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Maharajganj News: फर्जी वसीयतनामा से मंदिर की जमीन हड़पने का आरोप, प्राथमिकी दर्ज
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महराजगंज। जिले में एक प्राचीन राम जानकी मंदिर की कृषि योग्य भूमि को हड़पने के लिए फर्जी वसीयतनामा तैयार करने का आरोप लगा है। मुख्तार दास उर्फ बालक दास ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने गांव के ही सच्चितानंद पटेल और उनके बेटे राहुल पटेल पर धोखाधड़ी और साजिश रचने का आरोप लगाया। पुलिस ने मामले में 18 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ग्राम बौलिया राजा के निवासी और दिवंगत विंदेश्वर दास के चेले शिकायतकर्ता मुख्तार दास ने बताया कि उनके गुरु ने जीवनकाल में ही उन्हें राम जानकी मंदिर और उसकी जुड़ी कृषि भूमि का संरक्षक नियुक्त किया था। इस आधार पर राजस्व अभिलेखों में उनका नाम दर्ज है और वे उस पर काबिज हैं। लेकिन सच्चितानंद पटेल, जो रामसेवक पटेल के बेटे हैं, ने अपने पिता के नाम पर विंदेश्वर दास से एक फर्जी वसीयतनामा तैयार कराया।
यह वसीयतनामा कथित तौर पर 1 फरवरी 1978 को उप निबंधक सदर महराजगंज के कार्यालय में पंजीकृत किया गया। इसमें खंड संख्या 55, पृष्ठ 179-184 का उल्लेख है।
मुख्तार दास का दावा है कि यह दस्तावेज पूरी तरह फर्जी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सच्चितानंद और राहुल ने मिलकर विंदेश्वर दास, गवाह लोकई और सर्वजीत के फर्जी अंगूठे के निशान लगाए। स्टैंप पेपर पर पहले पृष्ठ पर विंदेश्वर दास का हस्ताक्षर है, जबकि दूसरे और तीसरे पृष्ठ पर ‘विंदेश्वर’ और ‘विदेशर’ जैसे गलत नामों से हस्ताक्षर किए गए हैं। इतना ही नहीं, विंदेश्वर दास की मृत्यु के बाद रामसेवक ने कभी नामांतरण की कार्रवाई नहीं की लेकिन अब सच्चितानंद इस फर्जी दस्तावेज का दुरुपयोग कर जमीन अपने नाम कराने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक को संबोधित इस शिकायत में मुख्तार दास ने सच्चितानंद और राहुल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक निर्भय सिंह ने बताया कि 18 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज किया गया।
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यह वसीयतनामा कथित तौर पर 1 फरवरी 1978 को उप निबंधक सदर महराजगंज के कार्यालय में पंजीकृत किया गया। इसमें खंड संख्या 55, पृष्ठ 179-184 का उल्लेख है।
मुख्तार दास का दावा है कि यह दस्तावेज पूरी तरह फर्जी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सच्चितानंद और राहुल ने मिलकर विंदेश्वर दास, गवाह लोकई और सर्वजीत के फर्जी अंगूठे के निशान लगाए। स्टैंप पेपर पर पहले पृष्ठ पर विंदेश्वर दास का हस्ताक्षर है, जबकि दूसरे और तीसरे पृष्ठ पर ‘विंदेश्वर’ और ‘विदेशर’ जैसे गलत नामों से हस्ताक्षर किए गए हैं। इतना ही नहीं, विंदेश्वर दास की मृत्यु के बाद रामसेवक ने कभी नामांतरण की कार्रवाई नहीं की लेकिन अब सच्चितानंद इस फर्जी दस्तावेज का दुरुपयोग कर जमीन अपने नाम कराने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक को संबोधित इस शिकायत में मुख्तार दास ने सच्चितानंद और राहुल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक निर्भय सिंह ने बताया कि 18 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज किया गया।
