कोर्ट में पेश हुईं जयाप्रदा: सपा नेताओं की अभद्र टिप्पणी से आहत, कहा- स्त्री के सम्मान की लड़ाई लड़ रही हूं
अभद्र टिप्पणी मामले में अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा सोमवार को मुरादाबाद कोर्ट में पेश हुईं, जहां उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। मामले की सुनवाई एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही है, जिसमें कई सपा नेताओं पर आरोप लगाए गए हैं।
विस्तार
अभद्र टिप्पणी के मामले में अभिनेत्री और रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा सोमवार को अदालत में पेश हुईं। उन्होंने अपने वारंट को रद्द कराने के बाद बयान दर्ज कराए। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद कटघर क्षेत्र के मुस्लिम डिग्री कॉलेज में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान समाजवादी पार्टी के नेताओं ने उन पर अशोभनीय टिप्पणी की थी।
जयाप्रदा ने कहा कि यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर सुनी थी, जिससे वह आहत हुईं। मामले में रामपुर निवासी मुस्तफा हुसैन ने सपा नेता आजम खां, डॉ. एसटी हसन, अब्दुल्ला आजम, फिरोज खां, आयोजक मोहम्मद आरिफ और रामपुर के पूर्व चेयरमैन अजहर खां के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
मामले की सुनवाई एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज एमपी सिंह की अदालत में हो रही है। विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि जयाप्रदा के अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण उनके खिलाफ वारंट जारी किए गए थे।
सोमवार को जयाप्रदा ने अदालत में पेश होकर कहा कि उनकी तबीयत खराब होने के कारण पेश नहीं हो पाई थीं, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने पीड़िता के रूप में अपना बयान दर्ज कराया।
उनके बयान के बाद आरोपी पक्ष के वकील दिनेश चंद पाठक ने उनसे जिरह की, लेकिन समय के अभाव के कारण पूरी नहीं हो पाई। जयाप्रदा सोमवार को सुबह साढ़े ग्यारह बजे अपने वकील अभिषेक भटनागर और वैभव अग्रवाल के साथ अदालत में पहुंचीं।
इसके बाद उन्होंने अपने बयान दर्ज करवाई। इस पूरी प्रक्रिया में करीब साढ़े चार घंटे का समय लगा। इस दौरान भारी पुलिस बल अदालत के बाहर मौजूद रहा। आरोपियों के वकील दिनेश चंद पाठक ने जयाप्रदा से आजम खां, अब्दुल्ला आजम और डॉ. एसटी हसन के बचाव में जिरह की।
अन्य आरोपियों के पक्ष की जिरह अभी बाकी है। अदालत ने पुनः जयाप्रदा को आगामी 25 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है।
स्त्री के सम्मान की लड़ाई लड़ रही हूं: जयाप्रदा
जयाप्रदा ने कहा कि यह लड़ाई केवल उनकी नहीं, बल्कि सभी महिलाओं के सम्मान की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करती आई हैं, लेकिन दूषित मानसिकता वाले नेता, चाहे वह आजम खां हों या डॉ. एसटी हसन, महिलाओं का सम्मान नहीं करते।
जयाप्रदा ने अदालत पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि इस मामले में न्याय मिलेगा और जिन लोगों ने महिलाओं को कमजोर समझा है, उन्हें सजा मिलेगी। उन्होंने अदालत का सम्मान करते हुए कहा कि वह आगामी 25 अक्टूबर को फिर अदालत जाएंगी और कार्यवाही में पूरा सहयोग करेंगी।
मिथुन चक्रवर्ती को दी बधाई
अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिए जाने पर जयाप्रदा ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी का क्षण है। मिथुन चक्रवर्ती एक सुपरस्टार हैं। उन्होंने कई भाषाओं में काम किया है। मैंने भी उनके साथ कई फिल्मों में काम किया है। वह बेहतर इंसान हैं।
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