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Shamli News: जहरीली हो गई हवा, जलते धुएं में गुम हो रहे दावे

Meerut Bureau मेरठ ब्यूरो
Updated Fri, 21 Nov 2025 12:15 AM IST
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atmosphir news
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शामली। जिले में प्रदूषण के दावे सड़क किनारे जलाए जा रहे कूड़े के धुएं में गुम हो रहे हैं। दिन प्रतिदिन हवा जहरीली हो रही है। बृहस्पतिवार को एक्यूआई 311 दर्ज किया गया। जबकि बुधवार को 183 था।
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प्रदूषण अधिक होने के कारण सुबह को स्मॉग छाया रहा और लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई। वहीं, सांस के मरीजों का दम घुटने लगा। आंखों में जलन के कारण भी परेशानी बढ़ रही है।
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यहां पिछले महीने प्रदूषण बढ़ना शुरू हुआ था, जो लगातार कई दिन बढ़ता रहा। पिछले एक सप्ताह से कमी आई थी, मगर बृहस्पतिवार को अचानक प्रदूषण फिर से बढ़ गया। एक्यूआई 311 पर पहुंच गया और लोगों की परेशानी बढ़ गई। सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण और बढ़ने की संभावना है।
उधर, बृहस्पतिवार का अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार को भी तापमान यही था।

सांस लेने में परेशानी
जिला अस्पताल की चिकित्सक डॉ. सानिया मिर्जा ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने और धुंध छाने से गले में समस्या ज्यादा हो रही है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है और सांस के मरीजों के लिए यह काफी खतरनाक है। अस्पताल में इन बीमारियों के मरीज भी बढ़ रहे हैं।
मास्क और चश्मा लगाने की सलाह
इस तरह के मौसम में ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि शरीर के अंदर गए कण जम जाते हैं।
घर से बाहर निकलना हो तो मुंह पर मास्क व आंखों पर चश्मा लगाएं।
आंखों को दिन में कई बार पानी से धोते रहें।
औसत एक्यूआई का मानक
0-50 – अच्छा
51-100 – औसत
101-200 – असामान्य
201-300 – खराब
301-400 – ज्यादा खराब
400+ – बेहद खतरनाक

नियमित पानी का छिड़काव करें, फसल अवशेष न जलाएं
प्रदूषण बढ़ने के कारण ग्रेड-3 लागू किया गया है। डीएम ने दो दिन पूर्व ही कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर जिम्मेदारी सौंपी। किसी भी स्थान पर फसल अवशेष न जलाए जाएं। राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारी जाकर कार्रवाई करें। नगर पालिका व पंचायत क्षेत्र में पानी का नियमित छिड़काव कराया जाए। एनएचएआई के अधिकारियों को सड़कों पर भी पानी छिड़कने के आदेश दिए गए। कूड़ा जलाने वालों पर कार्रवाई हो। उद्योगों में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियां बंद कराई जाएं।

जिले में अब तक 16 आग के मामले
कृषि विभाग के अनुसार, जिले में पराली, गन्ना पत्ती और कूड़े में आग लगाने के 16 मामले सामने आ चुके हैं। 25 की सूचना अधिकारियों को दी गई थी, अन्य मामलों में पुष्टि नहीं हो सकी। उपकृषि निदेशक प्रमोद कुमार ने बताया कि किसानों और लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि गन्ना पत्ती या पराली न जलाएं। जलाने वालों की सूचना पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को नुकसान
शामली।कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि बढ़ता प्रदूषण बड़ी समस्या है। यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। कारण: औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, फैक्ट्रियों से धुआं, जीवाश्म ईंधन का जलना और रसायनों का अधिक उपयोग। सर्दियों में ठंडी हवा के संपर्क में धूल कण आते हैं और स्मॉग बनता है।
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