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UP Police Encounter: पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड के दो शूटरों का एनकाउंटर, पिसावां में मुठभेड़ में ढेर

अमर उजाला नेटवर्क, सीतापुर Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 07 Aug 2025 10:01 AM IST
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सार

यूपी के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में वांछित दोनों शूटरों की पिसावां में पुलिस से मुठभेड़ हो गई। गोली लगने से दोनों शूटरों की मौत हो गई। इन पर हत्या का प्रयास, हत्या और अन्य कई गंभीर मामले दर्ज थे।

UP Police Encounter journalist Raghavendra Bajpai murder case Two shooters killed in encounter in Pisawan
UP Police Encounter - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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सीतापुर के महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने दो शूटरों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में मारे गए शूटरों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। 
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जानकारी के अनुसार, सीतापुर के महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में वांछित और एक-एक लाख रुपये के इनामिया बदमाश संजय तिवारी और राजू तिवारी की बृहस्पतिवार सुबह पिसावां में पुलिस से मुठभेड़ हुई। 
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पुलिस से मुठभेड़ में दोनों शूटर घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। शूटरों के मारे जाने के बाद राघवेंद्र के परिवार से भी प्रतिक्रिया आई है। राघवेंद्र की पत्नी इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। 

एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पिसावां महोली मार्ग पर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम काम्बिंग कर रही थी। इसी दौरान शूटर संजय तिवारी और राजू तिवारी बाइक से जा रहे थे। पुलिज ने बाइक सवारों को रुकने का इशारा किया तो दोनों ने पुलिस पर फायर झोंक दिया। 

मुठभेड़ में शूटरों को लगी गोली
पुलिस ने भी क्रॉस फायरिंग की। दोनों शूटरों को मुठभेड़ में गोली लग गई। उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। 

एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि दोनों वांछित थे। शूटरों की पहचान संजय तिवारी उर्फ अकील खान और राजू तिवारी उर्फ रिजवान के रूप में हुई है। दोनों मिश्रित के अटवा निवासी हैं। इन पर हत्या का प्रयास, हत्या और अन्य कई गंभीर मामले दर्ज थे।


 

आठ मार्च को हुई थी राघवेंद्र की हत्या
बता दें कि इसी वर्ष आठ मार्च को राघवेंद्र की हेमपुर ओवरब्रिज पर करीब दोपहर तीन बजे दो शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने 34 दिनों के बाद हत्याकांड का खुलासा कर एक पुजारी और दो अन्य को जेल भेजा था। इस मामले में दोनों शूटर फरार चल रहे थे। इनकी तलाश में टीमें लगी थीं।
 

राघवेंद्र हत्याकांड में शामिल थे पांच लोग
आठ मार्च को हुए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का 34 दिन बाद पुलिस ने खुलासा किया था। हत्याकांड में पांच लोग शामिल थे जिनमें से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। साजिश में शामिल कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी को उनके दो परिचितों संग गिरफ्तार किया गया था। वहीं, गोली मारने वाले दो शूटरों को वांछित घोषित किया गया था। उन्हें पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की तीन टीमों के अलावा एसटीएफ की सात टीमें लगी थीं।
 

राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी रश्मि बोलीं- हम संतुष्ट नहीं हैं
शूटरों की पुलिस से मुठभेड़ की जानकारी अमर उजाला ने राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी रश्मि बाजपेयी को दी। रश्मि बाजपेयी ने कहा कि पति के अंतिम संस्कार से पहले हमने कहा था कि घटना का खुलासा हमारी जानकारी में होना चाहिए। अगर शूटर पकड़े जाएं तो हमें दिखाया जाए। न तो खुलासा हमें बताकर हुआ और न एनकाउंटर से पहले दोनों के बारे में जानकारी दी गई। हम इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।


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