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UP News: लखीमपुर खीरी में खाद की किल्लत, डीएपी की मांग पर किसानों को थमाई जा रही एनपीके

संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी Updated Wed, 03 Dec 2025 03:37 PM IST
सार

लखीमपुर खीरी जिले में डीएपी खाद न मिलने से किसान परेशान हैं। डीएपी की मांग है, लेकिन समितियों पर किसान को एनपीके थमाई जा रही है। किसानों का कहना है कि डीएपी का स्टॉक न होने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया जाता है। 

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Fertilizer shortage NPK being withheld on demand for DAP in lakhimpur kheri
समिति पर खाद के लिए लगी कतार
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विस्तार
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लखीमपुर खीरी जिले में खाद को लेकर एक बड़ा खेल चल रहा है। मौजूदा समय में डीएपी की मांग है, लेकिन समितियों पर किसानों को एनपीके थमाई जा रही है, जो डीएपी से चार से पांच रुपये महंगी है। समितियों पर स्टॉक की कमी बताकर किसानों को एनपीके खरीदने के लिए मजबूरन किया जा रहा है। पड़ताल में यह सच्चाई सामने आई। प्राथमिक सहकारी समिति व राजापुर बैनी में डीएपी नहीं है, जबकि एनपीके है। बी-पैक्स रमियाबेहड में एनपीके है, डीएपी व यूरिया नहीं है। लखाही और कलुआकोट में डीएपी है। अमीरनगर समिति पर 1200 बोरी एनपीके है, लेकिन डीएपी नहीं है।

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बहुउद्देश्यीय समिति खमरिया में एक महीने से डीएपी नहीं है। सचिव अनुपम ने बताया कि एनपीके 450 बोरी है। डीएपी की डिमांड गई है। बी-पैक्स पसगवां में यूरिया, एनपीके व डीएपी नहीं है। किसानों को बिना खाद के लौटना पड़ता है। उचौलिया के सहकारी समिति वनकागांव में एनपीके 250 बोरी है। करीब नौ सौ बोरी डीएपी बांटी गई थी।
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मैगलगंज की सहकारी समिति में न तो डीएपी है और न ही एनपीके। किसानों को सिर्फ यूरिया ही मिल पा रही है। किसानों ने बताया कि रबी फसलों के लिए डीएपी की ज्यादा जरूरत है, लेकिन स्टॉक न होने से बात कहकर उनको लौटा दिया जाता है। सचिव विनोद चौधरी ने बताया कि तीन दिनों से डीएपी व एपीके नहीं है। मांग की गई है।

धौरहरा में चकलाखीपुर, जंगल वाली नैनापुर, सुजानपुर, परौरी आदि समितियों पर डीएपी नहीं है, जबकि एनपीके है। डीएपी न होने पर किसान मजबूरन महंगे दामों पर एनपीके खरीदने के लिए मजबूर हैं। धौरहरा समिति के सचिव शिवा त्रिवेदी ने बताया कि डीएपी आ गई है। मशीन में चढ़ाने के बाद उसका वितरण किया जाएगा।

 

खाद लक्ष्य नवंबर तक वितरण प्रतिशत
यूरिया 88559 18564 53.35
डीएपी 24974 10317 67.46
एनपीके 23125 9913 46.83
एसओपी 3532 940 47.43
एस फास्फेट 30224 16879 52.54
डीएपी-एपपीके 48074 20230 55.47

अन्य समितियों पर भी हालात मिलते-जुलते
मझगईं के त्रिलोकपुर में डीएपी व एनपीके मिली, जकि यूरिया नहीं है। संपूर्णानगर सिंगाही खुर्द स्थित बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति, बी पैक्स सिंगाही खुर्द पर यूरिया नहीं है, जबकि डीएपी व एनपीके है। साधन सहकारी समिति अंदापुर, गौरिया में यूरिया नहीं है, डीएपी है। 

लेखाकर नवीन ने बताया कि एक-दो दिन में यूरिया आ जाएगी। बरबर के पैकीपुर साधन सहकारी समिति पर 495 बोरी डीएपी बंटने के बाद खत्म हो गई। स्टॉक में 1095 बोरी एनपीके है। बी-पैक्स केंद्र भल्लिया बुजुर्ग में सभी खाद हैं। सचिव पवनेश कुमार ने बताया कि 515 बोरी एनपीके, 480 डीएपी, 326 बोरी यूरिया है, जो किसानों को उनके जोत भूमि के आधार पर दी जा रही है।

किसान हो रहे परेशान 
अभयपुर धौरहरा के रामकिशोर शर्मा ने बताया कि समितियों पर डीएपी नहीं, बल्कि एनपीके मिल रही है। डीएपी अच्छी और सस्ती होती है, फिर भी वह नहीं मंगाई जा रही है। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। धौरहरा के किसान रमाकांत वर्मा ने कहा कि समितियों पर पिछले एक महीने से डीएपी नहीं मंगाई गई। मजबूरी में चार से पांच सौ रुपये महंगी एनपीके लेनी पड़ रही है। किसानों के साथ यह गलत हो रहा।

मैगलगंज समीम गाजी ने बताया कि मैगलगंज समिति पर डीएपी और एनपीके दोनों ही गायब हैं। यूरिया से अकेले काम नहीं चलता। अगर जल्द खाद नहीं मिली तो फसल कमजोर हो जाएगी।
किसान वीरेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि डीएपी लेने के लिए दो दिनों से समिति के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन बार-बार स्टॉक खत्म बोल कर लौटा दिया जाता है। मजबूरन बिना खाद के ही खेत देख रहा हूं।
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