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Saharanpur News: कुत्ताें-बंदरों का आतंक, एक ही दिन में 50 से अधिक को काटा
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सहारनपुर/सरसावा। जिले में कुत्तों-बंदरों का आतंक नहीं रुक रहा है। रविवार को शहर से लेकर देहात में 50 से अधिक लोगों को शिकार बनाया। रैबीज से बचने के लिए लोग राजकीय मेडिकल कॉलेज व एसबीडी जिला अस्पताल में पहुंचे। आठ को गंभीर हालत के चलते हायर सेंटर रेफर किया।
शहर में कोटेशाह चुंगी निवासी नदीम को मोहल्ले में ही कुत्ते ने काट लिया। वह रविवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां उन्हें एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया। इसी तरह भूतेश्वर रोड पर बंदरों ने शुभम को काट लिया। वह भी जिला अस्पताल में पहुंचे। सरसावा के गांव तेल्लीपुरा रजत (20) घर के बाहर खड़ा था। अचानक पीछे से आए कुत्ते ने हमला कर दिया। हुसैनपुर निवासी रानी (35), बीदपुर निवासी सुमन (31), पथरी के रहने वाले संजय (45) और चौरीमंडी के चरण सिंह (95) पर भी कुत्तों ने हमला किया। इनके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भी कुत्ते काटने के मामले पहुंचे। सरसावा सीएचसी प्रभारी डॉ. अनुराग चौहान ने बताया कि पांच अलग-अलग गांवों के पांच लोगों को कुत्तों ने काटा है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। सभी को प्राथमिक उपचार दिया गया। उन्होंने बताया कि 95 वर्षीय चरण सिंह को खून की कमी और कमजोरी के चलते पिलखनी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में भय का माहौल है। कुत्तों के हमले से गांव वालों ने बच्चों को बाहर भेजना बंद कर दिया है। ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी से कुत्तों को पकड़कर अन्य स्थानों पर छोड़ने की मांग की है।
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- चार बार लगता है एआरवी इंजेक्शन
कुत्ते काटने पर चार बार एआरवी का इंजेक्शन लगता है। इसमें पहला कुत्ता काटे के तुरंत बाद, तीसरे दिन, सातवें दिन और 28वें दिन पर इंजेक्शन लगाया जाता है। समय पर इंजेक्शन लगने से व्यक्ति को रेबीज से बचाया जा सकता है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 200 लोग पहुंचते हैं, जिनमें 50 नए होते हैं, जबकि बाकी पुराने मरीज रहते हैं।
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-- फैक्ट फाइल
- जिले में कुत्ते - 1.25 लाख- जिला अस्पताल की ओपीडी - 200 से अधिक
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शहर में कोटेशाह चुंगी निवासी नदीम को मोहल्ले में ही कुत्ते ने काट लिया। वह रविवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां उन्हें एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया। इसी तरह भूतेश्वर रोड पर बंदरों ने शुभम को काट लिया। वह भी जिला अस्पताल में पहुंचे। सरसावा के गांव तेल्लीपुरा रजत (20) घर के बाहर खड़ा था। अचानक पीछे से आए कुत्ते ने हमला कर दिया। हुसैनपुर निवासी रानी (35), बीदपुर निवासी सुमन (31), पथरी के रहने वाले संजय (45) और चौरीमंडी के चरण सिंह (95) पर भी कुत्तों ने हमला किया। इनके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भी कुत्ते काटने के मामले पहुंचे। सरसावा सीएचसी प्रभारी डॉ. अनुराग चौहान ने बताया कि पांच अलग-अलग गांवों के पांच लोगों को कुत्तों ने काटा है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। सभी को प्राथमिक उपचार दिया गया। उन्होंने बताया कि 95 वर्षीय चरण सिंह को खून की कमी और कमजोरी के चलते पिलखनी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में भय का माहौल है। कुत्तों के हमले से गांव वालों ने बच्चों को बाहर भेजना बंद कर दिया है। ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी से कुत्तों को पकड़कर अन्य स्थानों पर छोड़ने की मांग की है।
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- चार बार लगता है एआरवी इंजेक्शन
कुत्ते काटने पर चार बार एआरवी का इंजेक्शन लगता है। इसमें पहला कुत्ता काटे के तुरंत बाद, तीसरे दिन, सातवें दिन और 28वें दिन पर इंजेक्शन लगाया जाता है। समय पर इंजेक्शन लगने से व्यक्ति को रेबीज से बचाया जा सकता है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 200 लोग पहुंचते हैं, जिनमें 50 नए होते हैं, जबकि बाकी पुराने मरीज रहते हैं।
- जिले में कुत्ते - 1.25 लाख- जिला अस्पताल की ओपीडी - 200 से अधिक