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Lakhimpur Kheri News: रंजीत की मौत से बूढ़े मां-पिता पर बढ़ा जिम्मेदारियों का बोझ
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Thu, 04 Dec 2025 12:07 AM IST
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युवकों की मौत की खबर सुनकर रोते बिलखते परिजन। स्रोत: ग्रामीण
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रमियाबेहड़। बिजनौर में हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले रंजीत और आदित्य के शव घर पहुंचते ही गांवभर में मातम छा गया। दोनों युवकों की मौत से परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। रंजीत की मौत से बूढ़े मां-बाप पर जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया है।
देहरादून में वर्षों से राजगीर मिस्त्री का काम करने वाले 22 वर्षीय रंजीत कुमार गौतम परिवार में अकेले कमाने वाले थे। रंजीत अपने माता-पिता की पांच संतानों में इकलौते पुत्र थे। तीन बहनों की शादी हो चुकी है। एक की शादी अभी होनी है। रंजीत छोटी बहन की शादी पक्का घर बनवाकर धूमधाम से करना चाहते थे। अभी फूस के बने कच्चे घर में ही परिवार रहता है।
रंजीत ने देहरादून में मजदूरी करके दो कमरों की दीवारें खड़ी कर ली थीं। छत डालने के रुपये न होने कारण उसके इंतजाम में लगे थे। बेटे रंजीत की सड़क हादसे में मौत होने से पिता रामशंकर पर अचानक परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया है। रामशंकर के पास मात्र डेढ़ बीघा जमीन है। परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।
रंजीत के साथी आदित्य पांडे उर्फ लल्ला भी देहरादून में मजदूरी करके अपने जीवनयापन के साथ-साथ अपनी शादी के लिए रुपये जुटा रहे थे। आदित्य मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। चार भाइयों में सबसे छोटे थे। इनके हिस्से में एक एकड़ जमीन है। छह माह की उम्र में पिता की मृत्यु हो गई थी। घर में शादी की तैयारियां शुरू हो गई थी।
एक साथ उठीं दो अर्थी, हर आंख हुई नम
थाना क्षेत्र के गांव बिछुली निवासी रंजीत और आदित्य पांडे उर्फ लल्ला वर्ष जिला बिजनौर के थाना शेरकोट के रानीकुंड में हुए सड़क हादसे में मौत के बाद बिजनौर में ही पोस्टमाॅर्टम कराया गया था। इसके बाद शव बुधवार सुबह गांव पहुंचे। दोनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए एक साथ परिजन लेकर चले तो हर कोई गमगीन हो गया। ग्रामीणों के मुताबिक, ऐसा मंजर गांव वालों ने कभी नहीं देखा था। दोनों लड़के हंसमुख और मेहनती थे।
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रंजीत ने देहरादून में मजदूरी करके दो कमरों की दीवारें खड़ी कर ली थीं। छत डालने के रुपये न होने कारण उसके इंतजाम में लगे थे। बेटे रंजीत की सड़क हादसे में मौत होने से पिता रामशंकर पर अचानक परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया है। रामशंकर के पास मात्र डेढ़ बीघा जमीन है। परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।
रंजीत के साथी आदित्य पांडे उर्फ लल्ला भी देहरादून में मजदूरी करके अपने जीवनयापन के साथ-साथ अपनी शादी के लिए रुपये जुटा रहे थे। आदित्य मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। चार भाइयों में सबसे छोटे थे। इनके हिस्से में एक एकड़ जमीन है। छह माह की उम्र में पिता की मृत्यु हो गई थी। घर में शादी की तैयारियां शुरू हो गई थी।
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थाना क्षेत्र के गांव बिछुली निवासी रंजीत और आदित्य पांडे उर्फ लल्ला वर्ष जिला बिजनौर के थाना शेरकोट के रानीकुंड में हुए सड़क हादसे में मौत के बाद बिजनौर में ही पोस्टमाॅर्टम कराया गया था। इसके बाद शव बुधवार सुबह गांव पहुंचे। दोनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए एक साथ परिजन लेकर चले तो हर कोई गमगीन हो गया। ग्रामीणों के मुताबिक, ऐसा मंजर गांव वालों ने कभी नहीं देखा था। दोनों लड़के हंसमुख और मेहनती थे।

युवकों की मौत की खबर सुनकर रोते बिलखते परिजन। स्रोत: ग्रामीण

युवकों की मौत की खबर सुनकर रोते बिलखते परिजन। स्रोत: ग्रामीण