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Lalitpur: जेल जाने वाले अभिनव सिंह की मां का दर्द पहली बार आया बाहर, कविता के माध्यम से किया बयां, यह लिखा
संवाद न्यूज एजेंसी, ललितपुर
Published by: दीपक महाजन
Updated Sat, 20 Dec 2025 02:48 PM IST
सार
डॉक्टर हर्षा ललितपुर में अकेली रहती हैं। उन्होंने कविता के माध्यम से अपना दर्द बयान किया है। उन्होंने अपनी बेटी के हिम्मत की तारीफ करते हुए उन्हें सलाम लिखा है।
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जीजा के नाम पर नौकरी करने वाला अभिनव सिंह
- फोटो : संवाद
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विस्तार
ललितपुर मेडिकल कॉलेज में फर्जी तरीके से जीजा डॉ. राजीव गुप्ता की डिग्री पर डॉक्टरी करने वाले इंजीनियर अभिनव सिंह की मां हर्षा ने कविता के माध्यम से अपना दर्द बयान किया है। उन्होंने अपनी बेटी के हौसले की तारीफ की है। लेकिन अपने बेटे को लेकर उन्होंने बस यही कहा है कि अभिनव मेरा सगा बेटा है, मैं और कुछ नहीं कहना चाहती हूं। बहन की शिकायत के बाद पोल खुलने पर अभिनव सिंह ने अपनी मां की मौत का हवाला देते हुए मेडिकल कॉलेज से त्याग पत्र दे दिया था। भंडाफोड़ होने के बाद अभिनव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
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अभिनव की मां हर्षा की लिखी कविता
- फोटो : संवाद
बेटी के हौसले को किया सलाम
डॉक्टर हर्षा की कविता में उनका दर्द छलका है उन्होंने लिखा है- बहुत मजबूत होकर, मजबूर होकर, घर की इज्जत दांव पर, आंखों में डर, दिल में आग, सोता रहा कानून, वह दिलेर बहन बनी इंसाफ की आवाज, चाहती तो मौन ही रहती सोचती इकलौता भाई ही है। विधवा मां के वार्धक्य का सहारा, आंसू पीकर, कमर कसकर, झांसी की रानी बनकर, सोचकर रब रूठे, मां छूटे, शादी टूटे, उसने लड़ना चुना। वह स्वयं भी यूएस में आप्थो सर्जन है, क्योंकि उसे लगा खामोशी गुना होगी, सलाम, इस गजब की हिम्मत को।
पोल खुलने पर मां की मौत का दिया था हवाला
जीजा की डिग्री लगाकर चिकित्सक बने अभिनव सिंह को उसके फर्जीवाड़ा की पोल खुलने की भनक लग गई थी। फर्जी चिकित्सक अभिनव सिंह ने शिकायत होने के एक दिन पहले ही अपनी मां की मौत का हवाला लेकर मेडिकल कॉलेज से त्यागपत्र दे दिया था। त्यागपत्र के अगले दिन शिकायत करने पहुंची बहन डॉ. सोनाली सिंह से जब प्रधानाचार्य ने मां की मौत के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
डॉक्टर हर्षा की कविता में उनका दर्द छलका है उन्होंने लिखा है- बहुत मजबूत होकर, मजबूर होकर, घर की इज्जत दांव पर, आंखों में डर, दिल में आग, सोता रहा कानून, वह दिलेर बहन बनी इंसाफ की आवाज, चाहती तो मौन ही रहती सोचती इकलौता भाई ही है। विधवा मां के वार्धक्य का सहारा, आंसू पीकर, कमर कसकर, झांसी की रानी बनकर, सोचकर रब रूठे, मां छूटे, शादी टूटे, उसने लड़ना चुना। वह स्वयं भी यूएस में आप्थो सर्जन है, क्योंकि उसे लगा खामोशी गुना होगी, सलाम, इस गजब की हिम्मत को।
पोल खुलने पर मां की मौत का दिया था हवाला
जीजा की डिग्री लगाकर चिकित्सक बने अभिनव सिंह को उसके फर्जीवाड़ा की पोल खुलने की भनक लग गई थी। फर्जी चिकित्सक अभिनव सिंह ने शिकायत होने के एक दिन पहले ही अपनी मां की मौत का हवाला लेकर मेडिकल कॉलेज से त्यागपत्र दे दिया था। त्यागपत्र के अगले दिन शिकायत करने पहुंची बहन डॉ. सोनाली सिंह से जब प्रधानाचार्य ने मां की मौत के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
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मेडिकल कॉलेज, ललितपुर
- फोटो : संवाद
अब यह हैं चिंता
80 वर्षीय हर्षा ललितपुर में अकेली रह रही हैं। उनकी बेटी डॉ. सोनाली यूएस अपने पति के पास चली गई हैं और बेटा अभिनव जेल में है। घर में करीब चौदह कुत्ते हैं जिनका वह घर के सदस्य की तरह ध्यान रखती है। बुजुर्ग हर्षा को अब यह चिंता सता रही है कि उनके उनके जाने के बाद इन कुत्तों का ध्यान कौन रखेगा।
इंजीनियर से फर्जी डॉक्टर बने अभिनव की कहानी
चिकित्सक बने अभिनव सिंह की फर्जीवाड़ा की कहानी नई नहीं है। इससे पहले, रुड़की से इंजीनियर की पढ़ाई के बाद वह चेन्नई में कस्टम अधिकारी के पद पर तैनात हुआ था। यहां पर भी धोखाधड़ी की। उस पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे थे। धोखाधड़ी के मामले में नौकरी से बर्खास्त किया गया और जेल गया। इसके बाद अभिनव सिंह ने अपने कार्डियोलॉजिस्ट जीजा की एमबीबीएस व एमडी की डिग्री लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकरण करा लिया। 2022 में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्डियो एवं जनरल मेडिसिन के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ। इसमें अपने जीजा की डिग्री लगाई और मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विशेषज्ञ बन गया। करीब तीन साल तक वह मरीजों का इलाज करता रहा।
80 वर्षीय हर्षा ललितपुर में अकेली रह रही हैं। उनकी बेटी डॉ. सोनाली यूएस अपने पति के पास चली गई हैं और बेटा अभिनव जेल में है। घर में करीब चौदह कुत्ते हैं जिनका वह घर के सदस्य की तरह ध्यान रखती है। बुजुर्ग हर्षा को अब यह चिंता सता रही है कि उनके उनके जाने के बाद इन कुत्तों का ध्यान कौन रखेगा।
इंजीनियर से फर्जी डॉक्टर बने अभिनव की कहानी
चिकित्सक बने अभिनव सिंह की फर्जीवाड़ा की कहानी नई नहीं है। इससे पहले, रुड़की से इंजीनियर की पढ़ाई के बाद वह चेन्नई में कस्टम अधिकारी के पद पर तैनात हुआ था। यहां पर भी धोखाधड़ी की। उस पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे थे। धोखाधड़ी के मामले में नौकरी से बर्खास्त किया गया और जेल गया। इसके बाद अभिनव सिंह ने अपने कार्डियोलॉजिस्ट जीजा की एमबीबीएस व एमडी की डिग्री लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकरण करा लिया। 2022 में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्डियो एवं जनरल मेडिसिन के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ। इसमें अपने जीजा की डिग्री लगाई और मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विशेषज्ञ बन गया। करीब तीन साल तक वह मरीजों का इलाज करता रहा।
