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एसआईआर : सात दिन शेष, 40 प्रतिशत की हो पाई फीडिंग
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मुजफ्फरनगर। एसआईआर के तहत जनपद में गणना प्रपत्र वितरण और डिजीटाइजेशन का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। जिले की छह विधानसभाओं में 21.12 लाख मतदाताओं को प्रपत्र भरने हैं जबकि बृहस्पतिवार तक केवल 40 प्रतिशत का ही डिजीटाइजेशन हो पाया है, 10 प्रतिशत प्रपत्र फीडिंग के लिए तैयार हैं। हालांकि प्रपत्र जमा कराने के लिए केवल सात दिन का समय शेष बचा है।
जनपद के सभी मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण यानि एसआईआर होना है, जिसके लिए 1982 बूथों को आधार मानकर काम चल रहा है। इतने ही बीएलओ ड्यूटी पर लगाए गए हैं। निगरानी की जिम्मेदारी जिला और तहसील स्तरीय अधिकारियों को सौंपी गई है। गणना प्रपत्रों का वितरण चार नवंबर से शुरू हुआ। प्रपत्र भरकर बीएलओ को सौंपने की अंतिम तारीख चार दिसंबर है। केवल 40 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजीटाइजेशन पूर्ण हो पाया।
मंगलवार को मंडलायुक्त डॉ. रूपेश कुमार ने जनपद का दौरा कर एसआईआर प्रक्रिया की समीक्षा की थी। तब तक केवल 20 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का ही डिजीटाइजेशन हो पाया था। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया। मंडलायुक्त की सख्ती के बाद प्रक्रिया में तेजी आई और दो दिनों के भीतर डिजीटाइजेशन का आंकड़ा दो गुणा हो गया।
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जनपद के सभी मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण यानि एसआईआर होना है, जिसके लिए 1982 बूथों को आधार मानकर काम चल रहा है। इतने ही बीएलओ ड्यूटी पर लगाए गए हैं। निगरानी की जिम्मेदारी जिला और तहसील स्तरीय अधिकारियों को सौंपी गई है। गणना प्रपत्रों का वितरण चार नवंबर से शुरू हुआ। प्रपत्र भरकर बीएलओ को सौंपने की अंतिम तारीख चार दिसंबर है। केवल 40 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजीटाइजेशन पूर्ण हो पाया।
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मंगलवार को मंडलायुक्त डॉ. रूपेश कुमार ने जनपद का दौरा कर एसआईआर प्रक्रिया की समीक्षा की थी। तब तक केवल 20 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का ही डिजीटाइजेशन हो पाया था। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया। मंडलायुक्त की सख्ती के बाद प्रक्रिया में तेजी आई और दो दिनों के भीतर डिजीटाइजेशन का आंकड़ा दो गुणा हो गया।