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Maharajganj News: डिजिटल हाजिरी में लुढ़का जिला, बीईओ को चेतावनी
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महराजगंज। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में विद्यार्थियों की ऑनलाइन हाजिरी में जिले की खराब स्थिति पर बीएसए ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को तत्काल सुधार का निर्देश दिया है। साथ ही स्थिति में सुधार न होने पर कार्रवाई के लिए तैयार रखने की चेतावनी दी है। राज्य स्तरीय डिजिटल उपस्थिति समीक्षा में महराजगंज सबसे पीछे है।
जनपद में 1500 से अधिक परिषदीय स्कूलों में 1.80 लाख से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इन विद्यार्थियों के लिए सितंबर 2025 से शासन ने ऑनलाइन उपस्थिति प्रभावी करते हुए परिषदीय स्कूल के विद्यार्थियों की हाजिरी डिजिटल करने का फरमान जारी किया है। इसके लिए शाला सिद्धि एजुकेशन एप विकसित कराकर सभी स्कूलों में उपयोग अनिवार्य किया गया है। इस एप पर स्कूल की जियो लोकेशन फीडिंग पहले से विभाग की तरफ से हुई। स्कूल खुलने के एक घंटे तक एप पर बच्चों की उपस्थिति को अपडेट करना था।
नेटवर्क की दिक्कत को देखते हुए सभी फीडिंग ऑफलाइन करने का फीचर भी एप से जोड़ा गया। लेकिन जनपद में इसके प्रयोग को लेकर कोई विशेष प्रशिक्षण शिविर या कार्यशाला का आयोजन नहीं हुआ जिससे अधिकतर प्रधानाध्यापक अब तक यह नहीं जानते की प्रक्रिया कैसे पूरी करनी है।
विभागीय लचरता का परिणाम रहा कि पिछले दिनों हुई राज्य स्तरीय डिजिटल उपस्थिति समीक्षा में महराजगंज प्रदेश के समस्त जनपदों के सबसे निचले पायदान पर पाया गया। जनपद की उपलब्धि महज़ 0.62 फीसदी मिली जो उन्नाव के 0.66 फीसदी व गोंडा 0.64 फीसदी से भी कम है। इस प्रदर्शन पर राज्य स्तर से नाराजगी जाहिर करते हुए बीएसए को निर्देशित किया गया है कि प्रक्रिया को त्वरित बेहतर करना सुनिश्चित करें।
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जनपद में 1500 से अधिक परिषदीय स्कूलों में 1.80 लाख से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इन विद्यार्थियों के लिए सितंबर 2025 से शासन ने ऑनलाइन उपस्थिति प्रभावी करते हुए परिषदीय स्कूल के विद्यार्थियों की हाजिरी डिजिटल करने का फरमान जारी किया है। इसके लिए शाला सिद्धि एजुकेशन एप विकसित कराकर सभी स्कूलों में उपयोग अनिवार्य किया गया है। इस एप पर स्कूल की जियो लोकेशन फीडिंग पहले से विभाग की तरफ से हुई। स्कूल खुलने के एक घंटे तक एप पर बच्चों की उपस्थिति को अपडेट करना था।
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नेटवर्क की दिक्कत को देखते हुए सभी फीडिंग ऑफलाइन करने का फीचर भी एप से जोड़ा गया। लेकिन जनपद में इसके प्रयोग को लेकर कोई विशेष प्रशिक्षण शिविर या कार्यशाला का आयोजन नहीं हुआ जिससे अधिकतर प्रधानाध्यापक अब तक यह नहीं जानते की प्रक्रिया कैसे पूरी करनी है।
विभागीय लचरता का परिणाम रहा कि पिछले दिनों हुई राज्य स्तरीय डिजिटल उपस्थिति समीक्षा में महराजगंज प्रदेश के समस्त जनपदों के सबसे निचले पायदान पर पाया गया। जनपद की उपलब्धि महज़ 0.62 फीसदी मिली जो उन्नाव के 0.66 फीसदी व गोंडा 0.64 फीसदी से भी कम है। इस प्रदर्शन पर राज्य स्तर से नाराजगी जाहिर करते हुए बीएसए को निर्देशित किया गया है कि प्रक्रिया को त्वरित बेहतर करना सुनिश्चित करें।
