UP: संभल में 1978 के दंगों के केस वापस लेने संबंधी पत्र वायरल, अब शासन के आदेश पर दोबारा हो रही जांच
संभल में 1978 के दंगे के मुकदमे वापसी से जुड़ा 1993 का पत्र वायरल होने के बीच प्रशासन इससे जुड़े रिकॉर्ड खंगाल रहा है। दंगे में 82 आरोपी थे और 72 को जेल हुई थी। अब शासन ने इसका फिर से रिकॉर्ड तलब किया है।
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संभल में 1978 दंगे की फाइल प्रशासन खंगाल रहा है। अब 23 दिसंबर 1993 का एक पत्र वायरल हुआ है। जो तत्कालीन विशेष सचिव न्याय आरडी शुक्ला का बताया जा रहा है। यह मुरादाबाद के तत्कालीन डीएम को लिखा गया था। जिसमें कुल दर्ज 16 मुकदमों से आठ मुकदमे वापसी की जानकारी से अवगत कराया गया था।
इस पत्र के वायरल होते ही चर्चा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के द्वारा यह मुकदमे वापस कराए गए थे। अन्य में दोषमुक्त करा दिया गया था। जो मुकदमे वापस हुए थे उसमें आगजनी, लूट और अन्य गंभीर अपराध शामिल थे। 29 मार्च 1978 को संभल दंगे की आग में जला था। हिंदू लोगों की हत्याएं की गई थीं और लूटपाट भी हुई थी।
दंगे के बाद दर्ज मुकदमों में 82 आरोपी बनाए गए थे और 72 जेल गए थे। इस दंगे के बाद हिंदू आबादी पलायन करने के लिए मजबूर हो गई थी। जिन लोगों की जान गई थी उनको इंसाफ 46 वर्ष बाद भी नहीं मिला है। इन मृतकों के परिजनों को अभी भी इंसाफ मिलने का इंतजार है। शासन ने दंगे के रिकॉर्ड को तलब किया है।
पुलिस और प्रशासन के अधिकारी रिकॉर्ड को एकत्र करने में लगे हैं। जिससे शासन को रिपोर्ट भेजी जा सके। मुकदमे वापसी का पत्र वायरल होने पर पीड़ित परिवार ज्यादा मायूस हैं। मोहल्ला ठेर निवासी विष्णु सरन रस्तोगी ने बताया कि दंगे में मेरी दुकान जला दी थी।
200 रुपये मुआवजा मिला था। उस समय के पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए। जो दोषी हैं उनको सजा मिलनी चाहिए। अब शासन ने रिकॉर्ड मांगा है तो उम्मीद है कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
दंगों की आग में जलता रहा है संभल
संभल में पहला दंगा 1924 को हुआ था। जिसमें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू महात्मा गांधी के कहने पर जांच करने के लिए आए थे। जिसमें उन्होंने दंगे की तस्वीर अपनी रिपोर्ट में शामिल की थी। इसके बाद दूसरा दंगा 1947 में देश के बंटवारे के समय हुआ था।
इसी तरह अलग अलग वर्ष में 18 बार संभल आग में जला। जिसमें 2019 और 2024 में भीड़ और पुलिस की झड़प हुई। सबसे बड़ा नरसंहार 1978 के दंगे में हुआ था। इसकी ही रिपोर्ट शासन ने तलब की है।
1978 के दंगे की रिपोर्ट शासन से तलब की गई है। रिकॉर्ड को एकत्र किया जा रहा है। उसके बाद शासन को रिकॉर्ड भेजा जाएगा। जो आदेश मिलेगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। - कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी, संभल