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Shamli News: नम आंखों से दी गई ब्रह्मलीन महात्मा सतबीर दास को भू समाधि
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ऊन। कस्बे में स्थित अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन गुरु गद्दी ऊन शुक्रताल के संस्थापक सतगुरु स्वामी समनदास महाराज के शिष्य महात्मा सतबीर दास को गद्दी ऊन में नम आंखों से भू समाधि दी गई।
भूसमाधि से पहले गुरु वंदना की गई। गुरु चरणों में अरदास करते हुए आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी महाराज ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह शरीर नश्वर है, जो संसार में आया है उसको एक दिन अवश्य जाना है और इंसान के कर्म ही व्यक्ति को महान बनाते है। महात्मा सतबीर दास मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे और सबको साथ लेकर चलने वाले नेक इंसान थे।
विदित हो कि शनिवार को ऊन-झिंझाना रोड पर सड़क हादसे में महात्मा सतबीर दास की मृत्यु हो गई थी। उनका जन्म गांव बरवाला थाना शाहपुर जिला मुजफ्फरनगर में माता करतारी व पिता छुआरा सिंह के घर पर दो मार्च 1961 को हुआ था, जिन्होंने बाल्यावस्था से ही सतगुरु स्वामी समनदास महाराज के सानिध्य में आजीवन अविवाहित रहकर मिशन के लिए प्रचार प्रसार किया और गुरु गद्दी ऊन में भी सेवारत रहे। वर्तमान में वह होसंगपुर कस्बा झिंझाना में स्थित सतगुरु रविदास मंदिर पर सेवारत थे। महात्मा ज्ञानदास, महात्मा जगराम दास, महीपाल दास, महात्मा कृष्णदास, प्रीतमदास, महात्मा मेघराज दास, प्रेमदास, महात्मा गुलाबदास, महात्मा विजयदास, नत्थादास, नगर पंचायत ऊन चेयरमैन प्रदीप चौधरी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अमित कुमार, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष प्रभात अनुज भारती, विपिन कुमार, अक्षय बरवाला, नीरज समेत बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी।
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भूसमाधि से पहले गुरु वंदना की गई। गुरु चरणों में अरदास करते हुए आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी महाराज ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह शरीर नश्वर है, जो संसार में आया है उसको एक दिन अवश्य जाना है और इंसान के कर्म ही व्यक्ति को महान बनाते है। महात्मा सतबीर दास मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे और सबको साथ लेकर चलने वाले नेक इंसान थे।
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विदित हो कि शनिवार को ऊन-झिंझाना रोड पर सड़क हादसे में महात्मा सतबीर दास की मृत्यु हो गई थी। उनका जन्म गांव बरवाला थाना शाहपुर जिला मुजफ्फरनगर में माता करतारी व पिता छुआरा सिंह के घर पर दो मार्च 1961 को हुआ था, जिन्होंने बाल्यावस्था से ही सतगुरु स्वामी समनदास महाराज के सानिध्य में आजीवन अविवाहित रहकर मिशन के लिए प्रचार प्रसार किया और गुरु गद्दी ऊन में भी सेवारत रहे। वर्तमान में वह होसंगपुर कस्बा झिंझाना में स्थित सतगुरु रविदास मंदिर पर सेवारत थे। महात्मा ज्ञानदास, महात्मा जगराम दास, महीपाल दास, महात्मा कृष्णदास, प्रीतमदास, महात्मा मेघराज दास, प्रेमदास, महात्मा गुलाबदास, महात्मा विजयदास, नत्थादास, नगर पंचायत ऊन चेयरमैन प्रदीप चौधरी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अमित कुमार, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष प्रभात अनुज भारती, विपिन कुमार, अक्षय बरवाला, नीरज समेत बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी।