CBI Raid: डॉ. सरोजिनी के घर-मेडिकल कॉलेज पर छापेमारी, पूर्व एमएलसी का मेरठ की राजनीति में रहा है दबदबा
पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का मेरठ की राजनीति में प्रभावशाली सफर रहा है। सपा की करीबी से भाजपा की वरिष्ठ नेत्री बनने तक उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया। मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने को लेकर भी चर्चा में रहीं।


विस्तार
मेरठ में सीबीआई ने पूर्व एमएलसी भाजपा नेता डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के खरखौदा स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज और शहर में बेगमपुल के पास जवाहर क्वाटर्स स्थित घर पर छापे की कार्रवाई की।
बताया गया है कि पूर्व एमएलसी के मेडिकल कॉलेज में फर्जीवाड़ा होने की सूचना पर सीबीआई ने छानबीन की है। देर रात लगभग 12 बजे टीम जांच पड़ताल कर मेडिकल कॉलेज से संबंधित पत्रावली अपने कब्जे में लेकर और साक्ष्य एकत्र कर लौट गई।
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डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के खरखौदा स्थित नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में सोमवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की टीम ने जांच पड़ताल की थी।
शिकायत मिली थी कि मेडिकल कॉलेज में मानक के अनुसार फैकल्टी नहीं हैं। छात्रों का पंजीयन और उनकी पढ़ाई भी मानकों को पूरा नहीं कर रही है। मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भर्ती और ओपीडी में भी फर्जीवाड़े की शिकायत एनएमसी की टीम को मिली थी।
एनएमसी की रिपोर्ट और लखनऊ में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मेडिकल काॅलेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर घूसखोरी करने वाले तीन डॉक्टरों समेत छह लोगों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने छापे की कार्रवाई की।

सीबीआई टीम ने मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे खरखौदा में मेडिकल कॉलेज पर छापा मारा। सीबीआई के पांच अफसरों की टीम ने कंप्यूटर के अलावा तमाम पत्रावली, शिक्षकों की उपलब्धता, छात्राें का पंजीयन, भर्ती मरीजों का ब्योरा, ओपीडी रजिस्टर आदि दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। कॉलेज में लगातार पांच घंटे जांच पड़ताल के बाद रात आठ बजे टीम वहां से उनके आवास पर पहुंची।

मोबाइल कब्जे में लेकर रिकॉर्ड खंगाले
सीबीआई टीम ने रात साढ़े आठ बजे डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के बेगमपुल के पास स्थित आवास पर छापे की कार्रवाई की। टीम ने आवास पर पहुंचकर डॉ सरोजिनी अग्रवाल, उनके पति डॉ. ओपी अग्रवाल, बेटी शिवानी के मोबाइल अपने कब्जे में ले लिए।
टीम ने मेडिकल कॉलेज से संबंधित तमाम पत्रावली अपने कब्जे में ले ली। सभी फाइलें चेक की और रिकाॅर्ड भी खंगाले। टीम ने डॉक्टरों और स्टॉफ से भी पूछताछ की। रात करीब 12 बजे तक छापे की कार्रवाई चली। इसके बाद सीबीआई की टीम लौट गई।

भाजपा नेत्री व पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का मेरठ की राजनीति में दबदबा रहा है। समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव व आजम खां की बेहद करीबियों में सरोजिनी की गिनती होती थी।
समाजवादी पार्टी में डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1995 में सपा ने उन्हें मेरठ का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया। वे वर्ष 2000 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं।
इसके बाद वर्ष 1996 से 2010 तक समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव का दायित्व निभाया। वर्ष 2009 में समाजवादी पार्टी ने सरोजिनी अग्रवाल को पहली बार एमएलसी बनाया। वर्ष 2015 में उन्हें फिर सपा से एमएलसी बनाया गया।

उनकी बेटी डॉ. हिमानी अग्रवाल भी सपा में पदाधिकारी रहीं। इसी बीच उन्होंने मुलायम सिंह यादव के नाम पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना की।
वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की प्रचंड बहुमत से सरकार बनने के बाद सरोजिनी अग्रवाल ने मौके का फायदा उठाया और एमएलसी पद से त्याग पत्र देकर भाजपा में शामिल हो गईं।
इसके बाद भाजपा ने सरोजिनी अग्रवाल पर भरोसा जताते हुए एमएलसी बना दिया। सरोजिनी के भाजपा में शामिल होने से सपा में आजम खां खेमे को करारा झटका लगा था।
पार्टी बदली तो बदल दिया मेडिकल कॉलेज का नाम
डॉ. सरोजनी अग्रवाल के पार्टी बदलते ही उनके अस्पताल का नाम भी बदल गया। सपा में रहते समय ट्रस्ट की चेयरपर्सन डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (एमएसवाई) के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नाम रखा था।
वह सपा में एमएलसी थीं। अगस्त 2017 में उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। वहां एमएलसी बनीं। इसके बाद अक्तूबर 2020 में अस्पताल का नाम बदलकर नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) मेडिकल कॉलेज कर दिया गया था।
यह मेडिकल कॉलेज हापुड़ रोड पर खरखौदा क्षेत्र में स्थित है। मेडिकल कॉलेज वर्ष 2015 में बना था। इसका शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। एमसीआई की अनुमति से साल वर्ष 2018 में 150 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की गई।
यहां मेडिकल कॉलेज में 340 बेड हैं। मेडिकल कॉलेज का नाम बदले जाने से सपाई नाराज हुए थे। तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह नेतृत्व में सपाइयों ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन भी सौंपा था।