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Sonebhadra News: 84 घंटे बाद मिला बंधी में डूबे किशोर का शव
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विण्ढमगंज थाना क्षेत्र के केवाल गांव के मृतक- आशीष कुमार(फाइल फोटो)स्रोत परिजन
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विंढमगंज। स्थानीय थाना क्षेत्र के केवाल गांव में रविवार को बंधी में डूबे आशीष कुमार (14) का शव 84 घंटे बाद बृहस्पतिवार को बरामद हुआ। एसडीआरएफ की टीम तीन दिनों से किशोर को तलाश रही थी। शव की हालत देख पिता ने हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस के रवैये पर भी नाराजगी जाहिर की है।
ग्राम केवाल निवासी प्रेमचंद यादव का पुत्र आशीष कुमार (14) रविवार की शाम गांव की बंधे की ओर गया था। इसी दौरान बंधे में जाने से डूब गया था। स्थानीय लोग मछुआरों की मदद से उसकी तलाश में जुटे थे। मंगलवार को एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची।
नाव से करीब 6 घंटे लगातार बंधी में आशीष की तलाश करती रही, मगर सफलता नहीं मिली। बुधवार को भी खोज जारी रहा। बृहस्पतिवार की सुबह लोगों ने बंधी में शव देख सूचना परिजनाें को दी। इसके बाद शव को बाहर निकाला गया। पिता प्रेमचंद यादव ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि पांच दिनों तक खोजबीन के बावजूद शव नहीं मिला, जबकि आज अचानक बंधी के सतह पर मिल जाना संदेह पैदा करता है।
इस बंधी में मछली पालन होता है। हजारों की तादाद में बड़ी-बड़ी मछलियां हैं। फिर भी मछलियों ने शव के किसी भी अंग को खाया तक नहीं। यह डूब कर मौत नहीं, हत्या है। आशीष की बुआ ने आरोप लगाया कि प्रार्थना पत्र में पैर फिसलने की बात जबरन लिखवाई जा रही थी, जिसका विरोध किया गया।
प्रशासन सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है। उच्चस्तरीय जांच ज़रूरी है। वहीं, मामा कृष्ण यादव ने भी साजिश की आशंका जताई। थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए दुद्धी सीएचसी भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो सकेगी। परिजनों की ओर से जो तहरीर दी जाएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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ग्राम केवाल निवासी प्रेमचंद यादव का पुत्र आशीष कुमार (14) रविवार की शाम गांव की बंधे की ओर गया था। इसी दौरान बंधे में जाने से डूब गया था। स्थानीय लोग मछुआरों की मदद से उसकी तलाश में जुटे थे। मंगलवार को एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची।
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नाव से करीब 6 घंटे लगातार बंधी में आशीष की तलाश करती रही, मगर सफलता नहीं मिली। बुधवार को भी खोज जारी रहा। बृहस्पतिवार की सुबह लोगों ने बंधी में शव देख सूचना परिजनाें को दी। इसके बाद शव को बाहर निकाला गया। पिता प्रेमचंद यादव ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि पांच दिनों तक खोजबीन के बावजूद शव नहीं मिला, जबकि आज अचानक बंधी के सतह पर मिल जाना संदेह पैदा करता है।
इस बंधी में मछली पालन होता है। हजारों की तादाद में बड़ी-बड़ी मछलियां हैं। फिर भी मछलियों ने शव के किसी भी अंग को खाया तक नहीं। यह डूब कर मौत नहीं, हत्या है। आशीष की बुआ ने आरोप लगाया कि प्रार्थना पत्र में पैर फिसलने की बात जबरन लिखवाई जा रही थी, जिसका विरोध किया गया।
प्रशासन सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है। उच्चस्तरीय जांच ज़रूरी है। वहीं, मामा कृष्ण यादव ने भी साजिश की आशंका जताई। थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए दुद्धी सीएचसी भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो सकेगी। परिजनों की ओर से जो तहरीर दी जाएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी।