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Pilibhit News: इंतजार में किसान, खरीद रहे आढ़तियों का धान
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Wed, 05 Nov 2025 12:34 AM IST
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मंडी में टीन शेड-तीन के बाहर खुले में रखा धान। संवाद
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पीलीभीत। केंद्र प्रभारी, बाहरी और आढ़तियाें से धान खरीद के खेल में किसान चक्करघिन्नी बन गए हैं। पंजीकरण के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली में धान भरकर शहर की मंडी समिति के क्रय केंद्राें पर चार से पांच दिन तक खड़े रहकर उन्हें धान की रखवाली करनी पड़ रही है।
सर्द मौसम में ट्रॉली के ऊपर या ट्रैक्टर की सीट पर रात गुजारना ही किसानों केे हिस्से में आ रहा है। अफसरों की जांच और खरीद में मिली कमियों के बाद भी आरएफसी, यूपीएसएस और पीसीयू क्रय एजेंसियों पर खरीद में घालमेल जारी है। क्रय एजेंसियों के जिम्मेदार उच्च अधिकारियों के निर्देशों को भी अनसुना कर रहे हैं।
मंडी परिसर में बंदरों व छुट्टा जानवरों की संख्या बढ़ गई है। जानवर खुले में रखे और किसानों की ट्रॉलियों में भरे धान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों को रात जागकर काटनी पड़ रही है। बंदर भंडारण में लगी बोरियों को काट रहे हैं। इससे मंडी में आए अनाज का भी नुकसान हो रहा है।
करीब एक सप्ताह पूूर्व सिटी मजिस्ट्रेट ने मंडी समिति में संचालित यूपीएसएस के चार खरीद केंद्रों की पड़ताल की थी। केंद्र पर कांटा बंद और अन्य कमियां मिली थीं। किसानों ने भी खरीद में गड़बड़ी की शिकायत की थी। सिटी मजिस्ट्रेट ने क्रय एजेंसी प्रबंधक को केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
इससे पूर्व एडीएम वित्त एवं राजस्व को यूपीएसएस के क्रय केंद्र पर बाहरी व्यक्ति मिला था। पास में रखे बैग में केंद्र प्रभारी का डिजिटल हस्ताक्षर रखा था। पीसीयू के केंद्र पर भी गड़बड़ी मिली थी। एडीएम ने भी एजेंसियों के प्रबंधकों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पीसीयू प्रबंंधक योगेश कुमार ने बताया कि पूर्व में हुई जांच के संबंध में रिपोर्ट भेज दी थी।
धान की खरीद में कमाई के खेल की गणित खरीद के साथ ही बदलती रहती है। शुरुआत में किसान को नमी, वारदाने की कमी और अन्य दिक्कतें बताकर परेशान कर धान आढ़त पर बेचने को मजबूर किया जाता है। बाद में फर्जी तरीके से गलत नाम, पता और अन्य विवरण दर्ज कर खरीद की जाती है। खरीद के ऑनलाइन आंंकड़ों में इस तरह की कमियां उजागर होती हैं। किसान के पिता या पति के नाम और पते की जगह पर कुछ भी लिख दिया जाता है। खरीद का आंकड़ा भी खरीद समाप्त होने के आखिरी दिनों में अचानक से बढ़ता है।
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सर्द मौसम में ट्रॉली के ऊपर या ट्रैक्टर की सीट पर रात गुजारना ही किसानों केे हिस्से में आ रहा है। अफसरों की जांच और खरीद में मिली कमियों के बाद भी आरएफसी, यूपीएसएस और पीसीयू क्रय एजेंसियों पर खरीद में घालमेल जारी है। क्रय एजेंसियों के जिम्मेदार उच्च अधिकारियों के निर्देशों को भी अनसुना कर रहे हैं।
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मंडी परिसर में बंदरों व छुट्टा जानवरों की संख्या बढ़ गई है। जानवर खुले में रखे और किसानों की ट्रॉलियों में भरे धान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों को रात जागकर काटनी पड़ रही है। बंदर भंडारण में लगी बोरियों को काट रहे हैं। इससे मंडी में आए अनाज का भी नुकसान हो रहा है।
करीब एक सप्ताह पूूर्व सिटी मजिस्ट्रेट ने मंडी समिति में संचालित यूपीएसएस के चार खरीद केंद्रों की पड़ताल की थी। केंद्र पर कांटा बंद और अन्य कमियां मिली थीं। किसानों ने भी खरीद में गड़बड़ी की शिकायत की थी। सिटी मजिस्ट्रेट ने क्रय एजेंसी प्रबंधक को केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
इससे पूर्व एडीएम वित्त एवं राजस्व को यूपीएसएस के क्रय केंद्र पर बाहरी व्यक्ति मिला था। पास में रखे बैग में केंद्र प्रभारी का डिजिटल हस्ताक्षर रखा था। पीसीयू के केंद्र पर भी गड़बड़ी मिली थी। एडीएम ने भी एजेंसियों के प्रबंधकों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पीसीयू प्रबंंधक योगेश कुमार ने बताया कि पूर्व में हुई जांच के संबंध में रिपोर्ट भेज दी थी।
धान की खरीद में कमाई के खेल की गणित खरीद के साथ ही बदलती रहती है। शुरुआत में किसान को नमी, वारदाने की कमी और अन्य दिक्कतें बताकर परेशान कर धान आढ़त पर बेचने को मजबूर किया जाता है। बाद में फर्जी तरीके से गलत नाम, पता और अन्य विवरण दर्ज कर खरीद की जाती है। खरीद के ऑनलाइन आंंकड़ों में इस तरह की कमियां उजागर होती हैं। किसान के पिता या पति के नाम और पते की जगह पर कुछ भी लिख दिया जाता है। खरीद का आंकड़ा भी खरीद समाप्त होने के आखिरी दिनों में अचानक से बढ़ता है।

मंडी में टीन शेड-तीन के बाहर खुले में रखा धान। संवाद

मंडी में टीन शेड-तीन के बाहर खुले में रखा धान। संवाद