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Lalitpur: जीजा की डिग्री पर डॉक्टरी करने वाला इंजीनियर गिरफ्तार, पहले भी जा चुका है जेल, 16 माह की हुई थी सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, ललितपुर
Published by: दीपक महाजन
Updated Fri, 12 Dec 2025 09:36 PM IST
सार
ललितपुर मेडिकल कॉलेज में जीजा की डिग्री पर चिकित्सक बने इंजीनियर अभिनव सिंह को पुलिस ने एमपी के खुरई से गिरफ्तार कर लिया है। यह तीन साल से हार्ट के मरीजों का उपचार कर रहा था। बहन की शिकायत के बाद इसका राज खुल सका है।
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पुलिस गिरफ्त में आरोपी अभिनव सिंह
- फोटो : संवाद
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विस्तार
जीजा की डिग्री का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट पद पर पिछले तीन वर्षों से कार्य करने के आरोपी अभिनव सिंह को शुक्रवार को पुलिस ने ललितपुर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने चिकित्सीय परीक्षण कराने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां उसको सात दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
बहन की शिकायत पर खुला था राज
आरोपी अभिनव सिंह की शिकायत उसकी बहन सोनाली सिंह ने अधिकारियों से बुधवार को की थी। आरोप लगाया था वह उनके पति डॉ. राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में नौकरी कर रहा है। सोनाली सिंह के आरोपों की जांच के लिए डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अंकुर श्रीवास्तव , मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मयंक कुमार शुक्ला और सीएमओ इम्तियाज अहमद को शामिल किया गया था। कमेटी की जांच में आरोप सही पाए गए। इस बात की पुष्टि हो गई कि अभिनव सिंह अपने जीजा के नाम पर मेडिकल कॉलेज में नौकरी कर रहा है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बृहस्पतिवार की रात डिप्टी सीएमओ रामनरेश सोनी की तहरीर पर पुलिस सिंह ने आरोपी अभिनव सिंह के खिलाफ सदर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कर ली।
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बहन की शिकायत पर खुला था राज
आरोपी अभिनव सिंह की शिकायत उसकी बहन सोनाली सिंह ने अधिकारियों से बुधवार को की थी। आरोप लगाया था वह उनके पति डॉ. राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में नौकरी कर रहा है। सोनाली सिंह के आरोपों की जांच के लिए डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अंकुर श्रीवास्तव , मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मयंक कुमार शुक्ला और सीएमओ इम्तियाज अहमद को शामिल किया गया था। कमेटी की जांच में आरोप सही पाए गए। इस बात की पुष्टि हो गई कि अभिनव सिंह अपने जीजा के नाम पर मेडिकल कॉलेज में नौकरी कर रहा है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बृहस्पतिवार की रात डिप्टी सीएमओ रामनरेश सोनी की तहरीर पर पुलिस सिंह ने आरोपी अभिनव सिंह के खिलाफ सदर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कर ली।
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चिकित्सक बनकर इलाज करने वाला इंजीनियर अभिनव
- फोटो : संवाद
एमपी के खुरई से किया गिरफ्तार
एसपी ने आराेपी को गिरफ्तार करने के लिए चार टीमों का गठन किया था। पुलिस ने आरोपी अभिनव सिंह निवासी मोहल्ला तालाबपुरा हाल आरएलएम कॉलेज के पास खुरई (मध्य प्रदेश) को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से आधार कार्ड, मतदान पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने कई राज उगले हैं। इस मामले में एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि दूसरे की डिग्री पर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रूप में कार्य करने के आरोपी अभिनव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में पता चला है कि वह इंजीनियर है। उसके खिलाफ पहले भी मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले की गहनता से जांच कराई जा रही है। अगर इस षड़यंत्र में कोई और शामिल मिलता है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह दस्तावेज हुए बरामद
