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Lalitpur News: खिड़कियों के टूटे शीशे से आती हैं सर्द हवाएं
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सीएससी महरौनी में प्रसूता वार्ड के टूटे सीसे
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घर से कंबल या रजाई लाकर सर्दी से बचाव करती हैं प्रसूताएं
संवाद न्यूज एजेंसी
महरौनी-सिलावन। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के कड़े निर्देश के बाद भी स्वास्थ्य महकमा व्यवस्था को सुधार नहीं रहा है। आलम यह है कि लाखों खर्च के बाद भी महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। वहां से अंदर आ रही सर्द हवाओं से प्रसूताएं परेशान रहती हैं। वहीं, प्रसूताओं को कंबल तक नहीं मिल रहा है। ठंड से बचने के लिए प्रसूताओं को घर से कंबल लाना पड़ता है। अस्पताल परिसर में गंदगी फैली है। दुर्गंध से मरीज और तीमारदार परेशान हैं।
ब्लॉक महरौनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों को भर्ती करने के लिए 50 बेड की व्यवस्था है लेकिन सर्दी में इनके लिए कंबल का इंतजाम नहीं है। इसके चलते, प्रसूताओं और नवजात को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं, प्रसूता वार्ड की ज्यादातर खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं। इनसे रात में सर्द हवा से प्रसूताओं की कंपकंपी छूट रही है। तहसील मुख्यालय होने के नाते क्षेत्र के अधिकांश मरीज यहीं पर आते हैं।
रैनबसेरे में एंबुलेंस के चालकों का कब्जा
मरीजों के तीमारदारों के लिए बनाए गए रैन बसेरों में एंबुलेंस के चालकों का कब्जा रहता है। इसी कारण तीमारदारों को इधर-उधर बैठकर सारी रात गुजारनी पड़ती है। हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल परिसर में अलाव तक का इंतजाम नहीं है।
गंदगी का अंबार, नियमित नहीं होती सफाई
अस्पताल परिसर में नियमित सफाई न होने से गंदगी पसरी रहती है। गंदगी से उठ रही तीव्र दुर्गंध से लोगों का ठहरना ही मुश्किल हो रहा है। मरीज का कहना है कि गंदगी से संक्रामक रोग फैल सकते हैं। अस्पताल परिसर में न तो ब्लीचिंग की जा रही और न कोई दवा जिससे मच्छरों की भी संख्या बढ़ी हुई है।
जनऔषधि केंद्र पर दवाएं नहीं
स्वास्थ्य केंद्र पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोला गया है लेकिन यहां पर दवाइयों का अभाव बना होने से मरीजों को मजबूरन महंगी दवाइयां खरीदना पड़ रही है। करीब 250 से अधिक प्रकार की दवाइयां औषधि केंद्र पर होनी चाहिए लेकिन 10-12 प्रकार की कुछ दवाइयां ही यहां उपलब्ध हैं।
वर्जन
अस्पताल में काफी समय से कंबल नहीं आए हैं। इससे कुछ समस्या है। जल्द ही कंबलों का इंतजाम कर लिया जाएगा। अन्य व्यवस्थाओं को भी सुधरवाया जाएगा। - डॉ. एमपी सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महरौनी
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संवाद न्यूज एजेंसी
महरौनी-सिलावन। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के कड़े निर्देश के बाद भी स्वास्थ्य महकमा व्यवस्था को सुधार नहीं रहा है। आलम यह है कि लाखों खर्च के बाद भी महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। वहां से अंदर आ रही सर्द हवाओं से प्रसूताएं परेशान रहती हैं। वहीं, प्रसूताओं को कंबल तक नहीं मिल रहा है। ठंड से बचने के लिए प्रसूताओं को घर से कंबल लाना पड़ता है। अस्पताल परिसर में गंदगी फैली है। दुर्गंध से मरीज और तीमारदार परेशान हैं।
ब्लॉक महरौनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों को भर्ती करने के लिए 50 बेड की व्यवस्था है लेकिन सर्दी में इनके लिए कंबल का इंतजाम नहीं है। इसके चलते, प्रसूताओं और नवजात को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं, प्रसूता वार्ड की ज्यादातर खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं। इनसे रात में सर्द हवा से प्रसूताओं की कंपकंपी छूट रही है। तहसील मुख्यालय होने के नाते क्षेत्र के अधिकांश मरीज यहीं पर आते हैं।
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रैनबसेरे में एंबुलेंस के चालकों का कब्जा
मरीजों के तीमारदारों के लिए बनाए गए रैन बसेरों में एंबुलेंस के चालकों का कब्जा रहता है। इसी कारण तीमारदारों को इधर-उधर बैठकर सारी रात गुजारनी पड़ती है। हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल परिसर में अलाव तक का इंतजाम नहीं है।
गंदगी का अंबार, नियमित नहीं होती सफाई
अस्पताल परिसर में नियमित सफाई न होने से गंदगी पसरी रहती है। गंदगी से उठ रही तीव्र दुर्गंध से लोगों का ठहरना ही मुश्किल हो रहा है। मरीज का कहना है कि गंदगी से संक्रामक रोग फैल सकते हैं। अस्पताल परिसर में न तो ब्लीचिंग की जा रही और न कोई दवा जिससे मच्छरों की भी संख्या बढ़ी हुई है।
जनऔषधि केंद्र पर दवाएं नहीं
स्वास्थ्य केंद्र पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोला गया है लेकिन यहां पर दवाइयों का अभाव बना होने से मरीजों को मजबूरन महंगी दवाइयां खरीदना पड़ रही है। करीब 250 से अधिक प्रकार की दवाइयां औषधि केंद्र पर होनी चाहिए लेकिन 10-12 प्रकार की कुछ दवाइयां ही यहां उपलब्ध हैं।
वर्जन
अस्पताल में काफी समय से कंबल नहीं आए हैं। इससे कुछ समस्या है। जल्द ही कंबलों का इंतजाम कर लिया जाएगा। अन्य व्यवस्थाओं को भी सुधरवाया जाएगा। - डॉ. एमपी सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महरौनी
