं भी चूक हुई तो व्यक्ति जमापूंजी गंवाए बिना नहीं रह सकता। पुलिस की साइबर टीम लगातार लोगों को जागरूक कर रही है लेकिन लालच, कम जानकारी और अतिउत्साह में कई लोग गलती कर बैठते हैं।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अब भी ओटीपी, फर्जी कॉल और मैसेज की भाषा में आसानी से फंस जाते हैं। यही अंतर अपराधियों को बार-बार मौका देता है। आंकड़े बताते हैं कि जितनी तेजी से कार्रवाई बढ़ी है, अपराध की नई स्क्रिप्ट भी उतनी ही तेजी से सामने आई है।
साइबर विशेषज्ञ बताते हैं कि जिले की 40 लाख आबादी में से जिसके भी हाथ में मोबाइल है, वे साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। इसलिए हर क्लिक, हर लिंक, हर ओटीपी और हर डाउनलोड पर सोचने की जरूरत। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक बीते छह महीनों में साइबर अपराध के सौ से ज्यादा मामले सामने आए। मगर ज्यादातर में प्रकृति बदलती रही।
मोबाइल चोरी, फर्जी आधार कार्ड, केवाईसी अपडेट, निवेश ऐप और फर्जी कस्टमर केयर-हर कदम पर ठगी की नई स्क्रिप्ट सामने आई। गिरफ्तार किए गए कई अपराधियों की सामाजिक पहचान सामान्य थी, वे खुले तौर पर खर्च करते थे, जिससे लोग शक करते भी थे, लेकिन वास्तविक खतरों की परतें तब खुलीं जब रकम गायब हुई।
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साइबर विशेषज्ञ बताते हैं कि जिले की 40 लाख आबादी में से जिसके भी हाथ में मोबाइल है, वे साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। इसलिए हर क्लिक, हर लिंक, हर ओटीपी और हर डाउनलोड पर सोचने की जरूरत। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक बीते छह महीनों में साइबर अपराध के सौ से ज्यादा मामले सामने आए। मगर ज्यादातर में प्रकृति बदलती रही।
मोबाइल चोरी, फर्जी आधार कार्ड, केवाईसी अपडेट, निवेश ऐप और फर्जी कस्टमर केयर-हर कदम पर ठगी की नई स्क्रिप्ट सामने आई। गिरफ्तार किए गए कई अपराधियों की सामाजिक पहचान सामान्य थी, वे खुले तौर पर खर्च करते थे, जिससे लोग शक करते भी थे, लेकिन वास्तविक खतरों की परतें तब खुलीं जब रकम गायब हुई।
