UP: तराई में कितनी है बाघों की संख्या... 10 दिसंबर से शुरू होगी गिनती; डिजिटल डाटा किया जाएगा तैयार
तराई में बाघों की संख्या का डिजिटल डाटा तैयार किया जाएगा। इसके लिए 10 दिसंबर से बाघों की गिनती शुरू होगी। करीब छह महीने तक गणना कार्य चलेगा। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व से लेकर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में कितने बाघ हैं।
विस्तार
पीलीभीत से लेकर लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व और बहराइच के कतर्निया घाट तक पूरे तराई इलाके में कितने बाघ हैं, इसका इस बार डिजिटल डाटा तैयार होगा। फिर डाटा को भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून भेजा जाएगा। चार साल बाद शुरू होने जा रही बाघों की गणना में इस बार विशेषज्ञों की टीमें कागजों के बजाय खास एप पर डाटा एकत्र करेगी। गणना कार्य 10 दिसंबर से शुरू हो रहा है। तीन चरणों में पूरी होने वाली गणना में कुल 25 टीमें कार्य करेंगी। यह कार्य मई 2026 तक चलेगा। पहले चरण में साइन सर्वे, पैरों के निशान का आंकलन करने के साथ ही शाकाहारी वन्यजीवों की गणना होगी।
दूसरे चरण में रिमोट सेंसिंग की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसमें जंगल के रास्तों, पानी के स्रोतों, वाटरहोल्स आदि का सर्वे होगा। तीसरे चरण में कैमरा ट्रैपिंग विधि को अपनाया जाएगा। इसमें जंगल के विभिन्न स्थानों पर कैमरे लगाकर उन्हें 30-35 दिनों के लिए छोड़ा जाएगा।
यह भी पढ़ें- UP: रहम करो...रहम...रोती-पीटती महिलाएं दे रही थीं खुदा का वास्ता; बुलडोजर और पुलिस देख चीख-चीख कर रोती महिलाएं
बाघों की गणना पूरे देश में इससे पहले वर्ष 2022 में हुई थी। इस बार दुधवा में ये कार्य दिसंबर, 2025 से शुरू होकर मई 2026 में पूरा कर लिया जाएगा। बाघों की गणना का सारा कार्य खास तौर से तैयार किए गए एम स्ट्राइप्स ईको एप की मदद से होगा। इसी एप पर डाटा एकत्र करके उसे गणना पूरी होने के बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान को भेजा जाएगा।
पहले पीलीभीत, किशनपुर और मैलानी रेंज में होगी गणना
बाघों की गणना का काम पहले पीलीभीत टाइगर रिजर्व, किशनपुर वन्यजीव विहार और मैलानी रेंज व बफर जोन में किया जाएगा। इसमें कुल आठ टीमों को लगाया गया है। इसके बाद दुधवा नेशनल पार्क और उसके बाद बफरजोन में कार्य होगा। इसमें 10 टीमों को लगाया गया है। आखिर में कतर्निया घाट वन्यजीव विहार में सात टीमें बाघों की गणना का कार्य पूरा करेंगी।
गणना के लिए लगाए जाएंगे 1200 कैमरे
बाघों की गणना के लिए कुल 1200 कैमरे लगाए जाएंगे, जो दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन के पास उपलब्ध हैं। गणना के लिए प्रति दो वर्ग किमी क्षेत्रफल में दो कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों में बाघों की जो तस्वीरें कैद होंगी, उनका मिलान पुरानी तस्वीरों से करने के बाद जो नई तस्वीरें होंगी, उनके आधार पर बाघों की संख्या का आंकलन किया जाएगा।
दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी डॉ. एच राजामोहन ने बताया कि बाघों की गणना का कार्य इस बार एम स्ट्राप्स ईको एप की मदद से किया जाएगा। टीमों को पूर्व में ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 10 दिसंबर से गणना शुरू हो जाएगी।