{"_id":"6941a8a4a0d53972670013f7","slug":"raids-were-conducted-for-oxytocin-injections-but-the-team-returned-empty-handed-lalitpur-news-c-131-1-ltp1020-148034-2025-12-17","type":"story","status":"publish","title_hn":"Lalitpur News: ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन के लिए मारे छापे, टीम रही खाली हाथ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Lalitpur News: ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन के लिए मारे छापे, टीम रही खाली हाथ
विज्ञापन
विज्ञापन
शहर, तालबेहट व नाराहट क्षेत्र में मेडिकल स्टोर पर औषधि निरीक्षक ने चलाया अभियान
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन का अनैतिक उपयोग रोकने के लिए औषधि निरीक्षक ने छापेमारी अभियान चलाया। जिले में तालबेहट, जनपद मुख्यालय व नाराहट क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों पर छापे मारे गए। हालांकि इस दौरान ऑक्सिटोसिन को खोजने में विभागीय टीम नाकाम रही।
औषधि निरीक्षक विनय मिश्रा ने शहर व आसपास क्षेत्र की मेडिकल दुकानों का औचक निरीक्षण कर ऑक्सिटोसिन के भंडारण, बिक्री और उपयोग की स्थिति की जांच की। निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक ने स्पष्ट किया कि ऑक्सिटोसिन का उपयोग केवल चिकित्सकीय परिस्थितियों में और विशेषज्ञ डॉक्टर की निगरानी में ही किया जा सकता है। दूध उत्पादन बढ़ाने या पशुओं में गलत उद्देश्य से इसका प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
उन्होंने बताया कि ऑक्सिटोसिन के दुरुपयोग से पशुओं में गंभीर बीमारियां उत्पन्न होती हैं। वहीं, ऐसा दूध पीने से मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। औषधि निरीक्षक ने दवा विक्रेताओं को चेतावनी दी कि बिना वैध अनुमति ऑक्सिटोसिन का भंडारण या बिक्री करते पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी मेडिकल स्टोर संचालकों एवं किराना व्यवसायियों को निर्देश दिए गए कि वे प्रतिबंधित दवाओं से संबंधित नियमों का सख्ती से पालन करें।
डेयरियों पर दुधारू पशुओं को धड़ल्ले से लगाए जा रहे इंजेक्शन
विभागीय अधिकारियों को भले ही छापामार कार्रवाई में ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन नहीं मिले हों लेकिन अधिकांश डेयरियों पर दुधारू पशुओं को इंजेक्शन लगाकर ही दूध निकाला जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इसका दुष्प्रभाव बच्चों से लेकर बड़ों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
Trending Videos
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन का अनैतिक उपयोग रोकने के लिए औषधि निरीक्षक ने छापेमारी अभियान चलाया। जिले में तालबेहट, जनपद मुख्यालय व नाराहट क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों पर छापे मारे गए। हालांकि इस दौरान ऑक्सिटोसिन को खोजने में विभागीय टीम नाकाम रही।
औषधि निरीक्षक विनय मिश्रा ने शहर व आसपास क्षेत्र की मेडिकल दुकानों का औचक निरीक्षण कर ऑक्सिटोसिन के भंडारण, बिक्री और उपयोग की स्थिति की जांच की। निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक ने स्पष्ट किया कि ऑक्सिटोसिन का उपयोग केवल चिकित्सकीय परिस्थितियों में और विशेषज्ञ डॉक्टर की निगरानी में ही किया जा सकता है। दूध उत्पादन बढ़ाने या पशुओं में गलत उद्देश्य से इसका प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने बताया कि ऑक्सिटोसिन के दुरुपयोग से पशुओं में गंभीर बीमारियां उत्पन्न होती हैं। वहीं, ऐसा दूध पीने से मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। औषधि निरीक्षक ने दवा विक्रेताओं को चेतावनी दी कि बिना वैध अनुमति ऑक्सिटोसिन का भंडारण या बिक्री करते पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी मेडिकल स्टोर संचालकों एवं किराना व्यवसायियों को निर्देश दिए गए कि वे प्रतिबंधित दवाओं से संबंधित नियमों का सख्ती से पालन करें।
डेयरियों पर दुधारू पशुओं को धड़ल्ले से लगाए जा रहे इंजेक्शन
विभागीय अधिकारियों को भले ही छापामार कार्रवाई में ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन नहीं मिले हों लेकिन अधिकांश डेयरियों पर दुधारू पशुओं को इंजेक्शन लगाकर ही दूध निकाला जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इसका दुष्प्रभाव बच्चों से लेकर बड़ों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
