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सपा नेता समेत 7 को उम्रकैद
अमर उजाला ब्यूरो/मेरठ
Updated Thu, 17 Mar 2016 01:51 AM IST
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आरोपी योगेश
- फोटो : अमर उजाला

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कातिलाना हमले के मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला सचिव व पूर्व प्रधान योगेश कुमार सहित सात दोषियों को जिला जज रामकृष्ण गौतम ने उम्रकैद और प्रत्येक को 15-15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है। इसी मामले में दोषियों की ओर से दर्ज कराए गए क्रॉस केस के सभी आरोपियों को डीजे कोर्ट ने बरी कर दिया।
थाना इंचौली में 23 मार्च 2008 को गांव मसूूरी निवासी सोहनवीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रात करीब आठ बजे जब वह अपने घर पर मौजूद था तो गांव के योगेश कुुमार सहित सात लोगों ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जिससे वह और उसका बेटा सचिन गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले का विरोध करने पर आरोपियों ने घर में घुसकर महिलाओं के साथ अभद्रता की। पुलिस ने विवेचना के बाद कातिलाना हमला करने के आरोप में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की।
न्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष से डीजीसी अनिल तोमर, कृपाल सिंह और ओमकार भाटी ने सोहनवीर, सचिन, देवेंद्र सहित 11 गवाह पेश किए। गवाह सोहनवीर ने कहा कि इस हमले की मुख्य कारण यह थी कि उसकी बेटी शिक्षा मित्र के पद पर नियुक्त हुई थी, जिसको लेकर योगेंद्र रंजिश रखता था। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद योगेश कुमार पुत्र ओमप्रकाश, योगेंद्र सिंह पुत्र शरणवीर, मनोज कुमार पुत्र यशवंत, दुष्यंत कुमार पुत्र सतवीर, नीरज कुमार पुत्र रामबीर, देवेंद्र पुत्र यशवंत व पवन पुत्र राम सिंह को उम्रकैद और जुर्माने से दंडित किया।
इसी घटना के बाद आरोपियों ने एक क्रॉस एफआईआर कातिलाना हमला करने की दर्ज कराई थी। जिसमें न्यायालय ने आरोपियों सोहनवीर सिंह, सचिन, अजय, अतुल, संजय, देवेंद्र व ब्रिजेश को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश जारी किए।
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थाना इंचौली में 23 मार्च 2008 को गांव मसूूरी निवासी सोहनवीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रात करीब आठ बजे जब वह अपने घर पर मौजूद था तो गांव के योगेश कुुमार सहित सात लोगों ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जिससे वह और उसका बेटा सचिन गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले का विरोध करने पर आरोपियों ने घर में घुसकर महिलाओं के साथ अभद्रता की। पुलिस ने विवेचना के बाद कातिलाना हमला करने के आरोप में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की।
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न्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष से डीजीसी अनिल तोमर, कृपाल सिंह और ओमकार भाटी ने सोहनवीर, सचिन, देवेंद्र सहित 11 गवाह पेश किए। गवाह सोहनवीर ने कहा कि इस हमले की मुख्य कारण यह थी कि उसकी बेटी शिक्षा मित्र के पद पर नियुक्त हुई थी, जिसको लेकर योगेंद्र रंजिश रखता था। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद योगेश कुमार पुत्र ओमप्रकाश, योगेंद्र सिंह पुत्र शरणवीर, मनोज कुमार पुत्र यशवंत, दुष्यंत कुमार पुत्र सतवीर, नीरज कुमार पुत्र रामबीर, देवेंद्र पुत्र यशवंत व पवन पुत्र राम सिंह को उम्रकैद और जुर्माने से दंडित किया।
इसी घटना के बाद आरोपियों ने एक क्रॉस एफआईआर कातिलाना हमला करने की दर्ज कराई थी। जिसमें न्यायालय ने आरोपियों सोहनवीर सिंह, सचिन, अजय, अतुल, संजय, देवेंद्र व ब्रिजेश को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश जारी किए।