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Sonebhadra News: 28 में से पांच की हालत मिली गंभीर
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सोनभद्र। ठंड बढ़ने के साथ हृदय रोगियों की भी परेशानी बढ़ने लगी है। सरकार की तरफ से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल आने वाले मरीजों की पहचान और तत्काल उपचार शुरू करने की मुहिम चलाई गई है। इसमें ऐसे कई रोगियों की पहचान हुई है। प्राथमिक चरण में पांच केंद्रों पर रोगियों की पहचानने की शुरू की गई मुहिम में हृदयरोग के 28 मरीज पाए गए हैं। इसमें पांच ऐसे मिले हैं, जिन्हें तत्काल जरूरी दवा-इंजेक्शन देते हुए बीएचयू रेफर करना पड़ा।
शासन स्तर से सभी डॉक्टरों-तकनीकी स्टाफ को हृदयरोगियों को पहचानने और उन्हें तत्काल जरूरी उपचार उपलब्ध कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला अस्पताल, अनपरा स्थित संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी चोपन, घोरावल और म्योरपुर पर तैनात एक-एक डॉक्टर और दो-दो स्टाफ को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। यहां आठ सितंबर से दिल के दौरे से प्रभावित मरीजों को पहचानने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आंकड़े बताते हैं कि अब तक मिलते-जुलते लक्षणों वाले कुल 688 मरीजों का ईसीजी चेकअप किया जा चुका है। इसमें 27 ऐसे मरीज पाए गए, जिनमें हृदयरोग की दिक्कत पाई गई। वहीं पांच ऐसे मरीज मिले, जिन्हें तत्काल तीन जरूरी दवाएं खिलाने के साथ ही स्ट्रेप्टोकिनेस का इंजेक्शन लगाकर बीएचयू रेफर कर दिया गया।
बवाव के लिए इन चीजों का रखें ख्याल :
नोडल/एसीएमओ डाॅ. गिरधारी लाल ने कहा कि यदि किसी को भी दिल का दौरा पड़ने का संदेह है तो तत्काल 911 पर कॉल करें। प्रभावित व्यक्ति को बैठने, आराम करने, शांत रहने के लिए कहें। पहने गए कपड़े तंग हों तो उसे ढीला करें। अगर वह पहले से कोई दवा ले रहा है तो उसमें उसकी मदद करें। बताया कि बचाव के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम जरूरी है। पैदल चलना, साइकिल चलाना व योग सबसे ज्यादा फायदेमंद है। धूम्रपान छोड़ दें तो बेहतर रहेगा। अगर किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो तत्काल डॉक्टर से मिलें।
हृ़दयरोगियों की पहचान के लिए फिलहाल पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर-तकनीकी स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया है। उनके जरिये मिलते-जुलते लक्षणों वाले मरीजों की जांच भी शुरू हो गई है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा हो, इसके प्रयास जारी हैं। चूंकि मेडिकल कॉलेज में कोई कार्डियोलाजिस्ट नहीं है, इसलिए गंभीर मरीजों को तत्काल जरूरी दवा-इंजेक्शन देकर बीएचयू रेफर किया जा रहा है। - डाॅ. पीके राय, सीएमओ।
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शासन स्तर से सभी डॉक्टरों-तकनीकी स्टाफ को हृदयरोगियों को पहचानने और उन्हें तत्काल जरूरी उपचार उपलब्ध कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला अस्पताल, अनपरा स्थित संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी चोपन, घोरावल और म्योरपुर पर तैनात एक-एक डॉक्टर और दो-दो स्टाफ को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। यहां आठ सितंबर से दिल के दौरे से प्रभावित मरीजों को पहचानने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आंकड़े बताते हैं कि अब तक मिलते-जुलते लक्षणों वाले कुल 688 मरीजों का ईसीजी चेकअप किया जा चुका है। इसमें 27 ऐसे मरीज पाए गए, जिनमें हृदयरोग की दिक्कत पाई गई। वहीं पांच ऐसे मरीज मिले, जिन्हें तत्काल तीन जरूरी दवाएं खिलाने के साथ ही स्ट्रेप्टोकिनेस का इंजेक्शन लगाकर बीएचयू रेफर कर दिया गया।
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बवाव के लिए इन चीजों का रखें ख्याल :
नोडल/एसीएमओ डाॅ. गिरधारी लाल ने कहा कि यदि किसी को भी दिल का दौरा पड़ने का संदेह है तो तत्काल 911 पर कॉल करें। प्रभावित व्यक्ति को बैठने, आराम करने, शांत रहने के लिए कहें। पहने गए कपड़े तंग हों तो उसे ढीला करें। अगर वह पहले से कोई दवा ले रहा है तो उसमें उसकी मदद करें। बताया कि बचाव के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम जरूरी है। पैदल चलना, साइकिल चलाना व योग सबसे ज्यादा फायदेमंद है। धूम्रपान छोड़ दें तो बेहतर रहेगा। अगर किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो तत्काल डॉक्टर से मिलें।
हृ़दयरोगियों की पहचान के लिए फिलहाल पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर-तकनीकी स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया है। उनके जरिये मिलते-जुलते लक्षणों वाले मरीजों की जांच भी शुरू हो गई है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा हो, इसके प्रयास जारी हैं। चूंकि मेडिकल कॉलेज में कोई कार्डियोलाजिस्ट नहीं है, इसलिए गंभीर मरीजों को तत्काल जरूरी दवा-इंजेक्शन देकर बीएचयू रेफर किया जा रहा है। - डाॅ. पीके राय, सीएमओ।