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Shamli News: फटे कट्टे, कम वजन…सोसाइटी की लापरवाही से त्रस्त किसान
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शामली। जिलेभर के किसान इन दिनों खाद वितरण व्यवस्था से बेहाल हैं। सरकार जहां किसानों को यूरिया सहित अन्य खाद उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं चला रही है, वहीं जमीनी स्तर पर सोसाइटी अधिकारियों की लापरवाही ने किसानों का रोष बढ़ा दिया है।
भभीसा सोसाइटी सहित कई समितियों पर किसानों को पिछले दिनों से फटे और कटे यूरिया के कट्टे दिए जा रहे हैं, जिनमें वजन भी कम निकल रहा है। किसानों का कहना है कि यह लापरवाही सीधे-सीधे उनकी जेब पर चोट है। फटे कट्टों की शिकायतें नई नहीं हैं। किसानों ने इसका मुद्दा कई बार विभागीय अधिकारियों के सामने उठाया है, लेकिन समस्याओं का समाधान दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है। डांगरौल गांव के किसान राजन जावला ने बताया कि भभीसा सोसाइटी ही नहीं, जिले की कई अन्य समितियों में भी किसानों को ऐसे ही फटे कट्टे दिए जा रहे हैं। उनका कहना है कि 19 नवंबर को आयोजित किसान दिवस में इस मुद्दे को पूरी गंभीरता के साथ उठाया गया था। कई किसानों ने मंच से इस समस्या को उजागर किया था, लेकिन अधिकारी सुनने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहे।
आर्थिक नुकसान झेल रहे किसान, बोले–वजन कम निकलता है
शामली। हुरमंजपुर के किसान उदय सिंह ने कहा कि फटे कट्टों के कारण न सिर्फ कट्टा खराब होता है, बल्कि वजन कम मिलने से किसान को नुकसान उठाना पड़ता है। उनका कहना है कि जब कट्टा फटा होता है तो यूरिया गिरकर कम हो जाता है, लेकिन उसी का पूरा दाम किसानों से वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में फसल उगाने की तैयारी चल रही है, ऐसे में यूरिया की गुणवत्ता और उपलब्धता बेहद अहम है, लेकिन सोसाइटी किसानों की तकलीफों से बेखबर है।
समय पर खाद भी नहीं मिलती, किसान परेशान
शामली। डांगरौल गांव के किसान बलबीर सिंह ने बताया कि समस्या सिर्फ फटे कट्टों की नहीं है। समय पर खाद उपलब्ध न होना भी बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि कई बार किसान लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन स्टॉक खत्म होने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया जाता है।
उन्होंने यह भी मांग की कि सोसाइटी में जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय हो और फटे कट्टों की आपूर्ति पर रोक लगे।
किसानों की चेतावनी : जल्द समाधान नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन
किसानों ने साफ कहा है कि यदि आने वाले दिनों में समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे मजबूर होकर आंदोलन की राह पकड़ेंगे। कई किसानों ने कहा कि उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, इसलिए अब सामूहिक रूप से आवाज उठाई जाएगी।
-सभी समितियों पर ऑथोराइज्ड कांटे होते हैं। अगर कोई कट्टा फटा हुआ मिलता है तो उसका माल पूरा कर सिलाई करवाकर कांटे से नापतोल के बाद ही पूरे कट्टे को विक्रय किया जाता है। -शुभम मलिक, एआर कॉपरेटिव
जिलाधिकारी बोले–मामला गंभीर, होगी जांच
जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान ने कहा कि सोसाइटी में कट्टे फटे मिलने का मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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भभीसा सोसाइटी सहित कई समितियों पर किसानों को पिछले दिनों से फटे और कटे यूरिया के कट्टे दिए जा रहे हैं, जिनमें वजन भी कम निकल रहा है। किसानों का कहना है कि यह लापरवाही सीधे-सीधे उनकी जेब पर चोट है। फटे कट्टों की शिकायतें नई नहीं हैं। किसानों ने इसका मुद्दा कई बार विभागीय अधिकारियों के सामने उठाया है, लेकिन समस्याओं का समाधान दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है। डांगरौल गांव के किसान राजन जावला ने बताया कि भभीसा सोसाइटी ही नहीं, जिले की कई अन्य समितियों में भी किसानों को ऐसे ही फटे कट्टे दिए जा रहे हैं। उनका कहना है कि 19 नवंबर को आयोजित किसान दिवस में इस मुद्दे को पूरी गंभीरता के साथ उठाया गया था। कई किसानों ने मंच से इस समस्या को उजागर किया था, लेकिन अधिकारी सुनने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहे।
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आर्थिक नुकसान झेल रहे किसान, बोले–वजन कम निकलता है
शामली। हुरमंजपुर के किसान उदय सिंह ने कहा कि फटे कट्टों के कारण न सिर्फ कट्टा खराब होता है, बल्कि वजन कम मिलने से किसान को नुकसान उठाना पड़ता है। उनका कहना है कि जब कट्टा फटा होता है तो यूरिया गिरकर कम हो जाता है, लेकिन उसी का पूरा दाम किसानों से वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में फसल उगाने की तैयारी चल रही है, ऐसे में यूरिया की गुणवत्ता और उपलब्धता बेहद अहम है, लेकिन सोसाइटी किसानों की तकलीफों से बेखबर है।
समय पर खाद भी नहीं मिलती, किसान परेशान
शामली। डांगरौल गांव के किसान बलबीर सिंह ने बताया कि समस्या सिर्फ फटे कट्टों की नहीं है। समय पर खाद उपलब्ध न होना भी बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि कई बार किसान लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन स्टॉक खत्म होने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया जाता है।
उन्होंने यह भी मांग की कि सोसाइटी में जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय हो और फटे कट्टों की आपूर्ति पर रोक लगे।
किसानों की चेतावनी : जल्द समाधान नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन
किसानों ने साफ कहा है कि यदि आने वाले दिनों में समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे मजबूर होकर आंदोलन की राह पकड़ेंगे। कई किसानों ने कहा कि उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, इसलिए अब सामूहिक रूप से आवाज उठाई जाएगी।
-सभी समितियों पर ऑथोराइज्ड कांटे होते हैं। अगर कोई कट्टा फटा हुआ मिलता है तो उसका माल पूरा कर सिलाई करवाकर कांटे से नापतोल के बाद ही पूरे कट्टे को विक्रय किया जाता है। -शुभम मलिक, एआर कॉपरेटिव
जिलाधिकारी बोले–मामला गंभीर, होगी जांच
जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान ने कहा कि सोसाइटी में कट्टे फटे मिलने का मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
