{"_id":"690ba3a8d9668e8407065225","slug":"nagar-kirtan-started-with-the-chant-of-jo-bole-so-nihal-rampur-news-c-282-1-smbd1025-157241-2025-11-06","type":"story","status":"publish","title_hn":"Rampur News: जो बोले सो निहाल के जयकारे के साथ निकला नगर कीर्तन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Rampur News: जो बोले सो निहाल के जयकारे के साथ निकला नगर कीर्तन
विज्ञापन
विज्ञापन
बिलासपुर। सीमांत गुरुद्वारा नानकपुरी टांडा में बुधवार को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। क्षेत्र में पहुंचे नगर कीर्तन का संगत ने जगह-जगह फूल बरसाकर स्वागत किया, जो बोले सो निहाल के जयकारों संग निकले नगर कीर्तन गतका पार्टी के करतबों ने सभी को हैरान कर दिया। संगत ने सुसज्जित पालकी के समक्ष माथा टेककर आशीर्वाद लिया।
सीमांत ग्राम नानकपुरी टांडा गुरुद्वारा बाग साहिब से बुधवार की सुबह दस बजे दिल्ली कारसेवा वाले बाबा वचन सिंह के निर्देश पर बाबा चंदन सिंह व बाबा गुरजंट सिंह की देखरेख में नगर कीर्तन शुरू होकर क्षेत्र के चुंबकिया, गोधी, हयात नगर, खाता शर्मा मोड़, मनुआ पट्टी होते हुए गुरुद्वारा नानकपुरी टांडा साहिब पहुंचा। नगर कीर्तन समाप्ति की अरदास हेड ग्रंथी ज्ञानी हरदीप सिंह ने की।
नगर कीर्तन में सबसे आगे गतका पार्टी, पंजाबी फौजी बैंड अपनी कला के जौहर दिखा रहे थे। उसके पीछे गुरवाणी गाते स्कूलों के बच्चे और उनके पीछे पानी का टैंकर व झाड़ू लगाते हुए संगत चल रही थी। सड़क पर बिखरे फूलों के ऊपर होकर श्री गुरु साहिब की फूलों से सजी पालकी चल रही थी। जहां संगत मत्था टेककर आशीर्वाद ले रही थी। संगत को प्रसाद भी वितरित किया जा रहा था। संगत पालकी के पीछे सतगुर नानक परगटिया मिटी धुंध जग चानन होया आदि शबद गायन करती चल रही थी।
Trending Videos
सीमांत ग्राम नानकपुरी टांडा गुरुद्वारा बाग साहिब से बुधवार की सुबह दस बजे दिल्ली कारसेवा वाले बाबा वचन सिंह के निर्देश पर बाबा चंदन सिंह व बाबा गुरजंट सिंह की देखरेख में नगर कीर्तन शुरू होकर क्षेत्र के चुंबकिया, गोधी, हयात नगर, खाता शर्मा मोड़, मनुआ पट्टी होते हुए गुरुद्वारा नानकपुरी टांडा साहिब पहुंचा। नगर कीर्तन समाप्ति की अरदास हेड ग्रंथी ज्ञानी हरदीप सिंह ने की।
विज्ञापन
विज्ञापन
नगर कीर्तन में सबसे आगे गतका पार्टी, पंजाबी फौजी बैंड अपनी कला के जौहर दिखा रहे थे। उसके पीछे गुरवाणी गाते स्कूलों के बच्चे और उनके पीछे पानी का टैंकर व झाड़ू लगाते हुए संगत चल रही थी। सड़क पर बिखरे फूलों के ऊपर होकर श्री गुरु साहिब की फूलों से सजी पालकी चल रही थी। जहां संगत मत्था टेककर आशीर्वाद ले रही थी। संगत को प्रसाद भी वितरित किया जा रहा था। संगत पालकी के पीछे सतगुर नानक परगटिया मिटी धुंध जग चानन होया आदि शबद गायन करती चल रही थी।