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Mirzapur News: नवरात्र में दो दिन बचे, स्टेशन से विंध्यधाम की दूरी 200 मीटर, जाने के लिए तीन रास्ते, सभी पर कीचड़
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विंध्याचल रेलवे स्टेशन जाने वाला क्षतिग्रस्त मुख्य मार्ग।- संवाद
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विंध्याचल। शारदीय नवरात्र मेला शुरू होने में दो दिन बचा है। 21 सितंबर की मध्य रात्रि से मेला शुरू हो जाएगा। अभी तक मेले की तैयारियां आधी-अधूरी हैं। त्रिकोण यात्रा मार्ग में प्रकाश व्यवस्था नदारद है तो विंध्याचल रेलवे स्टेशन परिसर में लगा हाईमास्ट लाइट खराब है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। इसके साथ ही स्टेशन से मंदिर जाने वाली सड़क भी बदहाल है। हाल यही रहा तो मेले में श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ेगा। कहीं आगर कुछ देर के लिए बरसात हो गई तो फिर श्रद्धालुओं को कीचड़ भरे राहों से गुजरना पड़ेगा। मां विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ पिछले दिनों हुई बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव हो गया था। गलियों में भी कीचड़ फैला रहा।
विंध्याचल स्टेशन रोड क्षतिग्रस्त, मार्ग पर फैला कीचड़
विंध्याचल। रेहड़ा चुंगी से विंध्याचल स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क खराब है। जगह-जगह जलभराव और कीचड़ से सड़क सनी है। नगर पालिका के मुख्य कार्यालय के पास नालियां ओवरफ्लो कर रही हैं। यह मार्ग स्टेशन से मंदिर के गेट नंबर दो पर जाने का मुख्य मार्ग है। मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए आने-वाले अधिकांश श्रद्धालु इसी मार्ग से होकर गंगाघाट और मां विंध्यवासिनी मंदिर तक पहुंचते हैं।
त्रिकोण यात्रा मार्ग भी अंधेरे में
नवरात्र में मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद बड़ी संख्या में तीर्थयात्री त्रिकोण परिक्रमा करते हैं। इस मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था नहीं है। विंध्य पहाड़ पर काली खोह मंदिर में विराजमान महाकाली मंदिर के पास बिजली के खंभों से आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे त्रिकोण यात्रा मार्ग में अंधेरा छाया है। यही हाल रहा तो श्रद्धालुओं को अंधेरे में भटकना पड़ सकता है। यह बंधवा महावीर मंदिर से लेकर काली खोह मोड़ तथा काली खोह मंदिर के सीढ़ी तक बना है। इसी तरह काली खोह पहाड़ से लेकर गेरुआ तालाब, सीताकुंड मार्ग, मोतिया तालाब व गेरुआ तालाब से अष्टभुजा मंदिर के अलावा शिवपुर रेलवे फाटक तक त्रिकोण मार्ग पर अंधेरा बरकरार है।
10 में से तीन घाटों पर श्रद्धालु कर सकेंगे स्नान
विंध्याचल। नगरपालिका गंगा घाटों पर मुस्तैदी से सफाई में जुटा है। जलस्तर में घटाव-बढ़ाव के बीच घाटों पर भयंकर सिल्ट जमा है। पिछले दिनों हुई बारिश से घाटों की दशा फिर से बिगड़ गई। बृहस्पतिवार को श्रमिक सफाई में जुटे रहे। नवरात्र तक कार्य पूरा होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में 10 में से तीन घाटों पर श्रद्धालुओं स्नान कर पाएंगे।
पटरियों पर रखे नाद और गड़े खूंटे
विंध्याचल। शारदीय नवरात्र से पहले पितृ विसर्जन 21 सितंबर को पड़ रहा है। इस दिन शिवपुर स्थित राम गया घाट पर श्रद्धालु पितरों के तर्पण के लिए जुटेंगे। राम गया घाट मार्ग अतिक्रमण का शिकार है। शिवपुर बाजार से रामगया घाट मार्ग पर मुड़ते ही सड़क के सटे कई मकान हैं। खाली पटरियों पर रखे नाद और गड़े खूंटे श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ाएंगे। अभी तक छिटपुट कार्य को छोड़ दिया जाए तो अन्य तैयारियां नदारद हैं। घाट के आसपास अस्थायी दुकानें हैं। घाट पर सफाई का अभाव है।
