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Lalitpur News: अब प्रशासन करेगा संपत्ति की जांच, तलाशी जाएगी नामी-बेनामी संपत्ति
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फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट : जेल में बंद चल रहे अभिनव सिंह की बढ़ेंगी मुश्किलें
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। मेडिकल कॉलेज के फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट अभिनव सिंह की संपत्ति की जांच अब प्रशासन कराएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। अभिनव की ओर से खरीदी गई नामी-बेनामी संपत्ति को खंगाला जाएगा।
अमेरिका में रहने वाले बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता के चिकित्सकीय डिग्री और अन्य दस्तावेज के सहारे उनके ही नाम से इंजीनियर अभिनव सिंह ने कार्डियोलॉजिस्ट की नौकरी पाई। तीन साल तक मेडिकल कॉलेज में मरीजों का इलाज करने वाले अभिनव के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है।
इस हाईप्रोफाइल केस की जांच पुलिस तेजी से कर रही है। पुलिस की पांच टीमें कोलकता, रुड़की, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और अलीगढ़ पहुंचकर अभिलेख खंगालने में जुटी हैं। वहीं अब जिला प्रशासन भी जांच करने की तैयारी कर रहा है। यह पता लगाया जाएगा कि अभिनव सिंह के नाम पर क्या-क्या संपत्ति है और उसने कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल कर डाॅ. राजीव गुप्ता के नाम से क्या-क्या संपत्ति खरीदी है या अपने नाम करवाई है। वहीं, उसके परिजनों की संपत्ति को भी खंगाला जाएगा।
शस्त्र लाइसेंस में प्रयुक्त अभिलेख की जांच शुरू
आरोपी अभिनव सिंह द्वारा शस्त्र लाइसेंस लेने और अपनी मां के नाम के लाइसेंसी शस्त्र को अपने नाम स्थानांतरित कराने के लिए प्रयुक्त अभिलेख की जांच भी प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, इन प्रपत्रों में गड़बड़ी पाए जाने पर शस्त्र लाइसेंस रद्द किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वर्जन
आरोपी अभिनव सिंह की नामी-बेनामी संपत्ति की जांच की जाएगी। असलहा लाइसेंसों को निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही असलहा लाइसेंस में प्रयुक्त दस्तावेज की जांच कराई जा रही है। गलत अभिलेख के सहारे शस्त्र लाइसेंस लेने पर उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। - सत्यप्रकाश, जिलाधिकारी
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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। मेडिकल कॉलेज के फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट अभिनव सिंह की संपत्ति की जांच अब प्रशासन कराएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। अभिनव की ओर से खरीदी गई नामी-बेनामी संपत्ति को खंगाला जाएगा।
अमेरिका में रहने वाले बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता के चिकित्सकीय डिग्री और अन्य दस्तावेज के सहारे उनके ही नाम से इंजीनियर अभिनव सिंह ने कार्डियोलॉजिस्ट की नौकरी पाई। तीन साल तक मेडिकल कॉलेज में मरीजों का इलाज करने वाले अभिनव के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है।
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इस हाईप्रोफाइल केस की जांच पुलिस तेजी से कर रही है। पुलिस की पांच टीमें कोलकता, रुड़की, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और अलीगढ़ पहुंचकर अभिलेख खंगालने में जुटी हैं। वहीं अब जिला प्रशासन भी जांच करने की तैयारी कर रहा है। यह पता लगाया जाएगा कि अभिनव सिंह के नाम पर क्या-क्या संपत्ति है और उसने कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल कर डाॅ. राजीव गुप्ता के नाम से क्या-क्या संपत्ति खरीदी है या अपने नाम करवाई है। वहीं, उसके परिजनों की संपत्ति को भी खंगाला जाएगा।
शस्त्र लाइसेंस में प्रयुक्त अभिलेख की जांच शुरू
आरोपी अभिनव सिंह द्वारा शस्त्र लाइसेंस लेने और अपनी मां के नाम के लाइसेंसी शस्त्र को अपने नाम स्थानांतरित कराने के लिए प्रयुक्त अभिलेख की जांच भी प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, इन प्रपत्रों में गड़बड़ी पाए जाने पर शस्त्र लाइसेंस रद्द किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वर्जन
आरोपी अभिनव सिंह की नामी-बेनामी संपत्ति की जांच की जाएगी। असलहा लाइसेंसों को निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही असलहा लाइसेंस में प्रयुक्त दस्तावेज की जांच कराई जा रही है। गलत अभिलेख के सहारे शस्त्र लाइसेंस लेने पर उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। - सत्यप्रकाश, जिलाधिकारी
