सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Sonebhadra News ›   Cough Syrup Case Brothers running black market of codeine syrup selling two firms FIR in sonbhadra

Cough Syrup Case: सगे भाई चला रहे थे कोडीन सिरप का काला कारोबार, दो फर्मों के जरिए बेची; तीन पर FIR

अमर उजाला नेटवर्क, सोनभद्र। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Sun, 30 Nov 2025 10:23 AM IST
सार

यूपी के सोनभद्र में औषधि निरीक्षक की जांच में यह मामला सामने आया है। दो फार्मा संचालकों पर राबर्टसगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच में यहां न दवाइयों का कोई स्टॉक, न लाइसेंस की प्रति और न ही कोई रजिस्टर ही मिला है।

विज्ञापन
Cough Syrup Case Brothers running black market of codeine syrup selling two firms FIR in sonbhadra
कफ सिरप से जुड़ा है मामला। - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

Sonbhadra News: जिले में कोडीनयुक्त के बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। यह खुलासा तब हुआ जब औषधि निरीक्षक राजेश कुमार मौर्य की तरफ से गई जांच में सगे भाइयों की तरफ से संचालित दो मेडिकल स्टोरों की चौंकाने वाली भूमिका सामने आई। जांच में पता चला कि रांची स्थित फर्म शैली ट्रेडर्स ने सोनभद्र की मेसर्स मां कृपा मेडिकल एवं मेसर्स शिविक्षा फार्मा को कुल 7,53,000 शीशियाँ (7.53 करोड़ एमएल) कोडीनयुक्त सीरप बेची थीं। 

Trending Videos


यह मात्रा न केवल संदिग्ध मानी गई, बल्कि दुकानों पर वास्तविक भंडारण या बिक्री का कोई साक्ष्य भी नहीं मिला। प्रकरण में कब तस्करी गिरोह के मुख्य सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल सहित दो फार्मा संचालकों (सगे भाइयों) के खिलाफ राबर्टसगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
विज्ञापन
विज्ञापन


पुलिस को दी गई तहरीर में औसत निरीक्षक की तरफ से बताया गया है कि मुख्यालय लखनऊ से मिले निर्देशों पर वह 25 नवंबर को राबटर्सगंज शहर से सटे बरकरा तालाब स्थित दोनों फर्मों की जांच के लिए पहुंचे। दोनों दुकानें बंद मिलीं। मकान मालिकों व पड़ोसियों ने बताया कि दुकानें महीनों से बंद रहती हैं। बाद में मालिक द्वारा भेजी गई चाबी से दुकान खोली गई, तो दुकान पूरी तरह खाली मिली। न दवाइयों का कोई स्टॉक, न लाइसेंस की प्रति, न कोई रजिस्टर ही मिला।

पुलिस ने की कार्रवाई

फर्म स्वामियों द्वारा जांच में सहयोग न करने और लगातार संपर्क से बचने पर शक और गहरा गया। भवन स्वामी ने लिखित रूप से बताया कि करीब दो वर्षों में फर्म मालिक सिर्फ 5–6 बार ही दुकान पर आए और शुरुआत में 3–4 पेटी दवा रखकर गायब हो गए। स्थानीय लोगों ने भी पुष्टि की कि यहाँ कोई वास्तविक कारोबार नहीं होता था।

जांच में सामने आया कि दोनों फर्मों ने कागजों में लाखों सिरप की खरीद दिखाई, जबकि दुकानें अस्तित्वहीन अवस्था में मिलीं। औषधि निरीक्षक राजेश मौर्य का कहना है कि कोडीन आधारित यह सिरप नशे के तौर पर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है और काले बाजार में ऊँचे दामों पर बिकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि शैली ट्रेडर्स के प्रो. भोला प्रसाद जायसवाल ने कई जिलों में इस तरह की फर्जी फर्मों को भारी मात्रा में कोडीनयुक्त दवाएं बेची हैं। वाराणसी सहित अन्य जिलों में भी इनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं।

औषधि निरीक्षक ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए संबंधित फर्म मालिकों के खिलाफ औषधि अधिनियम 1940, भारतीय न्याय संहिता 2023 तथा एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए  शनिवार की रात राबटर्सगंज कोतवाली में तहरीर सौंपी। बताते चलें कि प्रशासनिक स्तर पर यह अब तक का सबसे बड़ा कोडीन सिरप घोटाला बताया जा रहा है, जिसमें दस्तावेजी हेराफेरी कर करोड़ों रुपये का अवैध लाभ कमाने का आरोप है।

इनके इनके ऊपर दर्ज की गई प्राथमिकी 
प्रभारी निरीक्षक माधव सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मां कृपा मेडिकल बरकरा के स्वामी सत्यम कुमार और  फर्म मेसर्स शिविक्षा फार्मा के विजय गुप्ता निवासी के 64/1ए, गोला दिनानाथ, कबीर चौरा, वाराणसी, पोस्ट-वाराणसी, जनपद-वाराणसी, रांची के पते पर पंजीकृत फर्म शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद जायसवाल हालपता-ए 9/24जे, कायस्थ टोला, प्रहलाद घाट, थाना-आदमपुर, वाराणसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की जांच तेजी से की जा रही है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed