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Mau News: 14 साल से नहर में नहीं पहुंचा पानी, सफाई पर हर वर्ष खर्च हो रहे 90 लाख

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Wed, 10 Dec 2025 12:36 AM IST
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The canal has not received water for 14 years, and Rs 90 lakh is being spent annually on cleaning.
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लखीमपुर खीरी से निकलने वाली शारदा सहायक खंड-32 नहर पिछले 14 साल से सूखी पड़ी है। किसानों को उम्मीद रहती है कि इस बार शायद नहर में पानी छोड़ा जाएगा, लेकिन हालात हर वर्ष जैसे के तैसे बने हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि नहर में पानी न पहुंचने के बावजूद सिंचाई विभाग हर साल सिल्ट सफाई के नाम पर 90 लाख रुपये खर्च कर देता है।
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इस वर्ष भी करीब 15 दिन पहले नहर में 90.50 लाख रुपये की लागत से सिल्ट सफाई कराई गई। इसके बावजूद गेहूं की पहली सिंचाई का समय आ चुका है और नहर में अब तक पानी नहीं छोड़ा गया है। नतीजतन, जिले में पड़ने वाली 202 किमी लंबी नहर में धूल उड़ रही है। नहर किनारे बसे दोहरीघाट, बड़राव, घोसी, मधुबन, कोपागंज और रतनपुरा ब्लॉक के 100 से अधिक गांवों के करीब 20 हजार किसान पानी के लिए जूझ रहे हैं। छोटे और सीमांत किसानों की परेशानियां सबसे ज्यादा बढ़ गई हैं। जिनके पास निजी सिंचाई साधन नहीं हैं, ट्यूबवेल या अन्य संसाधन नहीं हैं, उनके सामने फसल बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। किसानों का कहना है कि नहर केवल बरसात के दिनों में ही पानी से भरती है, जबकि सिंचाई का वास्तविक समय खाली बीत जाता है। सामकेवल, प्रमोद राय, अरविंद यादव, इंद्रदेव प्रजापति सहित कई किसानों ने आरोप लगाया कि विभाग नहर को कागजों में चालू दिखाकर बजट खर्च करता है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि नहर 14 वर्षों से सूखी पड़ी है।
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किसानों को मजबूरन एक किलोमीटर दूर तक नलकूपों से पाइप बिछाकर सिंचाई करनी पड़ती है। डीजल, पाइप और मजदूरी की लागत बढ़ने से सिंचाई का खर्च कई गुना बढ़ गया है। स्थानीय किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि नहर में तुरंत पानी छोड़ा जाए और वर्षों से चली आ रही अनियमितताओं की जांच कराई जाए, ताकि किसानों को समय पर सिंचाई का लाभ मिल सके।
लखीमपुर खीरी जनपद से नहर शुरू होती है, वहीं से पानी छोड़ा जाता है। मऊ में पड़ने वाला हिस्सा नहर का दूसरा छोर होने के कारण पानी यहां तक नहीं पहुंच पाता है। दोहरीघाट पंप कैनाल से पानी छोड़े जाने का नियम है, इस साल 20 दिसंबर के बाद पानी छोड़ा जाएगा।- हरसेंद्र गुप्ता, अधिशासी अभियंता, शारदा सहायक खंड-32, आजमगढ़
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