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UP: हाईवे किनारे था आतंकियों का ‘कोड वर्ड’...टील ग्रुप से पढ़ाया जा रहा था आतंक का पाठ; कई चौंकाने वाले खुलासे

महबूब अली, अमर उजाला, शामली Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 17 Nov 2025 10:16 AM IST
सार

एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकियों का ‘कोड वर्ड’ हाईवे किनारे था। टील ग्रुप से आतंक का पाठ पढ़ाया जा रहा था। झिंझाना निवासी आजाद और अन्य से पूछताछ चल रही है। 200 से अधिक टेलीग्राम ग्रुप के सदस्य रडार पर हैं।

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Terrorists code word was on highway Teel Group was teaching terror lessons ATS investigation revealed
आजाद शेख का फाइल फोटो, व उसका मकान - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में गिरफ्तार झिंझाना निवासी आजाद शेख और उसके साथियों से पूछताछ में एटीएस अहमदाबाद को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। जांच में सामने आया कि हथियारों की सप्लाई के लिए ‘हाईवे किनारे’ नामक कोड वर्ड आईएसआई हैंडलर अबू खदीजा और अबू आल्हा ने बनाया था। इसी कोड वर्ड के जरिए राजस्थान सीमा से हथियारों की डिलीवरी कराई गई थी।
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एटीएस अधिकारियों के अनुसार, हनुमानगढ़ से अहमदाबाद तक हथियार पहुंचाने के लिए संदिग्धों ने टेलीग्राम कॉल पर इस कोड वर्ड का इस्तेमाल किया ताकि बातचीत सुनने वाले जांच एजेंसियां भ्रमित रहें और समझें कि आरोपी किसी हाईवे किनारे स्थान का जिक्र कर रहे हैं। 
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हनुमानगढ़ से हथियार उठाने वाली जगह भी इसी कोड से चिह्नित की गई थी। आजाद से भी इसी कोड के माध्यम से बात की जा रही थी। एटीएस के अधिकारियों को जांच में पता चला है कि आतंकी अबू खदीजा और अबू आल्हा ने टेलीग्राम पर ‘टील’ नाम से एक ग्रुप बनाया हुआ था, जिस पर हथियारों की सप्लाई, भारत में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने व हथियारों के फोटो आदि शेयर किए जा रहे थे। ग्रुप में करीब दो सौ सदस्य हैं, जिनकी जांच एजेंसियों ने शुरू कर दी है।

नशे के रास्ते हथियार पहुंचाने की थी प्लानिंग
एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए आजाद और अन्य आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के जिन-जिन रास्तों से नशा अहमदाबाद या फिर अन्य स्थानों पर पहुंचाया जाता है, उन्हीं रास्तों से व्यापक स्तर पर हथियारों को पहुंचाने की प्लानिंग थी।


 

तीनों के मोबाइल फोन को जांच के लिए अहमदाबाद फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। फोन से डेटा रिकवर होने के बाद कई अहम खुलासे होने की संभावना है।

कोलकाता जमात के दौरान आजाद के फोन का हुआ था इस्तेमाल
जांच एजेंसियों को पता चला है कि कोलकाता जमात के जाने के दौरान जमात में शामिल कई अन्य लोगों ने भी आजाद का मोबाइल फोन ही घर पर कॉल करने के लिए प्रयोग किया था क्योंकि जमात में आजाद और एक अन्य सदस्य के पास ही मोबाइल फोन था। बाकी को मोबाइल ले जाने की मनाही थी।
 

शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और दिल्ली के कई लोगों ने आजाद के मोबाइल से बात की थी। हालांकि, उनकी भूमिका संदिग्ध नहीं है। जांच एजेंसियां अब सभी की डिटेल वेरिफाई कर रही हैं। झिझाना के एक मौलाना से भी इस मामले में पूछताछ की जा चुकी है।
 

आतंकियों ने हथियारों को पहुंचाने के लिए हाईवे किनारे नामक ''''कोड वर्ड'''' बनाया हुआ था। इसके अलावा टेलीग्राम ग्रुप के बारे में अहम जानकारी हाथ लगी है, जिसमें 200 से अधिक सदस्य हैं। नशे के रास्ते हथियार पहुंचाने की प्लानिंग का भी आरोपियों ने खुलासा किया है। जांच जारी है। जल्द ही अन्य आरोपी भी गिरफ्त में होंगे। ग्रुप में शामिल अन्य लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।-हर्ष कुमार, डीएसपी, एटीएस अहमदाबाद

यह था पूरा मामला
गुजरात एटीएस ने नौ नवंबर को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में झिंझाना के आजाद शेख, लखीमपुर खीरी के सुहेल और अहमदाबाद के अहमद मोइय्यूद्दीन को गिरफ्तार किया था।
 

बरामदगी में एक गाड़ी, एक पिस्टल, तीन कारतूस और करीब चार लीटर कैस्टल ऑयल (विष बनाने का कच्चा रसायन) मिला था। इनका सीधा संपर्क पाकिस्तान में बैठे अफगानी आतंकी अबू खदीजा से निकला। उसे पकड़ने के लिए एटीएस ने जाल बिछाया है, लेकिन वह अभी गिरफ्त में नहीं आया है।
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