सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Siddharthnagar News ›   Siddharthnagar News : DJ's race: Noise affecting heart weak and ears

डीजे की होड़: दिल कमजोर और कान पर असर कर रहा शोर

संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर Updated Wed, 26 Nov 2025 12:33 AM IST
विज्ञापन
Siddharthnagar News : DJ's race: Noise affecting heart weak and ears
शहर के निकली बारात के दौरान डीजे की नाचते लोग। संवाद - फोटो : जमुनहा ​​स्थित अपने डेयरी पर उत्पाद बेंचती ​शिवकुमारी।
विज्ञापन
- नगर में एक साथ दो बरात की अगवानी में फट जाता है कान, धड़कने लगते हैं दिल
Trending Videos

- वाइब्रेशन के साथ गाने की होड़ ने बढ़ाया खतरा, तहसील मुख्यालयों पर हर जगह 10 से अधिक मैरिज हॉल आसपास ही
- गोरखपुर और बस्ती के डीजे के जिले में बढ़ी डिमांड उनके शोर से टूटती है नींद कान में रात भर गूंजता है गाना
सिद्धार्थनगर। शादी की धूम है और डीजे की धुन पर लोग थिरक भी रहे हैं। जिले के सभी पांच तहसील मुख्यालय नौगढ़, शोहरतगढ़, डुमरियागंज, बांसी और इटवा इन दिनों डीजे के शोर से दहल जा रहा है। वहीं नगर में अगर एक साथ दो बरात आसपास हो गई तो डीजे की होड़ इस कदर बढ़ जाती है कि आसपास से गुजरने वालों के कान झनझना उठ रहे हैं। दिल की धड़कने तेज हो जा रही हैं। डॉक्टरों की मानें तो मानक से अधिक आवाज पर डीजे का शोर नुकसानदेह है। लोगों को जहां तक मुमकिन हो इससे बचना चाहिए।
जिला मुख्यालय पर 15 से 20 और तहसील मुख्यालयों पर 10 से अधिक मैरिज हॉलों आसपास ही हैं। यहां रहने वाले लोग, सड़क से गुजरने वाले राहगीर और रात में अस्थमा व दिल की बीमारी से जूझ रहे बुजुर्ग सभी इस शोर से परेशान हैं। रात 11 बजे के बाद भी डीजे का शोर थमने के बाद भी कान में सीटी बजती रहती है और कई लोग बताते हैं कि नींद टूटने के बाद भी गाने की गूंज सिर से उतर नहीं पाती। वाइब्रेशन के साथ बजने वाले हाई-बास गानों ने जीना मुहाल कर दिया है। मगर न तो जिम्मेदार इस ओर कोई ठोस कदम बढ़ा रहे हैं और न ही इस्तेमाल करने वाले ही इसका ध्यान रखते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

---

बस्ती व गोरखपुर के डीजे की बढ़ी डिमांड, शोर भी दोगुना

स्थानीय डीजे से अधिक डिमांड इन दिनों बस्ती और गोरखपुर के बड़े सेटअप वालों की है। भारी बास, 10-15 फीट ऊंचे बॉक्स, चार तरफ फुल रेंज स्पीकर और वाइब्रेशन टाॅवर इन सबके साथ जब एक बरात निकलती है तो उसके शोर की तीव्रता 200-300 मीटर दूर तक सुनाई देती है। एक साथ दो बैंड-बाजे या बरात आसपास हो गई तो पूरा रास्ता जाम हो जाता है। लोग कहते हैं कि अब शादी भी दुर्गा पूजा की तरह आमने-सामने डीजे भिड़ाने का मंच बन गई है। होड़ में गाना तेज किया जाता है, बास बढ़ाया जाता है और उससे घरों की खिड़कियां तक हिलने लगती हैं। रास्ते से गुजरने वालों की बेचैनी बढ़ जाती है। तेज आवाज के कारण घंटों कान से सीटी बजती है।


12 दिसंबर तक अधिकतम शोर

जिले में बरातों का सीजन 12 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सबसे अधिक मैरिज हॉल बुक हैं। लगातार शोर से बच्चों की नींद प्रभावित हो रही है और बुजुर्गों की बेचैनी बढ़ रही है। दिल के मरीजों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। कारण बजने के बाद वह बेचैन हो उठते हैं और सोने में परेशानी होने लगती है। कई बार अस्पताल जाने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
---

विशेषज्ञ की राय, दिल और कान पर कितना असर

120-130 डेसिबल तक पहुंचने वाला डीजे का शोर दिल की धड़कन बढ़ाता है। वाइब्रेशन वाले बास का असर ब्लड प्रेशर को अचानक बढ़ा या घटा सकता है। दिल के मरीजों में घबराहट, पसीना और सांस फूलने की समस्या तुरंत हो सकती है।