आरोपी अभिनव के पास से डीएमसी सर्टिफिकेट, मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद से संबंधित प्रपत्र, राजीव गुप्ता के नाम पर जारी आधार कार्ड ई-आधार , मतदाता पहचान पत्र छाया प्रति की छायाप्रति और प्रैक्टिस से संबंधित प्रपत्र की छायाप्रति बरामद किए।
एसपी ने आराेपी को गिरफ्तार करने के लिए चार टीमों का गठन किया था। पुलिस ने आरोपी अभिनव सिंह निवासी मोहल्ला तालाबपुरा हाल आरएलएम कॉलेज के पास खुरई (मध्य प्रदेश) को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से आधार कार्ड, मतदान पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने कई राज उगले हैं। इस मामले में एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि दूसरे की डिग्री पर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रूप में कार्य करने के आरोपी अभिनव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में पता चला है कि वह इंजीनियर है। उसके खिलाफ पहले भी मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले की गहनता से जांच कराई जा रही है। अगर इस षड़यंत्र में कोई और शामिल मिलता है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह दस्तावेज हुए बरामद
आरोपी अभिनव के पास से डीएमसी सर्टिफिकेट, मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद से संबंधित प्रपत्र, राजीव गुप्ता के नाम पर जारी आधार कार्ड ई-आधार , मतदाता पहचान पत्र छाया प्रति की छायाप्रति और प्रैक्टिस से संबंधित प्रपत्र की छायाप्रति बरामद किए।
मेडिकल कॉलेज, ललितपुर
- फोटो : संवाद
हुई थी 16 माह की सजा, बीस साल तक छिपता-छिपाता रहा था
आरोपी अभिनव सिंह ने पुलिस को बताया कि कस्टम विभाग में नौकरी करने के दौरान 1999 में उसके खिलाफ करप्शन एक्ट में मुकदमा दर्ज हुा था। इससे बाद वह छिपते-छिपाते रह रहा था। इसी बीच अपने बहनोई डाॅ. राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल कर मथुरा के एक मेडिकल कॉलेज में कार्य किया। 2019 मे सीबीआई की टीम ने कस्टम विभाग के प्रकरण में मथुरा से पकड लिया था, जहां से उसे जेल भेजा गया था। न्यायालय ने इस मामले में 16 महीने की सजा सुनाई थी और जुर्माने के रूप में आठ लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। जुलाई 2020 में वह जेल से छूटा था।
डॉ. राजीव गुप्ता के नाम पर है पिस्टल
एसपी मोहम्म्द मुश्ताक ने बताया कि संज्ञान में आया है कि आरोपी अभिनव सिंह अपने बहनोई डॉ राजीव गुप्ता के नाम से पिस्टल खरीदी है। इसकी जांच कराई जा रही है कि किसके नाम पर पिस्टल का लाइसेंस जारी किया गया है।
कहा -वह ही है असली डॉ राजीव गुप्ता, अभिनव सिंह तो उसका भाई था जिनकी मौत हो गई
आरोपी अभिनव सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि जमीन के विवाद में उसे फंसाया जा रहा है। वह असली डॉ राजीव गुप्ता है। उसके बहनोई का नाम भी डॉ राजीव गुप्ता है और जो अभिनव सिंह उसके बड़े भाई थे, जिनकी वर्ष 2022 में मौत हो चुकी है। हालांकि पुलिस इस मामले के हर एक पहलू से गहनता से जांच कर रही है।
आरोपी अभिनव सिंह ने पुलिस को बताया कि कस्टम विभाग में नौकरी करने के दौरान 1999 में उसके खिलाफ करप्शन एक्ट में मुकदमा दर्ज हुा था। इससे बाद वह छिपते-छिपाते रह रहा था। इसी बीच अपने बहनोई डाॅ. राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल कर मथुरा के एक मेडिकल कॉलेज में कार्य किया। 2019 मे सीबीआई की टीम ने कस्टम विभाग के प्रकरण में मथुरा से पकड लिया था, जहां से उसे जेल भेजा गया था। न्यायालय ने इस मामले में 16 महीने की सजा सुनाई थी और जुर्माने के रूप में आठ लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। जुलाई 2020 में वह जेल से छूटा था।
