सम्मान पर मैनपुरी को अभिमान: मरणोपरांत मुलायम सिंह यादव को मिला पद्म विभूषण, लोगों ने नेताजी को किया याद
सरकार ने नेताजी मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया। सपा प्रमुख और नेताजी के पुत्र अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान प्राप्त किया। इस अवसर पर उनका कार्य क्षेत्र रही मैनपुरी की जनता अपने नेताजी के सम्मान पर गदगद नजर आई।
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मुलायम और मैनपुरी के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। एक ऐसा रिश्ता जो मैनपुरी ने मुलायम सिंह के निधन के बाद भी पूरी गर्मजोशी से निभाया। इसी रिश्ते का नतीजा था कि नेताजी के निधन के बाद भी मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में मुलायम का जलवा कायम रहा। बुधवार को जब मरणोपरांत मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान मिला तो मैनपुरी भी अभिमान से गदगद हो उठी।
मैनपुरी में मुलायम का तिलिस्म कोई नहीं तोड़ पाया
सैफई के अखाड़े में पहलवानों को धूल चटाने से लेकर राजनीति के धुरंधरों को पटखनी देने वाले नेताजी मुलायम सिंह यादव और मैनपुरी का रिश्ता अनोखा था। पहली बार 1996 में मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर मुलायम सिंह यादव न केवल सांसद बने बल्कि देश के रक्षामंत्री भी रहे। इसके बाद कभी मैनपुरी में मुलायम का तिलिस्म कोई नहीं तोड़ पाया।
जब-जब नेताजी ने लोकसभा चुनाव लड़ा तो मैनपुरी की जनता ने उन पर भरपूर प्यार लुटाया। सीट छोड़ने या किसी अन्य को चुनाव लड़ाने पर भी मैनपुरी के लिए मुलायम का इशारा ही काफी था। मुलायम और मैनपुरी के रिश्ते इतने गहरे थे कि नेताजी के निधन के बाद भी मैनपुरी उनकी ही रही।
मैनपुरी में उनका जलवा कायम है
दिसंबर 2022 में जब नेताजी के निधन के बाद खाली हुई लोकसभा सीट मैनपुरी पर उप चुनाव हुआ तो दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर थीं। लेकिन मैनपुरी ने मुलायम की पुत्रवधू डिंपल यादव को अपना आशीर्वाद देकर ये साबित कर दिया कि भले ही मुलायम नहीं हैं, लेकिन मैनपुरी में उनका जलवा कायम है।
नेताजी के सम्मान में लोग गदगद
सरकार ने नेताजी को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने की घोषणा की थी। बुधवार को राष्ट्रपति भवन में सपा प्रमुख और नेताजी के पुत्र अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ये सम्मान प्राप्त किया। नेताजी को सम्मान मिला तो मैनपुरी को फिर से एक बार अपनी किस्मत पर अभिमान हुआ। मैनपुरी फिर एक बार अपने नेताजी के सम्मान पर गदगद नजर आई।
मैनपुरी को दूसरा घर मानते थे नेताजी
पूर्व पैकफेड चेयरमैन तोताराम यादव कहते हैं कि मैनपुरी और नेताजी दोनों एक-दूसरे के पूरक थे। मैनपुरी की जनता ने नेताजी को आशीर्वाद दिया तो नेताजी ने भी मैनपुरी का विकास करके अपना प्यार लुटाया। नेताजी ने आजीवन मैनपुरी को अपनी कर्मभूमि और दूसरा घर मानकर हमेशा सम्मान दिया।
मैनपुरी के लिए नेता हीं भावना थे नेताजी
रठेरा गांव निवासी वरिष्ठ नेता रामराज सिंह कहते हैं कि ये सम्मान मुलायम सिंह यादव का नहीं बल्कि उनकी मैनपुरी का है। मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव नेता नहीं बल्कि एक भावना था। एक ऐसी भावना जो जन-जन से जुड़ी थी। आज भी लोग मैनपुरी और मैनपुरी के लोगों से नेताजी द्वारा निभाए गए रिश्तों की मिसाल देते हैं।
कब-कब मैनपुरी से सांसद चुने गए नेताजी
- 1996 में पहली बार सांसद बने मुलायम सिंह यादव
- 2004 में दूसरी बार सांसद चुने जाने के बाद छोड़ दी सीट
- 2009 में तीसरी बार चुने गए मैनपुरी से सांसद
- 2014 में चौथी बार सांसद चुने जाने के बाद छोड़ी सीट
- 2019 में पांचवीं बार मैनपुरी से चुने गए सांसद