सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Mainpuri News ›   Parents convicted of murdering daughter sentenced to life imprisonment

UP: गड्ढे में मिली थी युवती की लाश...शादी से एक माह पहले इसलिए की बेटी की हत्या; दोषी मां-बाप को आजीवन कारावास

संवाद न्यूज एजेंसी, मैनपुरी Published by: अरुन पाराशर Updated Fri, 12 Dec 2025 05:47 PM IST
सार

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक युवती को माैत के घाट उतार दिया गया था। हत्या युवती के मां-बाप ने की थी। कोर्ट ने दोनों दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद दोनों जेल में हैं। 

विज्ञापन
Parents convicted of murdering daughter sentenced to life imprisonment
अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई (सांकेतिक) - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मैनपुरी के थाना भोगांव क्षेत्र के गांव मौजेपुर में दो साल पहले ऑनर किलिंग में पुत्री की गला दबाकर हत्या करने वाले माता-पिता की जेल में पहली रात बेचैनी में गुजरी। अलग-अलग बैरकों में दोनों रात भर करवटें बदलते रहे। सुबह होने पर दोनों मायूस देखे गए। उन्होंने बैरक में मौजूद अन्य बंदियों से दूरी बनाए रखी। रात भर बंदी रक्षकों ने दोनों पर नजर रखी।
Trending Videos


मौजेपुर के रहने वाले अशोक यादव ने पत्नी रामादेवी के सहयोग से 19 जनवरी 2023 की रात को अपनी पुत्री ज्योती की गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को पास के मैदान में सबूत मिटाने के लिए गड्ढा खोदकर दबा दिया था। चौकीदार मनोज कठेरिया ने 20 जनवरी 2023 को थाना भोगांव में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच में अशोक यादव, पत्नी रामादेवी, पुत्र अमित, अनुज, अवनीश को दोषी पाया था। अपर जिला जज चतुर्थ के न्यायालय से तीनों भाइयों अमित, अनुज, अवनीश को बरी किया गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन


बृहस्पतिवार को अशोक और रामादेवी को अपर जिला जज चतुर्थ ने आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद 60-60 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर जेल भेजा था। सजा होने के बाद रामादेवी को महिला बैरक तथा अशोक यादव को बैरक नंबर नौ-ए में रखा गया है। जेल सूत्रों ने बताया कि सजा होने के बाद से पति-पत्नी गुमसुम हैं। बैरक में मौजूद बंदियों से दूरी बना ली है। उनकी मनोदशा को देखते हुए बंदी रक्षक उनकी हर गतिविधि पर नजर लगाए हुए हैं।

 

जेल में रहकर लड़ा पूरा मुकदमा
ज्योती का 20 जनवरी 2023 को शव बरामद होने के बाद पुलिस ने 21 जनवरी को उसके माता-पिता को हिरासत में लेने के बाद जेल भेज दिया था। उन्होंने जमानत पाने के जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय में आवेदन किया। लेकिन उनको किसी अदालत से जमानत नहीं मिली। उनको पूरा मुकदमा जेल में रहकर ही लड़ना पड़ा। मुकदमे की सुनवाई में उनके वकील ने जो तर्क दिए वह भी काम नहीं आए।

 

गांव में नहीं दी किसी ने गवाही
ज्योती का शव बरामद होने के बाद चौकीदार ने रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने पंचनामा भरा। पुलिस को जांच के दौरान गांव में किसी ने भी गवाही नहीं दी। मुकदमे की सुनवाई में चौकीदार मनोज कठेरिया सहित पंचनामा के गवाह राजेश कुमार, अवलेश कुमार, शिवनंदन सिंह की गवाही ही कराई गई। पंचनामा के गवाहों ने केवल पोस्टमार्टम कराने की बात कही थी।

 

चौकीदार ने बताई ऑनर किलिंग
चौकीदार मनोज की गवाही में ऑनर किलिंग की बात सामने आई थी। चौकीदार ने न्यायालय में बताया था कि ज्योती के पास के गांव के रहने वाले एक युवक से प्रेम संबंध थे। वह उसी के साथ शादी करना चाहती थी। जबकि परिजन ने उसकी शादी दूसरी जगह तय कर दी थी। एटा के अलीगंज से 21 फरवरी 2023 को बरात आनी थी। लेकिन ज्योती इस शादी के लिए तैयार नहीं थी।

ये भी पढ़ें-UP: फर्जी क्रिप्टो कॉइन में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी, 1500 लोग बने शिकार; आगरा पुलिस ने दबोचा मास्टरमाइंड
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed