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UP: प्रेमानंद महाराज को बताई मेजर सौरभ पाटनी ने अपनी पीड़ा, संत ने बताया भक्ति का ऐसा मार्ग...गदगद हो गए
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अमर उजाला ब्यूरो
Updated Wed, 18 Jun 2025 10:39 AM IST
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सार
पुलवामा हमले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए घायल हुआ मेजर सौरभ पाटनी ने संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की। उन्होंने संत को अपनी मानसिक पीड़ा के बारे में बताया।

संत प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे मेजर सौरभ पाटनी। वीडियोग्रेब
विस्तार
पुलवामा आतंकी हमले में घायल हुए भारतीय सेना के मेजर सौरभ पाटनी ने हाल ही में वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। मुलाकात के दौरान मेजर पाटनी ने अपने जीवन के संघर्षों और मानसिक पीड़ा को महाराज के समक्ष व्यक्त किया।
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उन्होंने बताया कि हमले में दोनों पैरों में गोली लगने के बावजूद उन्होंने कठोर परिश्रम और आत्मबल के बल पर पुनः चलना-फिरना शुरू किया है, किंतु जीवन की चुनौतियां अब भी जारी हैं। उत्तर में प्रेमानंद महाराज ने उन्हें गहन आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया। महाराज ने समझाया कि मनुष्य को केवल बाह्य संघर्षों से नहीं, बल्कि अपने अंतर्मन के दोषों से भी लड़ना होता है। उन्होंने कहा कि जब तक व्यक्ति अपने पूर्व जन्मों के पापों का नाश नहीं करता, तब तक जीवन में पूर्ण संतोष नहीं मिल सकता।
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प्रेमानंद महाराज ने शरीर की नश्वरता को रेखांकित करते हुए कहा, शरीर से किए गए कार्य यहीं रह जाते हैं, परंतु पुण्य कर्म व्यक्ति के साथ जाते हैं। उन्होंने मेजर पाटनी को सलाह दी कि जिस प्रकार उन्होंने देशभक्ति की भावना से राष्ट्र की सेवा की है, अब उन्हें उसी समर्पण से भगवत भक्ति की ओर अग्रसर होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा यह शरीर क्षणभंगुर है। किसी को यह ज्ञात नहीं कि हमारे पास कितना समय शेष है। ऐसे में, भगवान का नाम स्मरण करना ही जीवन का सर्वोच्च मार्ग है। महाराज ने यह भी कहा कि आध्यात्मिक जीवन के बिना मानव जीवन अधूरा और सूखा रह जाता है। मेजर पाटनी ने प्रेमानंद महाराज की शिक्षाओं को स्वीकार करते हुए भक्ति के पथ पर चलने का संकल्प लिया।