डॉ. राजीव गुप्ता के नाम पर है पिस्टल
एसपी मोहम्म्द मुश्ताक ने बताया कि संज्ञान में आया है कि आरोपी अभिनव सिंह अपने बहनोई डॉ राजीव गुप्ता के नाम से पिस्टल खरीदी है। इसकी जांच कराई जा रही है कि किसके नाम पर पिस्टल का लाइसेंस जारी किया गया है।
कहा -वह ही है असली डॉ राजीव गुप्ता, अभिनव सिंह तो उसका भाई था जिनकी मौत हो गई
आरोपी अभिनव सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि जमीन के विवाद में उसे फंसाया जा रहा है। वह असली डॉ राजीव गुप्ता है। उसके बहनोई का नाम भी डॉ राजीव गुप्ता है और जो अभिनव सिंह उसके बड़े भाई थे, जिनकी वर्ष 2022 में मौत हो चुकी है। हालांकि पुलिस इस मामले के हर एक पहलू से गहनता से जांच कर रही है।
जुलाई 2020 में जेल से निकला बाहर।
- फोटो : istock
सोनाली सिंह ने कहा कि जमीन का नहीं है कोई विवाद
आरोपी की बहन सोनाली सिंह ने कहा कि इस प्रकरण में जमीन का कोई मामला नहीं है। मेरे पति डॉ राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट बनकर उपचार करने की जानकारी मिली तो मानवीय पहलू के नाते उन्होंने इसकी शिकायत की है। अभिनव का यह आरोप गलत है कि जमीन के विवाद में उसको फंसाया जा रहा है।
जेल से रिहा होने के बाद पढ़ी थी मेडिकल की किताबें
अभिनव ने बताया कि जुलाई 2020 में जेल से छूटकर घर वापस आया था। इसी दौरान एनएचएम के तहत राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित हुई। जिसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के अंतर्गत संविदा पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में प्रतिभाग किया था। साक्षात्कार देने के लिए अभिनव ने मेडिकल की कई किताबों का अध्ययन किया था और छद्म रूप से इस प्रक्रिया में अपनी बहन के पति डाॅ राजीव गुप्ता के प्रपत्रों तथा अपनी फोटो व पहचान पत्रों का उपयोग किया था। इस प्रक्रिया में उसका चयन सीसीयू यूनिट जिला अस्पताल के लिए स्पेशलिस्ट के पद पर हो गया था। तब से लगातार अस्पताल में डॉक्टर राजीव गुप्ता एमडी मेडिसिन हृदय रोग विशेषज्ञ का फर्जी बोर्ड लगाकर मरीजों का इलाज कर रहा था।
गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करता अभिनव और जानकारी देते एसपी मोहम्मद मुश्ताक...
आरोपी की बहन सोनाली सिंह ने कहा कि इस प्रकरण में जमीन का कोई मामला नहीं है। मेरे पति डॉ राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट बनकर उपचार करने की जानकारी मिली तो मानवीय पहलू के नाते उन्होंने इसकी शिकायत की है। अभिनव का यह आरोप गलत है कि जमीन के विवाद में उसको फंसाया जा रहा है।
जेल से रिहा होने के बाद पढ़ी थी मेडिकल की किताबें
अभिनव ने बताया कि जुलाई 2020 में जेल से छूटकर घर वापस आया था। इसी दौरान एनएचएम के तहत राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित हुई। जिसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के अंतर्गत संविदा पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में प्रतिभाग किया था। साक्षात्कार देने के लिए अभिनव ने मेडिकल की कई किताबों का अध्ययन किया था और छद्म रूप से इस प्रक्रिया में अपनी बहन के पति डाॅ राजीव गुप्ता के प्रपत्रों तथा अपनी फोटो व पहचान पत्रों का उपयोग किया था। इस प्रक्रिया में उसका चयन सीसीयू यूनिट जिला अस्पताल के लिए स्पेशलिस्ट के पद पर हो गया था। तब से लगातार अस्पताल में डॉक्टर राजीव गुप्ता एमडी मेडिसिन हृदय रोग विशेषज्ञ का फर्जी बोर्ड लगाकर मरीजों का इलाज कर रहा था।
गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करता अभिनव और जानकारी देते एसपी मोहम्मद मुश्ताक...
