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Shamli News: मृत गाय का क्लेम न देने पर कंपनी पर 95 हजार का जुर्माना
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शामली। न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग शामली ने मृत गाय का बीमा क्लेम न देने के मामले में सुनवाई की। आयोग ने इंश्योरेंस कंपनी को 95 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश जारी किया है।
गांव पठानपुरा निवासी अनुज कुमार ने तीन अगस्त 2021 को आयोग में कोलामंडलम मैसर्स जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. चेन्नई के शाखा प्रबंधक, पशु चिकित्साधिकारी गढ़ीपुख्ता और बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा शामली के प्रबंधक के विरुद्ध परिवाद दायर किया था। परिवादी ने बताया कि 23 मई 2017 को दो गाय 75-75 हजार रुपये की यानी डेढ़ लाख रुपये में खरीदी थी। दोनों गाय खरीदने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा शामली से पशु लोन लिया था। इंश्योरेंस कंपनी से दोनों गायों का बीमा कराया था। 26 मई 2018 को एक गाय की मृत्यु हो गई। इसके बाद उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी को टोल फ्री नंबर पर और बैंक को गाय की मृत्यु होने की सूचना दी। इंश्योरेंस कंपनी ने न तो मृत गाय की जांच कराई और न ही फोटो आदि कराए। केवल पशु चिकित्साधिकारी गढ़ीपुख्ता द्वारा मृत गाय के फोटो व जांच कराई गई।
पशु चिकित्साधिकारी ने गाय के कान पर लगे टैग को निकालकर बीमा क्लेम के लिए फाइल में लगा दिया। इंश्योरेंस कंपनी की साइट से पोस्टमार्टम फार्म डाउनलोड कर निकाला और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की। परिवादी ने बीमा क्लेम संबंधी सभी दस्तावेज प्राप्त कराने के बाद भी इंश्योरेंस कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिस पर अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा गया। इंश्योरेंस कंपनी ने परिवादी के व्हाटसएप के माध्यम से आठ फरवरी 2021 को कैटल क्लेम रिपुडिएशन लेटर भेजा, जिसमें बीमा क्लेम निरस्त करने का कारण कान का वास्तविक टैग बरकरार न होने और टूटी हुई स्थिति में होना बताया। परिवादी ने इंश्योरेंस कंपनी पर क्लेम न देने व धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया।
आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने इंश्योरेंस कंपनी को आदेशित किया कि परिवादी की मृतक गाय की बीमित धनराशि 75 हजार रुपये मय छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज क्लेम निरस्तीकरण की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक और परिवादी को हुई मानसिक, आर्थिक और शारीरिक क्षतिपूर्ति और वाद के खर्च के रूप में इंश्योरेंस कंपनी 10 हजार रुपये परिवादी को अदा करने के लिए इस आयोग में जमा करें। सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए इंश्योरेंस कंपनी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी अधिरोपित किया।
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गांव पठानपुरा निवासी अनुज कुमार ने तीन अगस्त 2021 को आयोग में कोलामंडलम मैसर्स जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. चेन्नई के शाखा प्रबंधक, पशु चिकित्साधिकारी गढ़ीपुख्ता और बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा शामली के प्रबंधक के विरुद्ध परिवाद दायर किया था। परिवादी ने बताया कि 23 मई 2017 को दो गाय 75-75 हजार रुपये की यानी डेढ़ लाख रुपये में खरीदी थी। दोनों गाय खरीदने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा शामली से पशु लोन लिया था। इंश्योरेंस कंपनी से दोनों गायों का बीमा कराया था। 26 मई 2018 को एक गाय की मृत्यु हो गई। इसके बाद उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी को टोल फ्री नंबर पर और बैंक को गाय की मृत्यु होने की सूचना दी। इंश्योरेंस कंपनी ने न तो मृत गाय की जांच कराई और न ही फोटो आदि कराए। केवल पशु चिकित्साधिकारी गढ़ीपुख्ता द्वारा मृत गाय के फोटो व जांच कराई गई।
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पशु चिकित्साधिकारी ने गाय के कान पर लगे टैग को निकालकर बीमा क्लेम के लिए फाइल में लगा दिया। इंश्योरेंस कंपनी की साइट से पोस्टमार्टम फार्म डाउनलोड कर निकाला और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की। परिवादी ने बीमा क्लेम संबंधी सभी दस्तावेज प्राप्त कराने के बाद भी इंश्योरेंस कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिस पर अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा गया। इंश्योरेंस कंपनी ने परिवादी के व्हाटसएप के माध्यम से आठ फरवरी 2021 को कैटल क्लेम रिपुडिएशन लेटर भेजा, जिसमें बीमा क्लेम निरस्त करने का कारण कान का वास्तविक टैग बरकरार न होने और टूटी हुई स्थिति में होना बताया। परिवादी ने इंश्योरेंस कंपनी पर क्लेम न देने व धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया।
आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने इंश्योरेंस कंपनी को आदेशित किया कि परिवादी की मृतक गाय की बीमित धनराशि 75 हजार रुपये मय छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज क्लेम निरस्तीकरण की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक और परिवादी को हुई मानसिक, आर्थिक और शारीरिक क्षतिपूर्ति और वाद के खर्च के रूप में इंश्योरेंस कंपनी 10 हजार रुपये परिवादी को अदा करने के लिए इस आयोग में जमा करें। सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए इंश्योरेंस कंपनी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी अधिरोपित किया।