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Saharanpur News: घर में घुसकर मारी थी गोली, आजीवन कारावास
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Sat, 20 Dec 2025 12:28 AM IST
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सहारनपुर। घर में घुसकर हत्या करने के मामले में अदालत ने दोषी शाहबेआलम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा अन्य छह दोषियों सत्तार, गुफरान, मुस्तकीम, अहतशाम, इंतजार व तारिक को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया है।
वादी कबीर आलम ने थाना नागल में लिखित तहरीर दी थी। बताया कि एक अगस्त 2013 की रात सभी विपक्षी उसके घर में घुस आए। उन्होंने हाथों में तमंचे, लाठी-डंडे लिए हुए थे। सिकंदर, मुर्तजा मकसूद घर में बैठे चाय पी रहे थे। इसके बाद शाहबेआलम ने गोली चला दी। गोली पत्नी रहनुमा को लगी। इससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की। मामले की विवेचना के बाद मुकदमे को अदालत में दाखिल किया। मामले की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-3 की अदालत में जारी थी। सुनवाई के दौरान वादी ने अदालत में दिए अपने बयान में कहा घटना से दो माह पहले उसने एसडीएम कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर विपक्षियों के खाद के गड्ढे रुकवाए थे।
इसके बाद जब निजी काम से उसका बेटा विपक्षियों के यहां गए तो उसे जान से मारने और अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसके बाद उन सभी के चालान भी हुए थे। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक ने मामले की पैरवी की। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि विपक्षीगणों ने एक राय होकर वादी कबीर की पत्नी की हत्या कर दी। अदालत ने पत्रावलियों पर आए साक्ष्यों और गवाहों को सुनने के बाद दोषियों को सजा सुनाई है।
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वादी कबीर आलम ने थाना नागल में लिखित तहरीर दी थी। बताया कि एक अगस्त 2013 की रात सभी विपक्षी उसके घर में घुस आए। उन्होंने हाथों में तमंचे, लाठी-डंडे लिए हुए थे। सिकंदर, मुर्तजा मकसूद घर में बैठे चाय पी रहे थे। इसके बाद शाहबेआलम ने गोली चला दी। गोली पत्नी रहनुमा को लगी। इससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की। मामले की विवेचना के बाद मुकदमे को अदालत में दाखिल किया। मामले की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-3 की अदालत में जारी थी। सुनवाई के दौरान वादी ने अदालत में दिए अपने बयान में कहा घटना से दो माह पहले उसने एसडीएम कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर विपक्षियों के खाद के गड्ढे रुकवाए थे।
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इसके बाद जब निजी काम से उसका बेटा विपक्षियों के यहां गए तो उसे जान से मारने और अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसके बाद उन सभी के चालान भी हुए थे। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक ने मामले की पैरवी की। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि विपक्षीगणों ने एक राय होकर वादी कबीर की पत्नी की हत्या कर दी। अदालत ने पत्रावलियों पर आए साक्ष्यों और गवाहों को सुनने के बाद दोषियों को सजा सुनाई है।
