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Meerut: इस्माईल पीजी कॉलेज में बुर्का पहनकर आईं दो युवतियों को रोका, भेदभाव के आरोपों पर बहस और हंगामा

अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ Published by: मोहम्मद मुस्तकीम Updated Fri, 17 Oct 2025 10:27 PM IST
सार

शाहपीर गेट की दो युवतियां दीपावली मेले में स्टॉल लगाने आई थीं। बुर्का पहने होने के कारण उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। इस दौरान उनकी कालेज स्टाफ से काफी देर तक बहस भी हुई। 

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Meerut: Two women wearing burqas were stopped at Ismail PG College, leading to uproar
कॉलेज के बाहर रोकी गईं दोनों युवतियां। - फोटो : अमर उजाला
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इस्माईल नेशनल महिला पीजी कॉलेज में आयोजित दीपावली मेले में बुर्का पहनकर स्टॉल लगाने आईं दो युवतियों को रोक दिया गया। युवतियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाकर हंगामा किया। वहीं कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए आरोपों से इंकार किया।
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Meerut: Two women wearing burqas were stopped at Ismail PG College, leading to uproar
परेशान दोनों युवतियां। - फोटो : अमर उजाला
शाहपीर गेट निवासी दो युवतियां शुक्रवार को ज्वेलरी का स्टॉल लगाने कॉलेज आई थीं। गेट पर ही महिला कर्मचारी सुशीला ने बुर्का पहनकर अंदर जाने से मना किया तो युवतियों ने धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप कॉलेज प्रशासन पर लगाया। काफी देर तक उनकी बहस होती रही, मगर कॉलेज में नहीं जाने दिया गया। 
 
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युवतियों ने बताया कि हम दोनों प्रदर्शनी में हिस्सा लेने आए थे। सारी तैयारी की इतने दिन से, सब बेकार हो गई। उन्होंने कहा कि वैसे भी हम लोग इस कॉलेज के स्टूडेंट नहीं हैं। हम दोनों ने विरोध जताया और कॉलेज प्रशासन से कहा कि यह धार्मिक भेदभाव है। हमने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के बारे में भी बताया, जिसमें कॉलेज प्रशासन को हिजाब या बुर्का पहनने से रोकने से मना किया गया है। 
 

युवतियों ने कहा कि हाल ही में मुंबई के कुछ कॉलजों में हिजाब, नकाब और कैप पर लगी रोक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि छात्र-छात्राओं को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के तहत धार्मिक परिधान पहनने का अधिकार है। हमारे पैरेंट्स भी कॉलेज आए थे। पर उनकी बात को भी अनसुना कर दिया।
 

वहीं कॉलेज प्रशासन ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से किसी को भी बुर्का पहनकर आने की अनुमति नहीं है। कॉलेज की चीफ प्रॉक्टर दीप्ति कौशिक ने कहा कि युवतियों को सुरक्षा कारणों से रोका गया था, न कि किसी धार्मिक कारणों से। यह कॉलेज का आंतरिक नियम है और हर किसी को इसका पालन करना होता है। 

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