पेयजल और शौचालय का है अभाव
मिर्जापुर / विंध्याचल। रामगया घाट पर पेयजल और शौचालय का अभाव है। इससे तर्पण व शवदाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए झेलना पड़ता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने जिला पंचायत के फंड से शौचालय का निर्माण कराया था। इसका अब निजी हित में उपयोग किया जा रहा है। प्यास बुझाने के लिए एक हैंडपंप और वाटर कूलर है। घाट के पास जल निकासी व्यवस्था नहीं होने से हैंडपंप का गंदा पानी रास्तों पर फैला रहता है।

विंध्याचल स्टेशन रोड क्षतिग्रस्त, मार्ग पर फैला कीचड़
विंध्याचल। रेहड़ा चुंगी से विंध्याचल स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क खराब है। जगह-जगह जलभराव और कीचड़ से सड़क सनी है। नगर पालिका के मुख्य कार्यालय के पास नालियां ओवरफ्लो कर रही हैं। यह मार्ग स्टेशन से मंदिर के गेट नंबर दो पर जाने का मुख्य मार्ग है। मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए आने-वाले अधिकांश श्रद्धालु इसी मार्ग से होकर गंगाघाट और मां विंध्यवासिनी मंदिर तक पहुंचते हैं।
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त्रिकोण यात्रा मार्ग भी अंधेरे में
नवरात्र में मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद बड़ी संख्या में तीर्थयात्री त्रिकोण परिक्रमा करते हैं। इस मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था नहीं है। विंध्य पहाड़ पर काली खोह मंदिर में विराजमान महाकाली मंदिर के पास बिजली के खंभों से आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे त्रिकोण यात्रा मार्ग में अंधेरा छाया है। यही हाल रहा तो श्रद्धालुओं को अंधेरे में भटकना पड़ सकता है। यह बंधवा महावीर मंदिर से लेकर काली खोह मोड़ तथा काली खोह मंदिर के सीढ़ी तक बना है। इसी तरह काली खोह पहाड़ से लेकर गेरुआ तालाब, सीताकुंड मार्ग, मोतिया तालाब व गेरुआ तालाब से अष्टभुजा मंदिर के अलावा शिवपुर रेलवे फाटक तक त्रिकोण मार्ग पर अंधेरा बरकरार है।
10 में से तीन घाटों पर श्रद्धालु कर सकेंगे स्नान
विंध्याचल। नगरपालिका गंगा घाटों पर मुस्तैदी से सफाई में जुटा है। जलस्तर में घटाव-बढ़ाव के बीच घाटों पर भयंकर सिल्ट जमा है। पिछले दिनों हुई बारिश से घाटों की दशा फिर से बिगड़ गई। बृहस्पतिवार को श्रमिक सफाई में जुटे रहे। नवरात्र तक कार्य पूरा होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में 10 में से तीन घाटों पर श्रद्धालुओं स्नान कर पाएंगे।
पटरियों पर रखे नाद और गड़े खूंटे
विंध्याचल। शारदीय नवरात्र से पहले पितृ विसर्जन 21 सितंबर को पड़ रहा है। इस दिन शिवपुर स्थित राम गया घाट पर श्रद्धालु पितरों के तर्पण के लिए जुटेंगे। राम गया घाट मार्ग अतिक्रमण का शिकार है। शिवपुर बाजार से रामगया घाट मार्ग पर मुड़ते ही सड़क के सटे कई मकान हैं। खाली पटरियों पर रखे नाद और गड़े खूंटे श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ाएंगे। अभी तक छिटपुट कार्य को छोड़ दिया जाए तो अन्य तैयारियां नदारद हैं। घाट के आसपास अस्थायी दुकानें हैं। घाट पर सफाई का अभाव है।
पेयजल और शौचालय का है अभाव
मिर्जापुर / विंध्याचल। रामगया घाट पर पेयजल और शौचालय का अभाव है। इससे तर्पण व शवदाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए झेलना पड़ता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने जिला पंचायत के फंड से शौचालय का निर्माण कराया था। इसका अब निजी हित में उपयोग किया जा रहा है। प्यास बुझाने के लिए एक हैंडपंप और वाटर कूलर है। घाट के पास जल निकासी व्यवस्था नहीं होने से हैंडपंप का गंदा पानी रास्तों पर फैला रहता है।