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मंथरा के प्रभाव से कैकई की सत्संगति हुई नष्ट : विजय कौशल
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नई मंडी स्थित रामलीला भवन में श्री राम कथा सुनते हुए मंडलायुक्त, डीएम, सीडीओ व अन्य अतिथि स्रोत
- फोटो : 1
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मुजफ्फरनगर। संत विजय कौशल महाराज ने कहा कि सत्संग में भले ही ना जाओ लेकिन कभी कुसंगति में नहीं जाना चाहिए। मंथरा के प्रभाव से कैकई की सत्संगति नष्ट हो गई। कुसंगति हावी हो गई। राजा दशरथ से वरदान मांग लिए और श्रीराम के राज्याभिषेक की खुशियां वनवास में बदल गईं।
नई मंडी के रामलीला भवन में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन उन्होंने वरदान मांगने के बाद राजा दशरथ की मनोदशा का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि राजदरबार से लेकर पूरी अयोध्या नगरी शोक में डूब गई। श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण के साथ जाने की सूचना से राजा दशरथ टूट गए। प्रसंग को सुनकर श्रोताओं के आंसू झलक पड़े।
कथा में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, सहारनपुर मंडल के मंडल आयुक्त डॉ. रूपेश कुमार, डीएम उमेश मिश्रा, सीडीओ कमल किशोर कंडारकर, संयोजक भीमसेन कंसल, जिला पंचायत अध्यक्ष डाॅ. वीरपाल निर्वाल, चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, गौरव स्वरूप, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्र शर्मा, समाजसेवी सतीश गोयल शामिल हुए।
बच्चों के सहयोगी बनें, निर्णायक नहीं
संत ने राज्याभिषेक के प्रसंग के दौरान कहा कि बच्चों के बड़े होने पर माता-पिता को सहयोगी बनना चाहिए निर्णायक नहीं। निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र छोड़ें। सहयोगी बनकर उनका मार्गदर्शन करें। अगर आप अंगुली पकड़कर ही चलाते रहेंगे तो कठिन डगर पर कभी अकेले नहीं बढ़ पाएंगे। संत विजय कौशल महाराज ने कथा के दौरान रामायण की चौपाइयों और भजनों का गायन किया। मेरा कोई न सहारा बिन तेरे को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर और मंत्रमुग्ध हुए।
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नई मंडी के रामलीला भवन में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन उन्होंने वरदान मांगने के बाद राजा दशरथ की मनोदशा का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि राजदरबार से लेकर पूरी अयोध्या नगरी शोक में डूब गई। श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण के साथ जाने की सूचना से राजा दशरथ टूट गए। प्रसंग को सुनकर श्रोताओं के आंसू झलक पड़े।
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कथा में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, सहारनपुर मंडल के मंडल आयुक्त डॉ. रूपेश कुमार, डीएम उमेश मिश्रा, सीडीओ कमल किशोर कंडारकर, संयोजक भीमसेन कंसल, जिला पंचायत अध्यक्ष डाॅ. वीरपाल निर्वाल, चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, गौरव स्वरूप, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्र शर्मा, समाजसेवी सतीश गोयल शामिल हुए।
बच्चों के सहयोगी बनें, निर्णायक नहीं
संत ने राज्याभिषेक के प्रसंग के दौरान कहा कि बच्चों के बड़े होने पर माता-पिता को सहयोगी बनना चाहिए निर्णायक नहीं। निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र छोड़ें। सहयोगी बनकर उनका मार्गदर्शन करें। अगर आप अंगुली पकड़कर ही चलाते रहेंगे तो कठिन डगर पर कभी अकेले नहीं बढ़ पाएंगे। संत विजय कौशल महाराज ने कथा के दौरान रामायण की चौपाइयों और भजनों का गायन किया। मेरा कोई न सहारा बिन तेरे को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर और मंत्रमुग्ध हुए।

नई मंडी स्थित रामलीला भवन में श्री राम कथा सुनते हुए मंडलायुक्त, डीएम, सीडीओ व अन्य अतिथि स्रोत- फोटो : 1

नई मंडी स्थित रामलीला भवन में श्री राम कथा सुनते हुए मंडलायुक्त, डीएम, सीडीओ व अन्य अतिथि स्रोत- फोटो : 1