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Shamli News: जिसे गांव ने मृत माना, वह जिंदा लौटी घर
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शामली। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के काटीखास गांव की 69 वर्षीय सुनीता एक वर्ष पूर्व प्रयागराज कुंभ मेले में भीड़ के दौरान बिछड़ गई थीं। परिजनों ने लगातार तलाश जारी रखी, लेकिन महिला का कोई सुराग नहीं मिला।
गांववालों ने दबाव बनाकर उन्हें मृत मानते हुए तेरहवीं कराने को कहा, पर परिजनों ने यह मानने से इन्कार किया कि सुनीता की मृत्यु हो चुकी है। तेरहवीं न करने पर ग्रामीणों ने पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। किसी भी शादी–समारोह व भोज में शामिल होने पर रोक लगा दी गई। इसी बीच सुनीता भटककर पानीपत पहुंच गई थीं, जहां से 13 अक्टूबर 2024 को एसडी कॉलेज के ललित कुमार ने उन्हें शामली के अपना घर आश्रम में भर्ती कराया।
आश्रम प्रबंधक अरविंद कुमार के अनुसार महिला की मानसिक स्थिति कमजोर थी। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण राय की देखरेख में उनका उपचार किया गया। धीरे–धीरे इलाज से उनकी याददाश्त वापस आने लगी और उन्होंने अपना नाम व गांव की जानकारी दी।
आश्रम प्रबंधन ने इंटरनेट, गूगल और ग्राम प्रधान की मदद से उनकी पहचान की पुष्टि कर परिजनों से संपर्क साधा। रविवार को सुनीता के पति मलखान सिंह और पोते अनिल शामली पहुंचे, जहां आश्रम में सुनीता को सकुशल देखकर उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। दोनों ने बताया कि कुंभ मेले में भगदड़ के दौरान कई लोगों की मृत्यु हुई थी, जिनमें सुनीता को भी मृत मान लिया गया।
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गांववालों ने दबाव बनाकर उन्हें मृत मानते हुए तेरहवीं कराने को कहा, पर परिजनों ने यह मानने से इन्कार किया कि सुनीता की मृत्यु हो चुकी है। तेरहवीं न करने पर ग्रामीणों ने पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। किसी भी शादी–समारोह व भोज में शामिल होने पर रोक लगा दी गई। इसी बीच सुनीता भटककर पानीपत पहुंच गई थीं, जहां से 13 अक्टूबर 2024 को एसडी कॉलेज के ललित कुमार ने उन्हें शामली के अपना घर आश्रम में भर्ती कराया।
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आश्रम प्रबंधक अरविंद कुमार के अनुसार महिला की मानसिक स्थिति कमजोर थी। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण राय की देखरेख में उनका उपचार किया गया। धीरे–धीरे इलाज से उनकी याददाश्त वापस आने लगी और उन्होंने अपना नाम व गांव की जानकारी दी।
आश्रम प्रबंधन ने इंटरनेट, गूगल और ग्राम प्रधान की मदद से उनकी पहचान की पुष्टि कर परिजनों से संपर्क साधा। रविवार को सुनीता के पति मलखान सिंह और पोते अनिल शामली पहुंचे, जहां आश्रम में सुनीता को सकुशल देखकर उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। दोनों ने बताया कि कुंभ मेले में भगदड़ के दौरान कई लोगों की मृत्यु हुई थी, जिनमें सुनीता को भी मृत मान लिया गया।