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Lakhimpur Kheri News: बाघ की लोकेशन पता करने में जुटे वनकर्मी
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सरखनपुर के खेत में बाघ के पगचिन्ह। संवाद
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ममरी। हैदराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम बोझवा निवासी 60 वर्षीय रामचंद्र और उनके 42 वर्षीय बेटे पप्पू पर हमला करने वाले बाघ की लोकेशन ट्रेस करने के लिए बाकरगंज गांव के दक्षिण गन्ने के आसपास चार कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही वन कर्मियों की टीमें लगातार पेट्रोलियम कर रहीं हैं।
रेंजर निर्भय प्रताप शाही ने बताया कि वनकर्मियों की टीम जंगल से सटे गांव में जाकर ग्रामीणों को जागरूक करने में लगी हुई है। तीन दिन बीतने के बाद भी बाघ अपना ठिकाना गन्ने के खेत में बनाए हुए है। क्षेत्र में दहशत कुछ इस कदर फैली हुई है कि लोग खेतों की ओर जाने से घबरा रहे हैं।
रेंजर ने बताया कि यह ऐसा स्थान है जहां पर बाघ का आना-जाना बना रहता है। इससे पूर्व भी बाघ ने इसी स्थान पर ग्राम परसेहरा निवासी पिता-पुत्र पर हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया था। लखनऊ अस्पताल में इलाज करा रहे पिता-पुत्र की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है।
रेंजर ने बताया कि अभी तो बाघ को जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश की जा रही है। यदि सफलता नहीं मिली तो अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जरूरत पड़ी तो पिंजरा लगाकर बाघ को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बाघ के पगचिह्न मिले, गांव में दहशत
खीरी टाउन। खीरी थाना क्षेत्र के सरखनपुर गांव की उत्तर दिशा में स्थित जाबिर और नईम के खेतों में बाघ के पगचिह्न देखे गए। गांव में सूचना पहुंची तो लोगों की भीड़ जमा होने लगी। सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी गांव में पहुंचे और खेत में बने पगचिह्न की पहचान की। गांववासियों ने बताया कि खेतों में बाघ के पगचिह्न देखे गए हैं। वहीं वन विभाग के कर्मचारियों ने खेतों में अकेले काम न करना और झुंड बनाकर रहने की हिदायत दी है। संवाद
लगातार ठिकाना बदल रही बरौंछा की बाघिन
बांकेगंज। जंगल से निकलकर बफरजोन पलिया रेंज के देबीपुर गांव आबादी के आसपास पहुंची बरौंछा की बाघिन लगातार ठिकाना बदलकर निगरानी टीमों के छका रही है। वन विभाग की रेस्क्यू टीमों और हमलावर बाघिन के बीच पिछले 11 दिन से लुकाछिपी का खेल जारी है।
डीटीआर बफरजोन पलिया रेंज के मोतीपुर गांव आबादी के आसपास गन्ने के खेतों में डेरा जमाए बरौंछा की बाघिन करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय कर शारदा नदी किनारे नगला गांव आबादी के पास पहुंच गई। बृहस्पतिवार सुबह निगरानी टीमाें ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन उड़ाया तो नगला गांव आबादी के आसपास बाघिन गन्ने के खेत में बैठी दिखी।
यह देख उनके होश उड़ गए। हमलावर बाघिन आबादी के ओर रुख न कर सके, इसके लिए वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वेमुरी से अनुमति ली थी, लेकिन 11 दिन बीतने के बाद भी वन विभाग उसे पकड़ नहीं सका है। वह ठिकाना बदलकर निगरानी टीमों को चकमा देकर 15 किलोमीटर के दायरे में चहलकदमी करती देखी जा रही है।
खेतों में पानी भरा होने और लगातार ठिकाना बदलने के कारण बाघिन की सटीक लोकेशन मिलने में दिक्कत आ रही है। उसे पकड़ने का अभियान लगातार जारी है। निगरानी टीमों को 24 घंटे बारी-बारी से उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। - डॉ. एच राजामोहन, एफडी, दुधवा टाइगर रिजर्व

रेंजर निर्भय प्रताप शाही ने बताया कि वनकर्मियों की टीम जंगल से सटे गांव में जाकर ग्रामीणों को जागरूक करने में लगी हुई है। तीन दिन बीतने के बाद भी बाघ अपना ठिकाना गन्ने के खेत में बनाए हुए है। क्षेत्र में दहशत कुछ इस कदर फैली हुई है कि लोग खेतों की ओर जाने से घबरा रहे हैं।
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रेंजर ने बताया कि यह ऐसा स्थान है जहां पर बाघ का आना-जाना बना रहता है। इससे पूर्व भी बाघ ने इसी स्थान पर ग्राम परसेहरा निवासी पिता-पुत्र पर हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया था। लखनऊ अस्पताल में इलाज करा रहे पिता-पुत्र की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है।
रेंजर ने बताया कि अभी तो बाघ को जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश की जा रही है। यदि सफलता नहीं मिली तो अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जरूरत पड़ी तो पिंजरा लगाकर बाघ को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बाघ के पगचिह्न मिले, गांव में दहशत
खीरी टाउन। खीरी थाना क्षेत्र के सरखनपुर गांव की उत्तर दिशा में स्थित जाबिर और नईम के खेतों में बाघ के पगचिह्न देखे गए। गांव में सूचना पहुंची तो लोगों की भीड़ जमा होने लगी। सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी गांव में पहुंचे और खेत में बने पगचिह्न की पहचान की। गांववासियों ने बताया कि खेतों में बाघ के पगचिह्न देखे गए हैं। वहीं वन विभाग के कर्मचारियों ने खेतों में अकेले काम न करना और झुंड बनाकर रहने की हिदायत दी है। संवाद
लगातार ठिकाना बदल रही बरौंछा की बाघिन
बांकेगंज। जंगल से निकलकर बफरजोन पलिया रेंज के देबीपुर गांव आबादी के आसपास पहुंची बरौंछा की बाघिन लगातार ठिकाना बदलकर निगरानी टीमों के छका रही है। वन विभाग की रेस्क्यू टीमों और हमलावर बाघिन के बीच पिछले 11 दिन से लुकाछिपी का खेल जारी है।
डीटीआर बफरजोन पलिया रेंज के मोतीपुर गांव आबादी के आसपास गन्ने के खेतों में डेरा जमाए बरौंछा की बाघिन करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय कर शारदा नदी किनारे नगला गांव आबादी के पास पहुंच गई। बृहस्पतिवार सुबह निगरानी टीमाें ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन उड़ाया तो नगला गांव आबादी के आसपास बाघिन गन्ने के खेत में बैठी दिखी।
यह देख उनके होश उड़ गए। हमलावर बाघिन आबादी के ओर रुख न कर सके, इसके लिए वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वेमुरी से अनुमति ली थी, लेकिन 11 दिन बीतने के बाद भी वन विभाग उसे पकड़ नहीं सका है। वह ठिकाना बदलकर निगरानी टीमों को चकमा देकर 15 किलोमीटर के दायरे में चहलकदमी करती देखी जा रही है।
खेतों में पानी भरा होने और लगातार ठिकाना बदलने के कारण बाघिन की सटीक लोकेशन मिलने में दिक्कत आ रही है। उसे पकड़ने का अभियान लगातार जारी है। निगरानी टीमों को 24 घंटे बारी-बारी से उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। - डॉ. एच राजामोहन, एफडी, दुधवा टाइगर रिजर्व
सरखनपुर के खेत में बाघ के पगचिन्ह। संवाद