- डॉ. सीबी चौधरी, चेस्ट फिजिशियन, मेडिकल कॉलेज
---
85 डेसिबल से अधिक आवाज कान के पर्दे पर दबाव बढ़ाती है। 150-160 डेसिबल के बॉक्स 5-10 सेकंड में भीतरी कान में सूजन पैदा करने के लिए काफी होते हैं। लगातार शोर से रात में कान में सिटी, चक्कर और सुनने की क्षमता पर स्थायी असर पड़ सकता है।
- डॉ. संजय कुमार शर्मा, ईएनटी, सर्जन
---
ईएनटी विशेषज्ञ के अनुसार
डेसिबल का असर
60-70 डेसीबेल - सामान्य बातचीत, कोई नुकसान नहीं
80-90 डेसीबेल - सड़क का शोर, लंबे समय में नुकसान शुरू

100-120 डेसीबेल - डीजे का सामान्य स्तर, कान का पर्दा कमजोर

130-150 डेसीबेल - डीजे वाइब्रेशन मोड, तत्काल नुकसान, दिल धड़कन तेज

160 डेसीबेल - कान का पर्दा फटने का खतरा

---
कितनी आवाज में बजना चाहिए

डॉक्टरों के मुताबिक दिल के मरीज कितने डेसिबल तक सह सकते हैं

मरीज का प्रकार
सहनशीलता सीमा
खतरा कब बढ़ता है
माइल्ड हार्ट पेशेंट 70-80 डेसीबेल - 100 डेसीबेल से ऊपर दिल की धड़कन अनियमित
बीपी वाले मरीज 60-70 डेसीबेल तेज बास और 110 डेसीबेल पर पल्स रेट बढ़ जाता है

हार्ट रिकवरी मरीज 50-60 डेसीबेल 80 डेसीबेल से ऊपर तुरंत घबराहट/सांस फूलना

वरिष्ठ नागरिक
60 डेसीबेल 90-100 डेसीबेल पर बेचैनी, सिरदर्द

---

पांचों तहसील मुख्यालयों की स्थिति

- नौगढ़ स्टेशन रोड और बसस्टैंड क्षेत्र में रोज 2-3 बरातें निकलने से जाम की समस्या होती है। इसके साथ ही आसपास की आबादी के वाले लोग रात में लोग सो नहीं पा रहे।
- शोहरतगढ़ मैरिज हॉल के पास बाजार और आवासीय इलाके जुड़े होने से शोर का सीधा असर असर पड़ता है। इसमें बुजुर्गों को अधिक परेशानी होती है। उनकी ऐसी शिकायतें बढ़ीं हैं।
- बांसी मुख्यालय पर प्रतिदिन 10-12 कार्यक्रम। गोरखपुर वाले बड़े डीजे सेटअप की सबसे ज्यादा मांग यहीं है।
- इटवा बिस्कोहार और डुमरियागंज रोड, अस्पताल और स्कूल के पास हॉल होने से शोर का सबसे ज्यादा असर बच्चों और मरीजों पर पड़ता है। इसके साथ ही लोगों को निकलने में कठिनाई होती है।
---

ओपीडी में बेचैनी के मरीज पहुंचे
माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज दिल के रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रतिदिन तीन से चार ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिनके आसपास बरात पर घंटों डीजे बजा, इसके बाद वह बैचने हाे गए। दवा से स्थिति नियंत्रण में नहीं आई तो अस्पताल का रुख करना पड़ा। डॉ. सीबी चौधरी ने बताया कि जब लग्न शुरु होती है तो ऐसे मरीज आते हैं जो बताते हैं कि डीजे की आवाज से उनकी समस्या बढ़ी है। प्रतिदिन तीन से चार मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, जिन्हें दवा दी जा रही है। वहीं, बांसी जिला अस्पताल में तैनात ईएनटी सर्जन डॉ. संजय कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले एक माह से काम में सिटी बजने और कान से कम सुनाई पड़ने वाले मरीज पहुंच रहे हैं। इनकी हिस्ट्री में घंटों तक डीजे पर डांस या फिर पड़ोस में बजने से समस्या होने की बात सामने आई है। कान को सुरक्षित रखने के लिए डीजे से दूरी जरूरी है। क्योंकि, कान का पर्दा फट सकता है, आवाज गुम हो सकती है। इसके लिए लंबी दवा चलानी पड़ती है।
---
बोले डीजे बजने पर बढ़ जाती है परेशानी
लगन के महीने में तेज आवाज में बज रहे डीजे काफी परेशानी उत्पन्न करती हैं। हार्ट की समस्या होने के कारण गांव में बज रहे डीजे के दौरान कमरे में बंद रहना पड़ता है। प्रशासन को डीजे पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

संपूर्ण पांडेय, डोमसरा निवासी
---

उम्र के हिसाब से तेज ध्वनि के कारण कान बजने लगता है। रास्ते में जाते समय कहीं डीजे बजते हुए जाता है और उसका वाइब्रेशन तेज होने पर धड़कन बढ़ जाती है। साथ ही सीने में दर्द होने लगता है। डीजे को बंद करा देना चाहिए।
- राम पियारे यादव, सेखुई गोवर्धन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed