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Meerut pollution: राज्यमंत्री बोले मिट्टी, हवा व पानी को प्रदूषण से बचाना होगा तभी स्वस्थ जीवन जी पाएंगे
अमर उजाला ब्यूरो, मेरठ
Published by: मेरठ ब्यूरो
Updated Sat, 26 Nov 2022 09:00 AM IST
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सार
मेरठ में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सब लोग ही परेशान है। चाहे बूढ़ा हो या बच्चा सभी इस समस्या को लेकर परेशान है। ऐसे में प्रदूषण को रोकने के लिए नियंत्रण बोर्ड द्वारा बाईपास स्थित होटल में स्वच्छ वायु- दीर्घायु पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां पर आयोजन का शुभांरभ राज्यमंत्री केपी मलिक ने किया है।

मेरठ में बढ़ता प्रदूषण
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
मोदीपुरम एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बाईपास स्थित होटल में स्वच्छ वायु- दीर्घायु पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। शुभारंभ राज्यमंत्री केपी मलिक ने किया।

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मंत्री केपी मलिक ने कहा
मंत्री केपी मलिक ने कहा कि प्रदूषण की बढ़ती समस्या चिंता का विषय है। प्रदूषण मानव जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है। अपनी मिट्टी, हवा व पानी को हमें प्रदूषण से बचाना होगा। तभी हम स्वस्थ जीवन जी पाएंगे। सरकार भी वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए गंभीर है और हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि हमें प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों को भी रोकना होगा। तभी इस पर काबू पाया जा सकता है।
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सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही बोलें
सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने कहा कि वायु प्रदूषण के अनेक कारण हैं, जिसमें फसल अवशेष जलाना एक गंभीर कारण है। इससे न सिर्फ वायु गुणवत्ता खराब होती है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी नुकसान पहुंचता है। एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली व आसपास के राज्यों में वर्ष 2002 से 2019 तक अवशेष जलाने की संख्या में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंबाइन हार्वेस्टर का प्रयोग, लगातार फसल लेना व मानसून में देरी आदि कई कारण हैं।
इसके अलावा डॉ. एसवी राना, डिपार्टमेंट ऑफ टॉक्सोलॉजी चौधरी चरण विवि, डॉ. एसके गोयल चीफ साइंटिस्ट एवं हेड सीएसआईआर- नीरी दिल्ली जोनल सेंटर, सुनील गुलिया आदि ने भी विचार रखे। संचालन क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी विजय कुमार ने किया। मुजफ्फरनगर के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अंकित कुमार, एई प्रखर कटियार, जेई एसपी सिंह व मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत के प्रतिनिधि, चीनी उद्योग, ड्राइंग उद्योग, पेपर उद्योग डिस्टलरी आदि के व्यापारी और वैज्ञानिक मौजूद रहे।